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पाइप लाइन तो बिछा दी, पानी कहां से मिलेगा ये नहीं सोचा

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Published : Feb 5, 2021, 7:16 PM IST

जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है. इसी क्रम में अगस्त्यमुनि विकासखंड की ग्राम पंचायत नगरासू और घोलतीर में भी पाइपलाइन बिछाई जा रही हैं. लेकिन पाइपों में पानी कहां से आएगा, यह पहेली बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना पानी के इस योजना का लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पाएगा.

रुद्रप्रयाग
बूंद-बूंद का तरसते ग्रामीण

रुद्रप्रयाग: सरकार जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल, हर घर जल योजना संचालित कर रही है. इस योजना के तहत गांवों-शहरों में नए सिरे से पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है, लेकिन आम जनता सवाल पूछ रही है कि इन पाइपों में पानी कहां से दौड़ेगा? दरअसल इन दिनों जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है. इसी क्रम में अगस्त्यमुनि विकासखंड की ग्राम पंचायत नगरासू और घोलतीर में भी पाइपलाइन बिछाई जा रही है. लेकिन पाइपों में पानी कहां से आएगा, यह पहेली बना हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना पानी के इस योजना का लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिल पाएगा.

बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे इस क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद के लिए मोहताज हैं. पूर्व में बनाई गई पेयजल योजनाओं के बावजूद एक बूंद पानी नहीं आ रहा है. पेयजल के श्रोत सूख गए हैं और लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. स्थानीय ग्रामीण हैंडपंप के सहारे प्यास बुझाने को मजबूर हैं. सुबह से शाम तक हैंडपंप पर महिलाओं की कतार लगी रहती है. पीठ पर पानी ढोते-ढोते कई महिलाओं की उम्र ही गुजर गई है.

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स्थानीय लोगों के सामने मवेशियों के लिए भी पानी की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में ग्रामीण पशुओं को बेचने के लिए मजबूर हैं और खेती-बाड़ी का काम छोड़ रहे हैं. वहीं, सिंचाई के लिए भी पानी न होने से काश्तकारों ने अपने कई हेक्टेयर जमीन बंजर छोड़ दी है. सिंचाई की सुविधा के लिए नलकूप खंड की ओर से बनाई गई लिफ्ट पम्प योजना भी फिसड्डी साबित हुई है. काश्तकारों को इस योजना से पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.

पानी की गंभीर समस्या को देखते हुए उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने नगरासू पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि नदियों के मुहाने पर बसे गांवों में पानी का संकट होना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने जल निगम के अधिकारियों से भी फोन पर वार्ता की और कहा कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र के लिए पेयजल योजना का निर्माण किया जाए. मोहित डिमरी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को लेकर आंदोलन की रणनीति पर भी विचार चल रहा है.

ब्लॉक प्रमुख विजया देवी ने कहा कि पानी की समस्या को लेकर कई बार संबंधित विभागीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. सुबह से लेकर देर रात तक महिलाओं को पानी ढोना पड़ता है. कोट-घोलतीर गदेरे से पानी की सप्लाई की जा सकती है. विभागीय अधिकारियों को यहां से पेयजल योजना का निर्माण करना चाहिए.

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