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ٹھگی کا نیا طریقہ، بدمعاشوں سے ہوشیار رہنے کی ضرورت

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Published : Sep 6, 2019, 3:19 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 3:50 PM IST

ریاست جھارکھنڈ کے دارلحکومت رانچی میں سائبر کرائم کے کیس میں اضافہ ہورہا ہے۔ سائبر کرائم کی مدد سے بدمعاش الگ الگ طریقوں سے لوگوں کو لوٹ رہے ہیں۔

ٹھگی کا نیا طریقہ

چوٹیا کے رہنے والے رمیش سنگھ کے ساتھ ایک ایسا ہی معاملہ پیش آیا۔اس کے بینک اکاؤنٹ میں 51 ہزار روپے کریڈیٹ کا میسج ملا۔

رمیش نے اکاؤنٹ چیک کیا، لیکن چیک کرنے پر اکاؤنٹ میں کوئی میسج نہیں دکھائی دیا۔انہوں نے میسج میں لکھے ٹرول فری نمبر پر کال کی۔جس کے بعد اس سے پوری معلومات حاصل کرکے 27 ہزار روپے ان کے بینک سے نکال لیے۔

ٹھگی کا نیا طریقہ

ایسا ہی معاملہ ڈورنڈا کے رہنے والے ہمانشو کو پے ٹی ایم والٹ پر 2200 روپے آنے سے متعلق ایک میسج آیا، لیکن پے ٹی ایم میں رقم نہ ملنے کی وجہ سے اس نے ٹرول فری نمبر پر کال کیا۔کال میں اس سے تمام معلومات لے کر اسے ایک او ٹی پی بھیجی گئی۔اس سے او ٹی پی میں پوچھ کر اکاؤنٹ سے نو ہزار روپے لوٹ لیے گئے۔

بدمعاش سائبر کرائم کریڈٹ ایس ایم ایس بھیج کر اکاؤنٹ سے روپے لوٹ رہے ہیں۔

میسیج آنے پر لوگ یہ سمجھتے ہیں کہ ان کے بینک سے یہ میسج آیا ہے۔ جب کہ میسیج سائبر کرائم کی جانب سے بھیجا گیا ہوتا ہے۔

سابئر کرائم کے لیے بدمعاش بلک میسیجنگ کا استعمال کرتے ہیں۔اس ایپ کی مدد سے ایک وقت میں کئی لوگوں کو مسیج کیا جاسکتا ہے۔ساتھ ہی اس ایپ سے بھیجا گیا میسج بالکل ویسا ہی ہوتا ہے جیسے متعلقہ کمپنی اور بینک میسج بھیجتے ہیں۔یہ بینک کے نام، پے ڈی ایم، گوگل سمیت دیگر والیٹ کمپنیوں کے نام سے بھیجتے ہیں۔

یہ بھیجے گئے میسیج کوڈیٹ ہوتے ہیں۔مسیج میں ہیلپ لائن نمبر بھی مہیا کرایا جاتاہے۔اگر صارفین اس نمبر پر کال کر معلومات طلب کرتے ہیں تو ان سے میسج کو آگے بڑھانے کو کہا جاتا ہے، جس کے بعد بینک اکاؤنٹ سے روپے لوٹ لیے جاتے ہیں۔

سائبر ملزمین کی طرف سے بھیجے گئے میسج کے ملنے کے بعد لوگ اپنا اکاؤنٹ دیکھتے ہیں۔روپے کریڈیٹ نہیں ہونے کی وجہ سے لوگ متعلقہ ہیلپ لائن نمبر پر کال کرتے ہیں۔اس کے بعد سائبر ملزم خود کو بینک ملازم بتاکر میسیج کو آگے بڑھانے کو کہہ کر یو پی آئی فراڈ کرتے ہیں۔

اطلاعات کے مطابق کئی مرتبہ یہ لوگ بینک اکاؤنٹ کی معلومات لے کر اکاؤنٹ سے روپے لوٹ لیتے ہیں۔

واضح رہے کہ بلک میسجنگ ایپ پلے اسٹور پر بلک ایس ایم ایس ایپ کے نام سے موجود ہے۔جنہیں انسٹال کرنے کے بعد میسج کا آپشن دیا جاتا ہے۔اس میں سینکڑوں نمبر پر ایک ساتھ میسج بھیجتے ہیں۔

اطلاعات کے مطابق سائبر پولیس اب اس ایپ کو ایجاد کرنے والی کمپنی کو بھی میسج بھیجے گی۔

