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उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के बयान पर छात्रों में रोष, कहा- कॉलेज में आकर सुने समस्याएं

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Published : Jul 13, 2019, 3:48 AM IST

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के बयान को लेकर छात्रों का कहना है कि इस तरह बयान छात्रों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है. महाविद्यालय में अधिकांश पुस्तकें ओवरडेट हो चुकी हैं, जो छात्रों के लिए किसी काम की नहीं है. ऐसे में मंत्री जी को खुद यहां आकर शिक्षकों और पुस्तकों की समस्याओं से रूबरू होना चाहिए.

dhan singh rawat

पिथौरागढ़: शिक्षक-पुस्तक आंदोलन को लेकर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के बयान पर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. आंदोलनकारी छात्रों ने मंत्री के इस बयान को छात्र विरोधी करार दिया है. छात्रों का कहना है कि मंत्री एक बार महाविद्यालय में आएं, जिससे उन्हें शिक्षकों और पुस्तकों की समस्याओं से रूबरू करा सकें.

उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के बयान पर छात्रों में रोष.

पिथौरागढ़ महाविद्यालय में चल रहा शिक्षक-पुस्तक आंदोलन प्रदेश भर के उपेक्षित महाविद्यालयों के लिए नजीर बनता जा रहा है. कई जिलों के छात्र संगठन अब शिक्षक और पुस्तकों की मांग को लेकर आगे आने लगे है. मामले पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि ये आंदोलन महाविद्यालय के छात्रों का है या इसके पीछे बाहरी लोग हैं. इसकी जांच की जाएगी. मंत्री के इस बयान पर छात्रों में काफी रोष है.

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छात्रों का कहना है कि वो मामले को लेकर बीते 26 दिनों से आंदोलनरत हैं. कई छात्र टाइफाईड और बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हैं. साथ ही कहा कि मंत्री जी का इस तरह का बयान छात्रों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है. महाविद्यालय में अधिकांश पुस्तकें ओवरडेट हो चुकी हैं, जो छात्रों के लिए किसी काम की नहीं है.

वहीं, उन्होंने कहा कि कॉलेज में शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त पड़े हुए हैं. संविदा शिक्षकों का हर 6 महीने में कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो जाता है. जिस कारण छात्रों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. महाविद्यालय में 7 हजार छात्रों के मुकाबले शिक्षकों के मात्र 120 पद स्वीकृत हैं. जिन्हें बढ़ाकर 250 किया जाना चाहिए.

Intro:पिथौरागढ़: शिक्षक-पुस्तक आंदोलन को लेकर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के बयान पर मचा बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। आंदोलनरी छात्रों ने मंत्री के इस बयान को छात्र विरोधी करार दिया है। छात्रों का कहना है कि मंत्री एक बार महाविद्यालय में आएं ताकि वो उन्हें शिक्षको और पुस्तकों की समस्याओं से रूबरू करा सकें।

पिथौरागढ़ महाविद्यालय में चल रहा शिक्षक-पुस्तक आंदोलन प्रदेश भर के उपेक्षित महाविद्यालयों के लिए नजीर बनता जा रहा है। तमाम जिलों के छात्र संगठन अब शिक्षक और पुस्तकों की मांग को लेकर आगे आने लगे है। वहीं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि ये आंदोलन महाविद्यालय के छात्रों का है या इसके पीछे बाहरी लोग है इसकी जांच की जाएगी। मंत्री के बयान पर छात्रों का कहना है कि वो पिछले 26 दिनों से आंदोलन कर रहे है। कई आंदोलनकारी छात्र टाइफाईड और बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती है। वहीं मंत्री का बयान छात्रों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। छात्रों ने कहा कि महाविद्यालय में अधिकांश पुस्तके ओवरडेट हो चुकी है। जो छात्रों के लिए किसी काम की नही है। वहीं छात्रों का कहना है कि कॉलेज में शिक्षकों के अधिकांश पड़ रिक्त पड़े है और संविदा शिक्षकों का हर 6 महीने में कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो जाता है जिस कारण छात्रों को भारी परेशानी होती है। छात्रों ने कहा कि महाविद्यालय में 7000 छात्रों के मुकाबले शिक्षकों के मात्र 120 पद स्वीकृत है। जिन्हें बढ़ाकर 250 किया जाना चाहिए।


Byte1: नूतन, आंदोलनकारी छात्रा
Byte2: राकेश जोशी, अध्यक्ष, छात्र संघ


Body:पिथौरागढ़: शिक्षक-पुस्तक आंदोलन को लेकर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत के बयान पर मचा बवाल थमने का नाम नही ले रहा है। आंदोलनरी छात्रों ने मंत्री के इस बयान को छात्र विरोधी करार दिया है। छात्रों का कहना है कि मंत्री एक बार महाविद्यालय में आएं ताकि वो उन्हें शिक्षको और पुस्तकों की समस्याओं से रूबरू करा सकें।

पिथौरागढ़ महाविद्यालय में चल रहा शिक्षक-पुस्तक आंदोलन प्रदेश भर के उपेक्षित महाविद्यालयों के लिए नजीर बनता जा रहा है। तमाम जिलों के छात्र संगठन अब शिक्षक और पुस्तकों की मांग को लेकर आगे आने लगे है। वहीं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि ये आंदोलन महाविद्यालय के छात्रों का है या इसके पीछे बाहरी लोग है इसकी जांच की जाएगी। मंत्री के बयान पर छात्रों का कहना है कि वो पिछले 26 दिनों से आंदोलन कर रहे है। कई आंदोलनकारी छात्र टाइफाईड और बुखार से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती है। वहीं मंत्री का बयान छात्रों के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है। छात्रों ने कहा कि महाविद्यालय में अधिकांश पुस्तके ओवरडेट हो चुकी है। जो छात्रों के लिए किसी काम की नही है। वहीं छात्रों का कहना है कि कॉलेज में शिक्षकों के अधिकांश पड़ रिक्त पड़े है और संविदा शिक्षकों का हर 6 महीने में कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो जाता है जिस कारण छात्रों को भारी परेशानी होती है। छात्रों ने कहा कि महाविद्यालय में 7000 छात्रों के मुकाबले शिक्षकों के मात्र 120 पद स्वीकृत है। जिन्हें बढ़ाकर 250 किया जाना चाहिए।


Byte1: नूतन, आंदोलनकारी छात्रा
Byte2: राकेश जोशी, अध्यक्ष, छात्र संघ


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