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चुनावी सीजन में ऑल वेदर रोड को लेकर सियासी घमासान, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने

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Published : Jan 9, 2022, 7:06 PM IST

Updated : Jan 9, 2022, 7:25 PM IST

उत्तराखंड में चुनाव की तारीख की घोषणा होते ही बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर हमलावर हो गई है. चुनावी सीजन को देखते हुए पिथौरागढ़ में ऑल वेदर रोड को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.

political fight between BJP and CON
ऑल वेदर रोड को लेकर सियासी घमासान

पिथौरागढ़: चुनावी सीजन में टनकपुर-पिथौरागढ़ ऑल वेदर रोड सियासत का केंद्र बनी हुई है. भाजपा जहां इस सड़क को कुमाऊं की 6 विधानसभा सीटों के लिए गेम चेंजर होने का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस ऑल वेदर सड़क की दुर्दशा पर सवाल खड़े करते हुए भाजपा के दावे की हवा निकालने में जुटी हुई है.

टनकपुर से पिथौरागढ़ के लिए बनी ऑल वेदर रोड पर सियासत तेज हो गयी है. 150 किलोमीटर लंबी इस रोड को बनाने में 12 सौ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. बीजेपी का कहना है कि ऑल वेदर रोड बनने से जहां चंपावत और पिथौरागढ़ की राह आसान हुई है. वहीं, इन दोनों जनपदों में पर्यटन कारोबार भी परवान चढ़ेगा. साथ ही भाजपा का दावा है कि ऑलवेदर सड़क का लाभ लोगों को मिलने से चुनाव में भाजपा की राह आसान होगी.

चुनावी सीजन में ऑल वेदर रोड को लेकर सियासी घमासान

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बता दें कि चंपावत और पिथौरागढ़ जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं. बीजेपी को भरोसा है कि इन सीटों पर ऑल वेदर रोड का लाभ पार्टी को मिलेगा. वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर हमलावर है. कांग्रेस का कहना है कि ऑल वेदर रोड पूरी तरह मलबे से पटी हुई है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 150 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर जगह-जगह पहाड़ दरक रहे हैं, जिससे यात्रियों की जान पर संकट है. ऐसे में ऑल वेदर रोड का फायदा मिलने के बजाय भाजपा को इसकी कीमत चुनाव में चुकानी पड़ेगी.

Last Updated : Jan 9, 2022, 7:25 PM IST
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