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सिलक्यारा टनल में हो रही वर्टिकल ड्रिलिंग, आसान नहीं होगा लोहे के गाटर को भेदना

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 27, 2023, 8:37 PM IST

Vertical drilling in Uttarkashi rescue operation उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे के 16 वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी तक 41 मजदूर बाहर नहीं निकल पाये हैं. पिछले दो दिनों से टनल में वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. अभी तक 36 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग की जा चुकी है. वर्टिकल ड्रिलिंग में लोहे के गाटर को भेद पाना आसान नहीं होगा. अधिकारी भी इसे चुनौती बता रहे हैं.

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सिलक्यारा टनल में हो रही वर्टिकल ड्रिलिंग

उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में हो रही वर्टिकल ड्रिलिंग में लोहे के गाटर को भेदना आसान नहीं होगा. रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों ने भी इसे बड़ी चुनौती बताया है.सिलक्यारा सुरंग में जहां भूस्खलन हुआ बस वहीं एक मात्र हिस्सा था, जिसमें लोहे के गाटर नहीं लगे थे. यहां उपचार का काम किया जा रहा था, तब तक भूस्खलन हो गया. जिसके कारण 41 मजदूर टनल में फंसे गये. इसके आगे सुरंग में लाइनिंग के साथ लोहे के गाटर लगाए गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि लोहे के गाटर को काटकर हटाने के लिए कोई न कोई उपाय जरुर निकाल लिया जाएगा.

सुरंग के अंदर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग में बार-बार बाधाओं के बाद अब वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है. जिसमें कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग की जानी है. यह सुरंग 305 मीटर के आसपास के प्वाइंट पर खुलेगी. इसमें यहां सुरंग की छत पर लगे लोहे के गाटर को भेदना ड्रिलिंग मशीन की रिक के लिए आसान नहीं होगा. यहां कुछ भी गड़बड़ हुई तो सुरंग को भी नुकसान पहुंच सकता है.

  • #WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Mahmood Ahmad, MD, National Highways & Infrastructure Development Corp. Ltd., says,"...The work of vertical boring is also going on... Nearly 36 meters have been done... We have to do it nearly 50 meters more... We will take all… pic.twitter.com/u3tj1suj5K

    — ANI (@ANI) November 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढे़ं-उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन: रोबोटिक सिस्टम की मदद से जानेंगे मजदूरों की मानसिक स्थिति, एक्सपर्ट सिलक्यारा पहुंचे

एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने भी इसे चुनौती बताते हुए कहा यह मुश्किल होगा, लेकिन लोहे के गाटर की कटिंग के लिए कटर वगैरह का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसके बाद सुरंग के अंदर तक एस्केप पैसेज तैयार हो जाएगा. जिससे अंदर फंसे श्रमिकों को बाहर निकाल लिया जाएगा.

  • #WATCH | | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue: Latest visuals outside the tunnel where operation is underway to rescue the 41 workers who got trapped here on 12th November. pic.twitter.com/U51kJOvMHc

    — ANI (@ANI) November 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढे़ं- उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन: 36 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग पूरी, रैट माइनिंग से होगी हॉरिजॉन्टल मैन्युअल ड्रिलिंग, जानें प्रोसेस

देरी से ड्रिलिंग शुरू करने पर उठ रहे सवाल: हादसे के दूसरे दिन ही श्रमिकों को बचाने के लिए पांच प्लान तैयार कर लिए गए. जिसमें वर्टिकल ड्रिलिंग भी शामिल था. इसके लिए जरुरी मशीनें भी मंगवा कर रख ली गई. लेकिन वर्टिकल ड्रिलिंग पर काम हादसे के 14 दिन बाद रविवार को शुरू हुआ. यह जल्द शुरू कर लिया गया होता तो अब तक 86 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी होती. जिससे अंदर फंसे श्रमिक खुली हवा में सांस ले रहे होते.

  • Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | 15 metres of vertical drilling work completed.

    As a second option, vertical drilling work was started from the hill above the tunnel.

    (Visual of the vertical drilling from earlier today) pic.twitter.com/FDgg4JDhNZ

    — ANI (@ANI) November 26, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
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