رانچی کے سنیئر ایس پی انیش گپتا کے مطابق میسج بھیج کر روپے لوٹ رہے ہیں۔سائبر ملزم بالکل کمپنیوں جیسے میسج بھیجتے ہیں۔انہوں نے کہا سائبر ملزمین کے ساتھ بینک ملازم بھی شامل ہیں۔پولیس ملزمین کی تلاش میں ہے۔
انہوں نے کہا کہ لوگوں کو بھی اپنے بینک اکاؤنٹ کو لے کر بیدار ہونا ہوگا۔انہں دھیان دینا ہوگا کہ کون سا ایپ نقلی ہے ۔

رانچی رینج کے ڈی آئی جی امول وی ہومکر نے کہا کہ سائبر کرائم کا دائرے میں اضافہ ہوتا جارہا ہے۔ایسے میں بیدار اور ہوشیار ہونا ضروری ہے۔ رانچی پولیس کے پاس ایک ایسی ٹیم ہے جو سائبر کرائم کے خلاف کام کررہی ہے۔

انہوں نے کہا کہ کئی سائبر ملزم کی گرفتاری کی گئی ہے۔اس معاملے میں ابھی بہت کام کرنا ہے اور ان کی ٹیم اس کے لیے مسلسل تیاری کررہی ہے۔

Intro:Day plan story

साइबर अपराधी अलग-अलग हथकंडे अपनाकर लगातार आम और खास लोगो के खातों में सेंध लगा रहे हैं। साइबर अपरधियो ने लोगों को ठगने के लिए अब नया तरीका इजाद कर लिया है।अब साइबर अपराधी क्रेडिट एसएमएस भेजकर खातों से रुपये उड़ा रहे हैं। मैसेज आने पर लोग यह समझते हैं कि उनके बैंक से यह मैसेज आया है जबकि मैसेज साइबर अपराधी के द्वारा भेजा गया होता है ।

बल्क मैसेजिंग ऐप का प्रयोग
इसके लिए वे बल्क मैसेजिंग ऐप का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस ऐप के माध्यम से एक साथ सैकड़ों लोगों को मैसेज भेजा जा सकता है। इस ऐप के जरिए भेजा गया मैसेज ठीक वैसी रहता है, जैसे संबंधित कंपनी या बैंक ने भेजा हो। ये बैंक के नाम, पेटीएम, गूगल पे सहित अन्य वॉलेट कंपनियों के नाम के मैसेज भेजे जाते हैं। ये मैसेज कोडेड होती है। उस मैसेज में एक हेल्पलाइन नंबर भी होता है। जिसपर कॉल कर जानकारी मांगे जाने पर उस मैसेज को फॉरवर्ड करवाकर खातों से रुपये उड़ाया जा रहा है। रांची में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनपर साइबर थाने की पुलिस जांच कर रही है।

क्रेडिट के बाद चेक करने में फंसते है लोग
साइबर अपराधियों द्वारा भेजे गए ऐसे मैसेज मिलने के बाद खाताधारी  अपना खाता चेक करते हैं। रुपये क्रेडिट नहीं होने पर लोग संबंधित हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते हैं। इसके बाद साइबर अपराधी खुद को बैक प्रतिनिधि बताकर मैसेज फॉरवर्ड करवाकर यूपीआई फ्रॉड कर लेता है। जबकि कई बार तो मात्र खातों की डिटेल्स लेकर ही साइबर अपराधी खातों से रुपये लेते हैं।

क्या है बल्क मैसेजिंग ऐप
बल्क मैसेजिंग ऐप प्ले स्टोर पर बल्क एसएमएस के नाम से ऐप मौजूद हैं। जिन्हें इंस्टॉल करने के बाद शुल्क लेकर मैसेज का ऑप्शन दिया जाता है। उसमें सैकड़ों नंबर एक साथ इंपॉर्ट कर साइबर अपराधी मैसेज भेजते हैं। मैसेज भेजने वालों का जैसे-जैसे कॉल आता है, उनमें ठगी के शिकार होते हैं। साइबर थाने की पुलिस अब इस ऐप को बनाने वाली कंपनी को भी मैसेज भेजेगी।

हाल के मामले जिसमे साइबर अपरधियो ने की ठगी

1. चुटिया के रहने वाले रमेश सिंह को एक  मैसेज मिला। उनके खाते में 51 हजार रुपये क्रडिट का मैसेज मिला। उन्होंने अपना खाता चेक किया। चेक करने पर एकाउंट में कोई मैसेज नहीं दिखाई दिया। इसके बाद उन्होंने मैसेज में ही लिखे टोलफ्री नंबर पर कॉल की तो उनसे साइबर फ्रॉड ने पूरी जानकारी लेकर 27 हजार रुपये की निकासी कर ली।

