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आंध्रप्रदेश : समय पर इलाज ना मिलने से बच्चे की मौत, सड़क खराब होने से लोग परेशान - Child Dies En Route To Hospital

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 23, 2024, 5:40 PM IST

Andhra Pradesh: आंध्रप्रदेश के मेट्टापलेम में इलाज के लिए अस्पताल ले जाते हुए तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. बच्चे के पिता ने दावा किया कि सड़क की खराब स्थिति के कारण ऑटो में चढ़ने में देरी हुई, इस कारण बच्चे की जान चली गई. स्थानीय आदिवासी नेताओं ने अधिकारियों पर सड़कों की भयावह स्थिति पर संज्ञान नहीं लेने का आरोप लगाया है.

Child Dies En-Route To Hospital.
अस्पताल ले जाते समय रास्ते में बच्चे की मौत.

श्रुंगवारापुकोटा:आंध्रप्रदेश के मेट्टापलेम जिले में सोमवार को अस्पताल ले जाते समय एक 3 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई. बच्चे के पिता ने दावा किया कि सड़क की खराब स्थिति के कारण सार्वजनिक परिवहन में चढ़ने में देरी हुई, जिससे बच्चे की जान चली गई.

गुनापाडु गांव के रहने वाले बदनैना जीवनकुमार के अनुसार, वाहनों की कमी के कारण ऑटो पकड़ने में देरी हो गई. उन्हें अपने बीमार बेटे प्रसाद को अपने घर से लगभग नौ किलोमीटर दूर मेट्टापलेम के अस्पताल दिखाने जाना था. देरी के कारण जीवनकुमार को अपने बेटे की जान गंवानी पड़ी. स्थानीय आदिवासी नेताओं ने सड़कों की भयावह स्थिति के मुद्दे पर ध्यान नहीं देने के लिए अधिकारियों और स्थानीय नेताओं को दोषी ठहराया.

स्थानीय आदिवासी नेताओं ने बातचीत में बताया कि जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कार्यालय और एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी के अधिकारियों ने जनवरी में गांव का दौरा किया था. उन्होंने चिकित्सा शिविरों के शीघ्र संचालन का आश्वासन दिया, लेकिन वास्तविकता में कुछ भी नहीं हुआ. प्राधिकरण की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोगों को सड़क पर यात्रा करते समय अपनी जान गंवानी पड़ रही है. कुछ दिन पहले, अल्लूरी जिले में एक सड़क के बीच में एक शव को एम्बुलेंस से उतार दिया गया था.

एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा, 'पिता को अपने बेटे के शव को आठ किलोमीटर तक अंधेरे में ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. पिछले महीने की ही बात है, एक महिला ने बीच सड़क पर एक बच्चे को जन्म दिया, क्योंकि उसे अल्लूरी जिले के स्थानीय जिला अस्पताल ले जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं था. महिला के परिवार के सदस्यों ने एम्बुलेंस बुक करने के लिए सुबह 4 बजे 108 नंबर डायल किया, लेकिन वह चार घंटे बाद सुबह 8 बजे पहुंची. परेशानी तब और बढ़ गई, जब सड़कों की खराब हालत के कारण एम्बुलेंस गांव से एक किलोमीटर दूर रुक गई'.

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