रुद्रप्रयाग: पहाड़ी इलाकों में बारिश के बाद भूस्खलन का सितम जारी है. लैंडस्लाइड की वजह से बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे के साथ ही कई ग्रामीण लिंक मोटरमार्ग बंद हो रहे हैं. जिले में 60 से ज्यादा पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं. कई गांवों की विद्युत आपूर्ति भी ठप है. ग्रामीण इलाकों को जोड़ने वाले कुछ लिंक मार्ग तो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.
बारिश के कारण रैंतोली जसोली मोटरमार्ग को भारी क्षति पहुंची है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में आवासीय भवन, गौशालाओं व स्कूल भवनों को क्षति पहुंची है. पहाड़ों में लगातार बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है. बारिश के बाद लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण मुश्किलें बढ़ रही हैं.
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रुद्रप्रयाग और श्रीनगर के बीच सिरोबगड़ डेंजर जोन से लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं. इससे बदरीनाथ हाईवे बार-बार अवरुद्ध हो रहा है. पहाड़ी से बोल्डर गिरने की वजह से सिरोबगड़ में घंटों जाम लग रहा है. वहीं, बदरीनाथ हाईवे पर ही सम्राट होटल के पास बारिश के बाद भूस्खलन हो रहा है. यहां पर कच्ची पहाड़ी होने के कारण लगातार मलबा गिर रहा है.
बारिश में क्षतिग्रस्त हुए मार्गों की वजह से 50 से ज्यादा गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. इन मार्गों से जनता को आवाजाही करने में खासी दिक्कतें हो रही हैं. रोजमर्रा की सामग्री पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है. कई इलाकों में पेयजल संकट भी खड़ा हो गया है. क्योंकि जिले में करीब 60 से ज्यादा पेयजल योजनाएं भूस्खलन के कारण ध्वस्त हो चुकी है.
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जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले 10 से 12 मोटरमार्ग बंद पड़े हुए हैं. इन मोटरमार्गों में दो मोटरमार्गों पर ज्यादा क्षति पहुंची है, जिन्हें खोलने में अभी समय लगेगा. इसके अलावा अन्य मोटरमार्गों को खोलने का कार्य जारी है. मोटरमार्गों को खोलने के लिए मशीनें जुटी हुई हैं. उन्होंने कहा कि भूस्खलन के चलते जिले के कुछ स्कूलों में दरारें पड़ी हैं. ग्रामीणों के आवासीय भवनों और गौशालाओं को क्षति पहुंचने की भी सूचना मिली है. यहां निरीक्षण करवाया जा रहा है और ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जा रही है.