रुद्रप्रयाग: कालीमठ घाटी का कुणजेठी गांव पहली बार सड़क से जुड़ने से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है. वहीं घाटी का ब्यूंखी गांव भी जल्द यातायात से जुड़ने जा रहा है. उसके बाद कालीमठ घाटी का स्यांसू और चिलौंड गांव सड़क से जुड़ना शेष रह जाएगा. कुणजेठी गांव के मोटरमार्ग से जुड़ने पर ग्रामीणों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया है. आजादी के बाद कुणजेठी गांव में पहली बार सड़क पहुंची है.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana) के तहत 4.22 करोड़ रुपए की लागत से 7.5 किलोमीटर कुणजेठी-ब्यूंखी मोटर कटिंग का काम इस साल जनवरी महीने में शुरू हुआ था. मोटर मार्ग का निर्माण कार्य लगभग 3 किलोमीटर पूरा हो चुका है और सड़क कुणजेठी गांव तक पहुंच गई है. शेष 4 किलोमीटर का काम पूरा होने के बाद ब्यूंखी गांव भी सड़क से जुड़ जाएगा.
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बता दें कि, कुणजेठी गांव के सड़क से जुड़ने से ग्रामीणों को आवागमन करने और भवनों के निर्माण में सहूलियत मिलेगी. वहीं ब्यूंखी-सिद्धपीठ काली शिला का सफर भी मात्र 3 किलोमीटर रह जाएगा. जिससे स्थानीय तीर्थाटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ ही होम स्टे योजना को भी लाभ मिलेगा. कुणजेठी के प्रधान दिलबर सिंह रावत ने बताया कि मोटरमार्ग का निर्माण काम 3 किलोमीटर पूरा होने से कुणजेठी गांव पहली बार सड़क से जुड़ा है. इसी मोटर से खेती तोक और गांव के मध्य मनणामाई तीर्थ के लिए भी लिंक मोटर मार्गों का निर्माण होना है.
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वहीं, ब्यूंखी के प्रधान सुदर्शन राणा ने बताया कि मोटर मार्ग का निर्माण कार्य गतिमान है और शीघ्र ही ब्यूंखी गांव सड़क से जुड़ जाएगा. पूर्व प्रधान पुष्कर सिंह राणा ने बताया कि यदि ब्यूंखी गांव सड़क से जुड़ता है तो सिद्धपीठ काली शिला जाने वाले श्रद्धालुओं को 7 किलोमीटर पैदल सफर करने के बजाए मात्र कुछ किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी.
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वन पंचायत सरपंच ब्यूंखी गब्बर सिंह असवाल ने बताया कि आजादी के बाद ब्यूंखी गांव पहली बार सड़क से जुड़ने जा रहा है. इसके लिए वर्तमान और पूर्व जनप्रतिनिधियों का सहयोग सराहनीय रहा है. पंडित सचिदानंद सेमवाल ने बताया कि कुणजेठी गांव के सड़क से जुड़ने से पूर्व ग्रामीणों को आवागमन करने में भारी परेशानियां उठानी पड़ती थी और निर्माणाधीन भवनों की लागत कई गुना अधिक पहुंच जाती थी. वहीं, महिला मंगल दल अध्यक्ष कुणजेठी मंजू देवी ने बताया कि सभी जनप्रतिनिधियों और कालीमठ घाटी के जनमानस को स्यांसू और चिलौंड गांवों को भी सड़क से जोड़ने की सामूहिक पहल करनी होगी.