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3 अरब के डोबरा चांठी पुल की मास्टिक में आई दरारें, कंपनी के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मार्चा

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Published : Oct 1, 2021, 7:41 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 10:18 PM IST

डोबरा चांठी पुल के मास्टिक पर कई जगहों पर दरारें पड़ गई हैं. जिससे मास्टिक बिछाने वाली कंपनी सवालों के घेरे में आ गई है. ग्रामीणों ने सीएम व सिचाई मंत्री से गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच की मांग की है.

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3 अरब के डोबरा चांठी पुल की मास्टिक में आई दरारें

टिहरी: भारत के पहले सिंगल संस्पेशन डोबरा चांठी पुल पर बिछी मस्टिक के 50 से अधिक जोड़ों में दरार पड़ने लगी हैं. जिससे मास्टिक बिछाने वाली गुप्ता कम्पनी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. ग्रामीणों ने भी अब मामले में कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ग्रामीणों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी व सिंचाई मंत्री से मास्टिक बिछाने वाली गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच करवाने की मांग की है.

सालों के लंबे इंतजार के बाद मिले डोबरा चांठी पुल पर बिछी मास्टिक की दरारों को देखकर ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंचनी शुरू हो गई हैं. 'डोबरा चांठी सस्पेंशन ब्रिज' के ऊपर बिछे मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने से जनता में आक्रोश है. उन्होंने गुप्ता कंपनी पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिये हैं.

3 अरब के डोबरा चांठी पुल की मास्टिक में आई दरारें

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प्रतापनगर की जनता ने रानीपोखरी वाले पुल को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज से घटिया काम करने वाली गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच करवाने की मांग की है. साथ ही प्रतापनगर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इस पुल की सुरक्षा के लिए थर्ड एजेंसी से जांच करवाने की बात भी कही है.

यहां न हो रानीपोखरी पुल जैसा हादसा: प्रतापनगर की जनता का कहना है कि अगर पुल पर घटिया तरीके से मास्टिक बिछाने वाले गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच करते हुए कार्रवाई नहीं की जाती है तो जनता को धरने पर बैठना पड़ेगा. समय रहते इस पुल पर ध्यान नहीं दिया गया तो कहीं यहां भी रानीपोखरी पुल जैसा हादसा न हो.

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लंबा रहा डोबरा चांठी पुल का इंतजार: बता दें डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ था. वर्ष 2010 में इसका डिजाइन फेल होने के कारण इसका काम बंद करना पड़ा था. तब इस पुल के निर्माण पर 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी. इसके बाद 2016 में लोक निर्माण विभाग खंड ने 1.35 अरब की लागत से दोबारा इसका निर्माण कार्य शुरू शुरू किया. पुल के डिजाइन के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी की गई. तब इसका डिजाइन दक्षिण कोरिया की योसीन कंपनी से तैयार करवाया गया. उसके बाद इस पुल का निर्माणकार्य तेजी से हुआ. 2018 में पुल के 3 सस्पेंडर टूट गए. जिससे निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा टेढ़ा हो गया. तब तक पुल पर लगभग 3 अरब रुपए खर्च हो चुके थे. उसके बाद जैसे-तैसे पुल का काम फिर से शुरू किया गया.

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मास्टिक के जोड़ों पर बार-बार पड़ रही दरारें: 8 नवंबर 2020 को डोबरा चांठी पुल का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. अभी इस पुल को बने हुए एक साल भी पूरा नहीं हुआ. अभी से पुल के उपर बिछाई गई मास्टिक पर 4 बार दरार पड़ गई हैं. हर बार गुप्ता कंपनी मास्टिक पर पड़ी दरार पर केमिकल भरकर लीपापोती कर देती है. 2 दिन पहले भी मास्टिक पर पड़ी दरार पर केमिकल भरकर इतिश्री कर दी गई. आज एक बार फिर से मास्टिक पर दरार पड़ गई हैं.

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खड़े हो रहे कई सवाल: घटिया तरीके से पुल के ऊपर मास्टिक बिछाने वाली गुप्ता कंपनी के खिलाफ अभी तक उत्तराखंड सरकार और न ही जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई की है. पुल पर घटिया तरीके से बिछाई गई मास्टिक पर दरार पड़ने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. सब के जेहन में ये ही सवाल है कि क्या यह पुल लंबे समय तक टिक पाएगा. प्रताप नगर के लोगों ने अब इस पुल के मामले में थर्ड पार्टी से जांच करवाने की मांग की है.

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बता दें डोबरा चांठी पुल की लंबाई 725 मीटर है. इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है. इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड से है. पुल की चौड़ाई 7 मीटर है. जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है, जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है.

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जांच के बाद होगी कार्रवाई: डोबरा चांठी पुल का काम देख रही पीडब्ल्यूडी बौराड़ी के अधिशासी अभियंता केएस नेगी का कहना है कि जब से पुल का उद्घाटन हुआ है तब से इस पुल के ऊपर बिछाई गई मास्टिक पर तीन से चार बार दरार पड़ चुकी है. इसको ठीक करने के लिए कंपनी को बताया गया है. साथ ही इस पुल पर जो मास्टिक बिछाई गई है उस मास्टिक पर किसी तरह दरार पड़ी है. उसकी जांच करवा कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Oct 1, 2021, 10:18 PM IST
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