रुद्रप्रयाग: मद्महेश्वर घाटी में 15 मेगावाट मधु गंगा जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रहे यूजेवीएनएल के खिलाफ चुन्नी गांव के ग्रामीणो ने एक सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि 11 अप्रैल तक अगर उनकी एक सूत्रीय मांग पर अमल नहीं हुआ तो 12 अप्रैल से क्रमिक अनशन, आमरण अनशन में तब्दील हो जायेगा. वहीं, क्रमिक अनशन के पहले दिन जनप्रतिनिधियों व विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी ग्रामीणों के अपना समर्थन दिया है.
बता दें कि शनिवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत चुन्नी गांव के कई दर्जनों ग्रामीण मधु गंगा जल विद्युत परियोजना के फोरवे टैंक के निकट पहुंचे तथा अनिश्चितकालीन क्रमिक अनशन शुरू करते हुए 15 मेगावाट जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य कर रहे उत्तराखंड जल विद्युत निगम के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की.
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने कहा कि 15 मेगावाट मधु गंगा जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व उत्तराखंड जल विद्युत निगम के अधिकारियों ने चुन्नी गांव के ग्रामीणों के साथ जो वादा किया था, उसे पूरा होने पर ही आंदोलन समाप्त किया जायेगा. उन्होंने कहा कि मधु गंगा परियोजना का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है तथा यूजेवीएनएल के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों के साथ जो वादाखिलाफी की जा रही है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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राजकुमार तिवारी ने कहा कि मधु गंगा जल विद्युत परियोजना का निर्माण कार्य शुरू होने से पूर्व यूजेवीएनएल के अधिकारियों ने ग्रामीणों को फोरवे टैंक से दो इंच सिंचाई पेयजल लाइन देने का वादा किया था. मगर, आज यूजेवीएनएल के अधिकारी फोरवे टैंक से दो इंच सिचाई पेयजल लाइन देने से मुखर रहे है जो कि ग्रामीणों ने साथ धोखा है. पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य विनोद रावत ने कहा कि पूर्व में अधिकारी ग्रामीणों को दो इंच सिचाई पेयजल लाइन देने का वादा करते रहे मगर यूजेवीएनएल के अधिकारियों के स्थानांतरण के बाद ग्रामीणों को दिया आश्वासन भी फाइलों में कैद हो गया है.
वहीं, पूर्व प्रधान अंजना रावत ने कहा कि यूजेवीएनएल के अधिकारियों द्वारा चुन्नी गांव के ग्रामीणों को जो आश्वासन दिया था, उसे पूरा होने के बाद ही आन्दोलन समाप्त होगा. क्षेत्र के विकास में ग्रामीण किसी प्रकार के बाधक तो नहीं है मगर, यूजेवीएनएल द्वारा ग्रामीणों को दिया गया आश्वासन पूरा होना चाहिए तभी निगम व ग्रामीणों के मध्य सामंजस्य बना रहेगा.