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सीमावर्ती गांव में शोपीस बना मोबाइल टावर, कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया?

उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव में मोबाइल टावर की लचर कनेक्टिविटी ने ग्रामीणों की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. उनके लिए ये मोबाइल टावर मात्र एक शोपीस बनकर रह गया है. जिसका उन्हें कोई लाभ नहीं मिल रहा है.

Uttarkashi
प्रदर्शन करते ग्रामीण
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Published : Sep 13, 2020, 7:45 PM IST

Updated : Sep 13, 2020, 10:23 PM IST

उत्तरकाशी: सरकार देश के हर कोने को डिजिटल इंडिया बनाने का दावा कर रही हैं, लेकिन इन दावों की धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. इन दावों की असल हकीकत बयां कर रहे हैं भटवाड़ी विकासखंड के उपला टकनौर के सीमावर्ती तीन गांव. जहां मोबाइल टावर तो लगा, लेकिन वह शोपीस बनकर रह गया. ग्रामीणों को इस सेवा का लाभ आज तक नहीं मिल पाया है. जिस कारण इन तीन गांव के ग्रामीणों को आज भी संचार सेवा का प्रयोग करने के लिए तीन से चार किमी दूर जाना पड़ता है.

कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया?

भारत-चीन सीमा पर स्थित उपला टकनौर के तीन गांव जसपुर, झाला और पुराली के लोगों की मांग पर सरकार ने मोबाइल टावर तो लगवा दिया था, लेकिन वह अभी भी शोपीस बना हुआ है. जिससे गुस्साए क्षेत्र के युवा रविवार को जसपुर के नजदीक शोपीस बने टावर के नीचे एकत्रित हुए, जहां पर युवाओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीण युवाओं का कहना है कि एक ओर सरकार सीमावर्ती गांवों को सशक्त करने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में एक मोबाइल नेटवर्क की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है.

पढ़ें- आईआईटी छात्रों ने बनाया वाइज एप, 2जी इंटरनेट पर भी होंगी ऑनलाइन कक्षाएं

उपला टकनौर क्षेत्र के जसपुर पुराली और झाला गांव के युवाओं का कहना है कि कई बार बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों को मोबाइल टावर की समस्या के बारे में अवगत कराया जा चुका है. लेकिन आज तक इसी दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. जिस कारण अब युवाओं का कहना है कि अगर जल्द ही मोबाइल टावर की समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वे आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे. गांव में स्कूली बच्चों को अपनी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी तीन से चार किमी दूर जाना पड़ता है.

उत्तरकाशी: सरकार देश के हर कोने को डिजिटल इंडिया बनाने का दावा कर रही हैं, लेकिन इन दावों की धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. इन दावों की असल हकीकत बयां कर रहे हैं भटवाड़ी विकासखंड के उपला टकनौर के सीमावर्ती तीन गांव. जहां मोबाइल टावर तो लगा, लेकिन वह शोपीस बनकर रह गया. ग्रामीणों को इस सेवा का लाभ आज तक नहीं मिल पाया है. जिस कारण इन तीन गांव के ग्रामीणों को आज भी संचार सेवा का प्रयोग करने के लिए तीन से चार किमी दूर जाना पड़ता है.

कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया?

भारत-चीन सीमा पर स्थित उपला टकनौर के तीन गांव जसपुर, झाला और पुराली के लोगों की मांग पर सरकार ने मोबाइल टावर तो लगवा दिया था, लेकिन वह अभी भी शोपीस बना हुआ है. जिससे गुस्साए क्षेत्र के युवा रविवार को जसपुर के नजदीक शोपीस बने टावर के नीचे एकत्रित हुए, जहां पर युवाओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. ग्रामीण युवाओं का कहना है कि एक ओर सरकार सीमावर्ती गांवों को सशक्त करने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र में एक मोबाइल नेटवर्क की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है.

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उपला टकनौर क्षेत्र के जसपुर पुराली और झाला गांव के युवाओं का कहना है कि कई बार बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों को मोबाइल टावर की समस्या के बारे में अवगत कराया जा चुका है. लेकिन आज तक इसी दिशा में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. जिस कारण अब युवाओं का कहना है कि अगर जल्द ही मोबाइल टावर की समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वे आगामी चुनाव का बहिष्कार करेंगे. गांव में स्कूली बच्चों को अपनी ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी तीन से चार किमी दूर जाना पड़ता है.

Last Updated : Sep 13, 2020, 10:23 PM IST

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