ETV Bharat / state

केदारनाथ धाम: हेलीकॉप्टर की गर्जना से गिर सकते हैं ग्लेशियर, SDRF को किया गया अलर्ट

author img

By

Published : May 11, 2019, 2:40 PM IST

Updated : May 11, 2019, 2:50 PM IST

बाबा केदार के दरबार में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं. वहीं, यात्रा के दौरान रास्ते में पड़ रहे ग्लेशियर को लेकर प्रशासन चिंतित है. जिसको लेकर प्रशासन ने वाडिया इंस्टीट्यूट को पत्र लिखा है.

kedarnath-yatra

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा का आगाज हो चुका है. कपाट खुलने के बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दरबार में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु इस यात्रा में ग्लेशियर से होकर गुजर रहे हैं और ऐसे में उनका उत्साह देखने को मिल रहा है. वहीं, कुछ दिन बाद केदारघाटी में हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होने जा रही हैं. ऐसे में हवाई सेवाओं की गर्जना से ग्लेशियर के टूटने का खतरा बना हुआ है. जिसके लिए प्रशासन ने वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजिकल को रिसर्च के लिए बुलाया है.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि लिनचैली से केदारनाथ के बीच पांच बड़े-बड़े ग्लेशियर हैं, जिनकी ऊंचाई 18 से 20 फीट है. बर्फबारी और बारिश के बंद होते ही 25 मार्च के बाद पैदल मार्ग पर काम करवाया गया. जो यात्रा से पहले ये मार्ग तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि इस रास्ते को तैयार करने के बाद आसपास बड़े ग्लेशियर दिख रहे हैं. जिनके गिरने का डर प्रशासन को बना हुआ है. जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन की ओर से वाडिया इंस्टीट्यूट को पत्र भेजा गया है. इसके साथ ही ग्लेशियर वाले स्थानों पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है.

केदारनाथ यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए ग्लेशियर बन सकता है खतरा

पढ़ें- 60 साल बाद बदला गया भगवान बदरीनाथ का मुकुट, NRI भक्त ने किया भेंट

कपाट खुलने के बाद से केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ने लगा है, पहले ही दिन 6 हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये तो दूसरे दिन 11,499 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. अभी केदारधाम जाने वाले तीर्थयात्री गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग से यात्रा कर रहे हैं और जिसके बाद उनको हिम ग्लेशियरों से होकर गुजरना पड़ रहा है.

केदार यात्रा स्पेशल 
केदार यात्रा में चुनौती बने हैं हिम ग्लेशियर 
हेलीकाॅप्टर सेवाओं से ग्लेशियरों के टूटने का बना खतरा 
प्रशासन ने वाॅडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालियन जियोलाॅजिकल को रिसर्च के लिए बुलाया 
केदारनाथ-लिनचैली पैदल मार्ग के बीच पांच बड़े-बड़े ग्लेशियर
18 से 20 फीट है ग्लेशियरों की ऊंचाई, बारिश के समय परेशानी खड़ी कर सकते हैं ग्लेशियर 
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - केदार यात्रा में ग्लेशियर
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/11 मई 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - केदारनाथ यात्रा का विधिवत आगाज हो गया है। कपाट खुलने के बाद से हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दरबार पर पहुंच रहे हैं। लिनचैली से केदारनाथ धाम के बीच ग्लेशियरों से होकर गुजर रहे तीर्थयात्रियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। उनकी माने तो इससे पहले उन्हें ऐसा नजारा कभी देखने को नहीं मिला। कुछ दिनों बाद केदाघाटी में हेलीकाॅप्टर सेवाएं शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में हवाई सेवाओं के गर्जनाओं से ग्लेशियरों के टूटने का खतरा बना है। ग्लेशियर को लेकर प्रशासन चिंतित नजर आ रहा है, जिस कारण वाॅडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालियन जियोलाॅजिकल को रिसर्च के लिए बुलाया गया है। 
वीओ 1 - इस वर्ष जनवरी शुरूआत से ही केदारनाथ धाम में भारी बर्फवारी और बारिश हुई है। करीब चार माह तक यह सिलसिला जारी रहा। बर्फवारी के चलते केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों में ब्रेक लग गया तो समय से केदार यात्रा की तैयारियां भी शुरू नहीं हो पाई। जैसे-तैसे प्रशासन की ओर से यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है। कम समय और बहुत सी चुनौतियां होने के बावजूद यात्रा को शुरू किया गया। कपाट खुलने के बाद से केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों का हुजूम उमड़ने लगा है। पहले ही दिन छः हजार से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किये तो दूसरे दिन 11,499 तीर्थयात्री केदार बाबा के दर्शन कर चुके हैं। अभी केदारधाम जाने वाले तीर्थयात्री गौरीकुण्ड-केदारनाथ पैदल मार्ग से यात्रा कर रहे हैं और तीर्थयात्रियों को हिम ग्लेशियरों से होकर गुजरना पड़ रहा है। भले ही श्रद्धालुओं को ये ग्लेशियर पसंद आ रहे हैं, लेकिन इन ग्लेशियरों से काफी खतरा भी है। यात्रा के समय ये ग्लेशियर प्रशासन के लिए चुनौती बन सकते हैं। बारिश के दौरान ग्लेशियरों से परेशानी खड़ी हो सकती है और कुछ दिनों बाद शुरू हो रही हेलीकाॅप्टर सेवाओं की गर्जनाओं से ग्लेशियरों के टूटने का भय बन गया है। ऐसे में ग्लेशियरों को पिघलाने और उन्हें हटाने के लिए प्रशासन की ओर से योजना बनाई जा रही है। इसके लिए प्रशासन ने वाॅडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालियन जियोलाॅजिकल की टीम को रिसर्च के लिए बुलाया है। जो ग्लेशियर का रिसर्च करंेगे और ग्लेशियरों को पिघलाने का कार्य भी करेंगे, जिससे जल्द से जल्द पैदल रास्ते से ग्लेशियर को साफ किया जा सके। 
वीओ 2 - 
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि लिनचैली से केदारनाथ के बीच पांच बड़े-बड़े ग्लेशियर मौजूद हैं, जिनकी ऊंचाई 18 से 20 फीट है। बर्फवारी और बारिश के बंद होने के बाद 25 मार्च से पैदल मार्ग पर काम करवाया गया, जिससे यात्रा से पूर्व ही पैदल मार्ग को तैयार किया गया है। रास्ते को तैयार करने से आस-पास बड़े-बड़े ग्लेशियर दिख रहे हैं, जिनके गिरने का भी डर बना हुआ है। बारिश के समय ये ग्लेशियर मुसीबत पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आयुक्त गढ़वाल डाॅ बीवी आरसी पुरूषोत्तम ने लिनचैली से केदारनाथ निरीक्षण के दौरान वाॅडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालियन जियोलाॅजिकल से रिसर्च करवाने को कहा है। प्रशासन की ओर से वाॅडिया इंस्टीट्यूट को पत्र भेजा गया है। बताया कि केदार यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को विशेष ध्यान रखा जा रहा है। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर ग्लेशियर वाले स्थानों पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है, जिससे कोई भी परेशानी होने पर तेजी से रेस्क्यू किया जा सके। 
बाइट 1 - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग

Last Updated : May 11, 2019, 2:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.