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15 मई से शुरू होगी मदमहेश्वर धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया, 19 मई से भक्त कर सकेंगे दर्शन

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Published : May 10, 2022, 2:13 PM IST

पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट 19 मई को खोले जाएंगे. लेकिन कपाट खुलने की प्रक्रिया 15 मई से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू होगी, जिसको लेकर मंदिर समिति और भक्तों में काफी उत्साह है.

Madmaheshwar Dham
मदमहेश्वर धाम

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात और सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य बसे भगवान मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खोलने की प्रक्रिया आगामी 15 मई से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू होगी. मंदिर समिति द्वारा कपाट खोलने की तैयारियां की जारी हैं. मंदिर समिति का तीन सदस्यीय दल मदमहेश्वर धाम से सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेकर लौट आया है.

भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने को लेकर मदमहेश्वर घाटी के जनमानस में भारी उत्साह बना हुआ है. मदमहेश्वर घाटी के जनमानस को उम्मीद है कि इस बार मदमहेश्वर धाम में भी तीर्थ यात्रियों की भारी संख्या में आवाजाही होगी. मदमहेश्वर धाम में भगवान शंकर के मध्य भाग की पूजा होने से यह तीर्थ मदमहेश्वर के नाम से जाना जाता है. यह तीर्थ सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान होने से मदमहेश्वर तीर्थ अधिक रमणीक लगता है.
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मदमहेश्वर धाम पहुंचने के लिए रांसी गांव अकतोली से लगभग 14 किमी पैदल तय करने के बाद पहुंचा जा सकता है. मदमहेश्वर यात्रा का अहम पड़ाव गौंडार गांव है. गौंडार गांव विकासखंड का सीमान्त गांव है. गौंडार गांव के अलावा मदमहेश्वर यात्रा पड़ाव बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्बा, कूनचट्टी और मदमहेश्वर धाम में तीर्थ यात्रियों को क्षमता के अनुसार रात्रि प्रवास की सुविधा उपलब्ध है.

जानकारी देते हुए मन्दिर समिति सुपरवाइजर यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि आगामी 15 मई से द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में शुरू होगी. 15 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह से सभा मंडप लाया जायेगा. स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा नये अनाज का भोग अर्पित किया जायेगा.
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उन्होंने बताया कि 16 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ओंकारेश्वर मन्दिर में ही रात्रि प्रवास करेगी और 17 मई को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी. 18 मई को राकेश्वरी मन्दिर रासी से प्रस्थान कर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी. इसके बाद 19 मई को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार गांव से प्रस्थान कर मदमहेश्वर धाम पहुंचेगी. डोली के धाम पहुंचने पर वेद ऋचाओं के साथ भगवान मदमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे.

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