2. डोरंडा के रहने वाले छात्र हिमांशु को पेटीएम वॉलेट पर 2200 रुपये क्रेडिट संबंधित मैसेज मिला। पेटीएम में रुपये ऐड नहीं होने पर टोलफ्री नंबर पर कॉल किया। कॉल कर उसे डिटेल्स लेकर ओटीपी भेजा गया। ओटीपी पूछकर खाते से नौ हजार रुपये उड़ा लिए गए।

पुलिस अलर्ट है ,जांच का दायरा बैंक कर्मियो तक भी पहुचेगा

रांची के सीनियर एसपी अनीश गुप्ता के अनुसार क्रेडिट मैसेज भेजकर रुपये उड़ाने का ट्रेंड चल रहा है। साइबर अपराधी ठीक वैसा मैसेज भेजते हैं, जैसा कंपनी भेजती। सूचना यह भी है कि साइबर अपराधियों की स्थति में कई बैंक के भी कर्मचारियों की मिलीभगत है पुलिस वैसे कर्मचारियों की तलाश में जुटी हुई है। हालांकि राँची के सीनियर एसपी अभी कहते हैं कि लोगों को भी अपने खातों के प्रति जागरूक होना होगा उन्हें ध्यान देना होगा कि कौन सा ऐप जाली है और उसका उपयोग साइबर अपराधी कर रहे हैं।

बाइट - अनीश गुप्ता ,एसएसपी , रांची



Body:साइबर टीम कर रही काम - डीआईजी

साइबर अपराधी हर दिन नए तरीके से आम लोगों को ठग रहे हैं। क्रेडिट स्कोर उनका नया तरीका है। जबकि पहले से ही  एटीएम और चेक का क्लोन बनाकर लोगों के खातों से पैसे गायब किए जा रहे हैं। रांची रेंज के डीआईजी अमोल वी होमकर के अनुसार साइबर अपराध का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सतर्कता बेहद जरूरी है। रांची पुलिस के पास एक ऐसी टीम है ,जो लगातार साइबर अपराध के खिलाफ काम कर रही है। कई साइबर अपराधी राजधानी से गिरफ्तार भी किए गए हैं। हालांकि इसमें अभी बहुत काम करना है और उनकी टीम इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है।


बाइट - अमोल वी होमकर ,डीआईजी ,रांची


Conclusion:क्या है साइबर अपरधियो के ठगी के तरीके

-अलग अलग मोबाइल नंबरों से फोन कर, बैंक एटीएम बंद होने के नाम पर नंबर मांगना और पैसे ट्रांसफर या ऑन लाइन शॉपिंग कर लेना।

-ठगी के लिए एप बनना, गूगल प्ले स्टोर पर डालना और एप के जरिए आईडी पासवर्ड चोरी कर इंटरनेट बैकिंग के जरिए पैसे ट्रांसफर करना।

-क्रेडिट और डेबिट कार्ड के नाम पर लोगों को फांसना, फिर फ्रॉड करना।

-कारोबारी बनकर फोन करना और बैंक से संबंधित सूचनाएं एकत्र करना, फिर एटीएम का पासवर्ड जानना।

-नौकरी दिलाने के नाम पर इंटरनेट पर विज्ञापन जारी करना, बेरोजगारों से पैसे ऑनलाइन वसूलना, पैसे दोगुने करने के नाम पर ठगी करना।


ये है बचाव के तरीके

-साइबर अपराध से बचने के लिए अपने मोबाइल नंबर पब्लिक प्लेस में किसी के द्वारा कंपनी के नाम पर मांगे जाने पर बिल्कुल नहीं दें।

-अगर आप मकान बदलते है तो अपने घर का वर्तमान एड्रेस अपने बैंक को जरूर दें।

-अपने बैंक खाते क्रेडिट कार्ड को नियमित अपडेट कराते रहें, ताकि यह पता चल सके कि कोई गलत लेन देन तो नहीं हुआ।

-उन्हीं एटीएम मशीन का उपयोग करे जिसमें सेक्यूरिटी गार्ड हो।

-फेसबुक पर अनजाने व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करे। 

- गूगल पर उपलब्ध बैंकों के ऐप को सावधानीपूर्वक जांच करने के बाद ही प्रयोग करें


- बैंक संबंधित लेनदेन के लिए या फिर किसी अपडेट के लिए नजदीकी बैंक जाकर काम करवाएं अगर जाने की स्थिति में नहीं है तो बैंकों के नंबर पर फोन कर वहां से जानकारी ले और उसके अनुसार काम करें

Last Updated : Sep 29, 2019, 3:50 PM IST
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