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मनोज रावत और हेली सेवा प्रबंधक के बीच हाथापाई, फर्जी MLA कहने का आरोप

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Published : Nov 3, 2021, 6:37 PM IST

केदारनाथ विधायक मनोज रावत और हेली सेवा प्रबंधक के बीच जमकर हाथापाई हुई. बताया जा रहा है कि प्रबंधक ने मनोज रावत को फर्जी विधायक कह डाला था. जिससे कार्यकर्ता भड़क गए. मारपीट के बाद हेली सेवा प्रबंधकों ने हेली सेवाएं रोक दी. जिससे यात्रियों की जमकर फजीहत हुई. फिलहाल, मामले में क्रॉस तहरीर दी गई है.

Manoj rawat
मनोज रावत

रुद्रप्रयागः केदारनाथ धाम जा रहे विधायक मनोज रावत की हेली सेवा कंपनी के प्रबंधक के साथ नोकझोंक हो गई. इतना ही नहीं देखते ही देखते मामला हाथापाई तक जा पहुंचा. आरोप है कि हेली सेवा प्रबंधक ने विधायक के साथ बदतमीजी की और फर्जी विधायक करार दिया. जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश भड़क गया और उन्होंने हेली सेवा प्रबंधक के साथ मारपीट कर दी. इसके बाद हेली सेवा कंपनियों ने सेवाएं रोक दी. जिससे तीर्थ यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. मामला पुलिस चौकी तक पहुंच गया है, दोनों पक्षों की ओर से फाटा पुलिस चौकी को लिखित तहरीर दे दी गई है. जबकि, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

दरअसल, पीएम मोदी के आगमन को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम पहुंचे थे. इस दौरान देवस्थानम बोर्ड को लेकर उन्होंने तीर्थ पुरोहितों से वार्ता की. तीर्थ पुरोहितों ने अपने प्रतिनिधि के रूप में केदारनाथ विधायक को बुलाने का आग्रह किया. इसके बाद देवस्थानम बोर्ड के एसीईओ बीडी सिंह ने केदारनाथ विधायक मनोज रावत से फोन पर वार्ता की और उन्हें हेलीकाॅप्टर सेवा से केदारनाथ पहुंचने के लिए कहा. विधायक रावत किसी कार्यक्रम में थे.

उन्होंने एसीईओ से किसी सक्षम अधिकारी से वार्ता कराने को कहा. इसके बाद बीडी सिंह ने इंटेलिजेंस विभाग के आईजी संजय गुंज्याल से वार्ता कराई और उन्होंने भी विधायक से हेलीकाॅप्टर सेवा के जरिए जल्द केदारनाथ धाम पहुंचने का निवेदन किया. विधायक रावत ने नजदीकी हेलीकाॅप्टर सेवा से आने की बात कही. जिसके बाद हेली नोडल अधिकारी सुशील नौटियाल ने फाटा स्थित पवन हंस हेली सेवा में आने को कहा.

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मनोज रावत को कह दिया फर्जी विधायकः विधायक मनोज रावत तेजी से फाटा पहुंचे और उनके कार्यकर्ताओं ने पवन हंस कंपनी के प्रबंधक को अगली शिफ्ट में विधायक रावत को केदारनाथ भेजने के लिए कहा, लेकिन कंपनी प्रबंधक ने एक घंटे तक विधायक को केदारनाथ नहीं भेजा और इंतजार करवाया. ऐसे में विधायक के कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने प्रबंधक से बात की तो प्रबंधक और कार्यकर्ताओं के बीच तू-तू मैं-मैं शुरू हो गई. ऐसे में मामला बढ़ता गया और आरोप है कि प्रबंधक ने केदारनाथ विधायक को फर्जी तक कह दिया. ऐसे में कार्यकर्ता भड़क गए और प्रबंधक व विधायक कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई शुरू हो गई.

पवनहंस के प्रबंधक बीसी तिवारी और केदारनाथ विधायक मनोज रावत के बीच कहासुनी इतनी बढ़ गई की बात मारपीट तक पहुंच गई. मारपीट के बाद हेली सेवाओं के प्रबंधकों ने हेली सेवाओं को रोक दिया, जिसके बाद एसडीएम ऊखीमठ और सीओ जीएस कोहली ने वार्ता के बाद दोबारा हेली सेवाएं शुरू करवाई. विधायक केदारनाथ मनोज रावत ने बताया कि पीएम मोदी के केदारनाथ के आगमन पर सीएम केदारनाथ पहुंचे थे और उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों से वार्ता की. तीर्थ पुरोहितों ने सीएम से उन्हें प्रतिनिधि के रूप में बुलाने का आग्रह किया था. जिसके बाद इंटेलिजेंस विभाग के आईजी संजय गुंज्याल एवं देवस्थानम बोर्ड के एसीईओ बीडी सिंह से वार्ता के बाद हेलीकाॅप्टर सेवा से आने का आग्रह किया.

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जब वे फाटा पहुंचे तो उन्हें एक घंटे तक इंतजार करवाया गया और हेलीकाॅप्टर सेवा के प्रबंधक ने गलत व्यवहार पेश किया. उन्होंने कहा कि एक घंटे बाद देवस्थानम बोर्ड के एसीईओ ने भी फोन उठाना बंद कर दिया और जब बाद में काॅल आई तो जामू थम्बी से आने को कहा. साथ ही कहा कि इसके बाद वे केदारनाथ नहीं गए. फाटा स्थित हेलीकाॅप्टर सेवा प्रबंधक के साथ कार्यकर्ताओं की हाथापाई हुई, लेकिन प्रबंधक ने पहले अभद्र व्यवहार किया. जिसके बाद ही हाथापाई की नौबत आई.

हेली सेवा कंपनी के कर्मचारी अपना रहे अव्यवहारिक रवैयाः विधायक रावत ने कहा कि केदारघाटी से संचालित हो रही हेली सेवा कंपनी के कर्मचारी अव्यवहारिक रवैये से पेश आ रहे हैं. यात्रियों के साथ दादागिरी की जा रही है. जब विधायक के साथ ही इनका ऐसा रवैया है तो आम जनता के प्रति क्या होगा, यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि हेली कंपनियों की केदारघाटी में गुंडा गर्दी चल रही है, जिसके खिलाफ आवाज उठाई जाएगी.

पवनहंस के प्रबंधक ने कही ये बातः उन्होंने बताया कि उनकी ओर से भी पुलिस को तहरीर दी गई है. इधर, पवनहंस के प्रबंधक बीसी तिवारी ने बताया कि यात्रियों का स्टाल होने के कारण वो विधायक से थोड़ा इंतजार के लिए कह रहे थे, लेकिन विधायक एक भी बात सुनने को तैयार नहीं थे और मारपीट पर उतारू हो गए. उन्होंने बताया कि उनकी ओर से भी फाटा पुलिस चौकी में लिखित रिपोर्ट दी गई है.

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