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चारधाम यात्रा 2022: शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ के कपाट, अब ओंकारेश्वर में होंगे दर्शन

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Published : Oct 27, 2022, 8:30 AM IST

Updated : Oct 27, 2022, 9:08 PM IST

उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2022 का समापन की ओर बढ़ चली है. बुधवार को उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके हैं. आज केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं. आज दोपहर यमुनोत्री धाम के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. केदारनाथ के कपाट बंद होने के समय धाम में श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ थी.

Kedarnath temple
केदारनाथ मंदिर

केदारनाथ: चारधाम यात्रा के समापन की शुरुआत बुधवार गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने से हुई थी. बुधवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो गए हैं. दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर गंगोत्री धाम के कपाट को बंद किया गया. आज सुबह 8 बजे केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं. आज ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद किए जाएंगे. सबसे आखिर में 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे. शीतकाल के दौरान यात्रा की चारों धामों में बर्फबारी के कारण अत्यधिक ठंड होती है. इसलिए छह महीने का शीतकाल होता है. हालांकि, कपाट की बंदी को लेकर विधि-विधान की भी अपनी मान्यताएं हैं.

चारधाम यात्रा के समापन को लेकर दशहरे के मौके पर कपाट बंदी की तिथियों का ऐलान किया गया था. इसके लिए मुहूर्त के अनुसार तिथि और समय तय किए जाने की परंपरा रही है. इसी के आधार पर निर्धारित तिथियों पर चारों घाम के कपाट बंद किए जाने की तैयारी शुरू कर दी गई.

शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ के कपाट.

केदारनाथ के कपाट हुए बंद: केदारनाथ धाम के कपाट आज गुरुवार 27 अक्टूबर को बंद किए गए. दिवाली से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम के दर्शन और पूजन कर चुके हैं. कपाट बंद होने को लेकर बुधवार से ही पूजन शुरू हो गया था. आज भैया दूज के मौके पर केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुए हैं.

ये रही केदारनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया: भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया में सबसे पहले भगवान केदारनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधि दी गई. इसके बाद ठीक सुबह 8:30 बजे केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने के बाद पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली ऊखीमठ के लिए रवाना हो गई.

अब छह महीने ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होंगे बाबा केदार के दर्शन: पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली आज रात्रि प्रवास को रामपुर पहुंचेगी. पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी. केदारनाथ धाम में खिली चटक धूप के बीच भक्त बाबा केदारनाथ की भक्ति में डूब दिखाई दिए. केदारनाथ के कपाट बंद होने के समय हर हर महादेव और भगवान शिव के जयकारों से केदारघाटी गूंज उठी.

बदरीनाथ के कपाट कब बंद होंगे?: बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे. विजयदशमी के दिन धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की गई थी. 21 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम के दर्शन करने के बाद बदरीनाथ धाम भी पहुंचे थे. पीएम मोदी ने बदरानाथ धाम में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया था. बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया की शुरुआत 15 नवंबर को पंच पूजा के साथ होगी. इसी दिन शाम को श्रीगणेश जी के कपाट बंद होंगे. 16 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे. 17 नवंबर को खड्ग पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का पाठ बंद होगा.

18 नवंबर को लक्ष्मी माता को कढ़ाई भोग लगाया जाएगा. 19 नवंबर को श्री उद्धवजी और भगवान कुबेर को मंदिर प्रांगण में रखा जाएगा. माता लक्ष्मी को रावलजी स्त्री वेश में श्री बदरी विशाल के नजदीक स्थापित करेंगे. 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे.
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3 मई से शुरू हुई थी यात्रा: इस साल चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू हुई थी. इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाने के साथ चारधाम की यात्रा शुरू की गई थी. अक्षय तृतीया के मौके पर अभिजीत मुहुर्त में 12 बजकर 15 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे. वहीं, गंगोत्री धाम के कपाट सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर खोले गए थे. केदारनाथ धाम के कपाट 6 मई को सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर खोले गए थे. वहीं, बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को सुबह 6 बजकर 15 मिनट खोले गए थे.

गौरीमाई मंदिर के भी कपाट बंद: केदारनाथ धाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव गौरीकुंड स्थित मां गौरीमाई के कपाट भैयादूज के दिन शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. अब छह महीने मां गौरीमाई की पूजा अर्चना गौरी गांव स्थित मां चंडिका मन्दिर में होगी.

Last Updated : Oct 27, 2022, 9:08 PM IST
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