ETV Bharat / state

मकर संक्रांति पर रावल देवता ने किया संगम तट पर स्नान, भजन संध्या और गंगा आरती का भी किया आयोजन

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 15, 2024, 10:17 PM IST

Raval Devta took bath मकर संक्रांति पर रुद्रप्रयाग संगम तट पर रावल देवता ने स्नान किया. बीस साल बाद निकाली गई रावल देवता की बन्याथ से क्षेत्रवासियों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है.

makar sankranti
मकर संक्रांति

रुद्रप्रयाग: मकर संक्रांति के पावन पर्व पर तल्लानागपुर पट्टी के बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध रावल देवता ने रुद्रप्रयाग संगम तट पर स्नान किया. इनके साथ चल रहे अग्निवीर लाटू देवता ने भी गंगा स्नान किया. बीस साल बाद निकाली गई रावल देवता की बन्याथ से क्षेत्रवासियों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है. यह यात्रा चारधाम कपाट खुलने के बाद केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन को भी जाएगी.

बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध रावल देवता को भगवान शिव के आठवें अंश के रूप में पूजा जाता है. इनके साथ अग्निवीर के रूप में वीर लाटू देवता भी साथ यात्रा में चल रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो 20 साल बाद बन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है और 6 माह तक विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर यात्रा चारधाम कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ और बदरीविशाल के दर्शन करने को पहुंचेगी. मकर संक्रांति के पावन पर्व पर तल्लानागपुर पट्टी के बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध आराध्य रावल देवता ने रुद्रप्रयाग संगम पर गंगा स्नान किया.
ये भी पढ़ेंः नैनीताल के जियारानी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, मकर संक्रांति पर कत्यूरी वंश के लोग करते हैं पूजा-अर्चना

संगम पहुंचने पर यहां पहले से मौजूद भक्तों ने पुष्प वर्षा से रावल देवता का स्वागत किया. साथ ही रावल देवता का आशीर्वाद लेकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की. जिला पंचायत सदस्य नरेंद्र बिष्ट ने बताया कि विगत 22 नवंबर को बिजराकोट में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कर रावल देवता को गर्भगृह से बाहर लाया गया. जिसके बाद बन्याथ यात्रा विभिन्न गांवों का भ्रमण कर भक्तों को आशीष देने के बाद सोमवार को मकर सक्रांति के पर्व पर रुद्रप्रयाग संगम में गंगा स्नान को पहुंची. यहां रावल देवता के साथ ही लाटू देवता ने गंगा स्नान किया.

वयोवृद्ध ग्रामीण गोपाल सिंह पंवार ने बताया कि रावल देवता की प्रथम बन्याथ यात्रा 1939 में शुरू हुई थी. इसके बाद वर्ष 2003 में यात्रा का दूसरी बार आयोजन हुआ और अब बीस साल फिर से बन्याथ का आयोजन किया गया है. क्षेत्रीय युवाओं, बुजुर्गो एवं महिलाओं के अथक प्रयास से बन्याथ का आयोजन किया गया है. जून माह में बणतोली में 9 दिवसीय महायज्ञ के साथ दिवारा यात्रा संपन्न होगी.
ये भी पढ़ेंः राम मंदिर में अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति होगी स्थापित, चंपत राय ने जारी किया प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम

भजन संध्या एवं गंगा आरती का आयोजन: मकर सक्रांति के पावन पर्व को जनपद में भी बड़े उल्लास के साथ मनाया गया. सुबह सूर्य देव की विशेष पूजा के साथ लोगों ने खिचड़ी खाकर संक्रांति की बधाई एक-दूसरे को दी. इस अवसर पर पर्यटन विकास बोर्ड की पहल पर अलकनंदा एवं मंदाकिनी के संगम पर विशेष भजन संध्या एवं गंगा आरती का आयोजन किया गया. वहीं संगम घाट पर पर्यटन विभाग की ओर से तीन हजार दीये जलाने का कार्यक्रम रखा गया था जिसमें जिले भर के लोगों के प्रतिभाग किया दीयों की रोशनी में संगम घाट से लेकर रुद्रनाथ मंदिर तक सब जगमग हो उठा.

14 से 22 जनवरी तक प्रदेश भर में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपलक्ष में संचालित कार्यक्रमों के तहत जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के निर्देशन में जिलेभर के मंदिरों में साफ सफाई एवं भजन गायन कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. इसके तहत रुद्रप्रयाग संगम घाट पर भी स्वच्छता अभियान के साथ ही भव्य दीप उत्सव का आयोजन किया गया.
ये भी पढ़ेंः उत्तरायणी मेले में लगे राजनीतिक दलों के पंडाल, जनता को रिझाया तो एक-दूसरे पर भी जमकर बरसे

मंदिरों में चला विशेष स्वच्छता अभियान: उत्तरायणी के पर्व से देशभर में शुरू हुए स्वच्छ तीर्थ अभियान के तहत जनपद के मंदिर- मठों में सोमवार को विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया. जनपद के प्रमुख धार्मिक स्थलों कोटेश्वर मंदिर, कार्तिक स्वामी मंदिर, संगम घाट रुद्रप्रयाग, त्रियुगीनारायण, श्री ओंकारेश्वर मंदिर, सिद्धपीठ कालीमठ, मक्कूमठ मंदिर में स्वच्छता कार्यक्रम, दीप प्रज्ज्वलित, संध्या भजन-कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.