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पार्टी कार्यालयों तक पहुंची उत्तरकाशी आपदा की आग, शुरू हुई सियासत

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Published : Aug 20, 2019, 5:16 PM IST

उत्तरकाशी में आई आपदा के बाद राहत बचाव कार्य जारी है. आपदा प्रभावितों के लिए कई जगह कैंप लगाए गए हैं. वहीं आपदा आने पर अब प्रदेश के पार्टी कार्यालयों में खलबली मचने लगी है. इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर सियासी हमलावर हो गई हैं.

उत्तरकाशी में आई आपदा पर राजनीतिक पार्टियों में चढ़ा सियासी पारा.

उत्तरकाशी: जनपद में आई आपदा के बाद से अभी भी राहत बचाव कार्य जारी है. मौके पर ही जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस प्रशासन समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं. आपदा प्रभावितों के लिए खाद्य सामग्री व दवाइयां भेजी जा रही हैं. वहीं उत्तरकाशी में आई आपदा से अब प्रदेश के पार्टी कार्यालयों में खलबली मचने लगी है. इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर सियासी हमलावर हो गई हैं.

उत्तरकाशी में आई आपदा पर राजनीतिक पार्टियों में चढ़ा सियासी पारा.

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि उत्तरकाशी, चमोली, घाट में बादल फटने से कई लोगों की जान चली गई. इतनी बड़ी आपदा के बाद भी आपदा प्रबंधन विभाग की प्रतिक्रिया राहत के लिए उचित नहीं दिखाई दे रही है. साथ ही अभी तक यह निश्चित नहीं हो पाया है कि इस आपदा में कितने लोगों की जानें गई है. वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश में बदल फटने की घटना उत्तराखंड में बेहद सामान्य है. बादल फटने के बाद नुकसान से निपटने के लिए की गई तैयारियां कहीं नहीं दिख रही हैं.

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वहीं भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि प्राकृतिक आपदा किस समय और किस रूप में आएगी, इसका आंकलन कर लेना कोई तकनीकी नहीं है. हालांकि, उत्तरकाशी में आपदा आते ही तत्काल प्रभाव से सरकारी मशीनरी और भाजपा संगठन भी सक्रिय है. उन्होंने कहा कि जो जन धन की हानि हुई है वह बेहद दुःखद है. साथ ही बताया कि राज्य सरकार को नदियों के किनारे बसे लोगों के लिए व्यवस्थाएं करने का बोध है.

Intro:उत्तरकाशी में आयी आपदा के बाद से अभी भी राहत बचाव कार्य जारी है मौके पर ही जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, पुलिस प्रशासन समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौजूद है। और आपदा के प्रभावितों के लिए कई जगह कैंप लगाए गए हैं और खाद्य सामग्री दवाइयां भेजी जा रही हैं। तो वहीं अब उत्तरकाशी में आयी आपदा, प्रदेश के पार्टी कार्यालयों तक पहुंच गई है। इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर सियासी हमलावर हो गई हैं।


Body:वहीं कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि उत्तरकाशी, चमोली, घाट में बादल फटने से कई लोगों की जान चली गई। लेकिन इतनी बड़ी आपदा के बाद जिस तरह का रिस्पांस आपदा प्रबंधन विभाग का होना चाहिए था। वह कहीं दिखाई नहीं पड़ा। और अभी तक यह निश्चित नहीं हो पाई है कि इस आपदा में कितने लोगों की जानें गई हैं। साथ ही बताया कि साल 2013 में कांग्रेस के शासनकाल में जब आपदा आयी थी, उसके 4 दिन बाद ही बीजेपी ने शोर करना शुरू कर दिया था, कितने लोगों की जान गई है। लेकिन जो आपदा उत्तरकाशी में आयी है वह साल 2013 की तुलना में बहुत छोटा है। हालांकि प्रदेश में बदल फटने की घटना उत्तराखंड में बेहद सामान्य है। लेकिन बादल फटने के बाद जो नुकसान होता है उस नुकसान से निपटने के लिए जो तैयारी होती है वह तैयारियां आज कहीं नहीं दिख रही है।

बाइट - सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस


वही भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेंद्र भसीन ने बताया कि प्राकृतिक आपदा किस समय और किस रूप में आएगी, इसका आकलन पूर्व में कर लेना इसके लिए कोई तकनीकी नही है। और पूरे स्थल पर कहीं पर भी ऐसा हो सकता है लेकिन इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रिस्पांस टाइम क्या है। हालांकि उत्तरकाशी में जैसे ही आता की बात सामने आई तत्काल प्रभाव से पूरी सरकारी मशीनरी और भाजपा संगठन भी सक्रिय हो गया। और जितने भी उपलब्ध संसाधन थे और राहत के लिए जितने भी कारण हो सकते थे, वह काम तत्काल प्रभाव से शुरू कर दिए गए थे। हालांकि जो जन धन की हानि हुई है वो बेहद दुःखद है। साथ ही बताया कि जिन क्षेत्रों में नदियों के किनारे लोग बसे हुए हैं उनके लिए राज्य सरकार को क्या व्यवस्था करनी चाहिए, ये सरकार के संज्ञान में है, लेकिन उत्तरकाशी में आयी घटना के बाद तत्काल प्रभाव से जो कार्यवाही की जानी थी वो राज्य सरकार द्वारा की गई हैं और की जा रही हैं।

बाइट - देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रभारी, भाजपा



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