बेरीनाग: प्रभागीय वनाधिकारी जीवन मोहन दगाडे चचरेत के कलेत और नगौर गांव में पहुंचे. यहां पर पिछले दिनों गुलदार ने एक बच्ची को निवाला बनाया था और नगौर गांव में महिला पर हमला किया था. डीएफओ जीवन मोहन दगाडे ने कलेत गांव की बच्ची के परिजनों और ग्रामीणों से मुलाकात की. उनकी समस्याओं को सुना.
डीएफओ ने किया गुलदार प्रभावित गांवों का दौरा: डीएफओ ने वन विभाग के द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी पीड़ितों के परिजनों ओर ग्रामीणों को दी. डीएफओ ने बच्ची के परिजनों से मुआवजा हेतु आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराते ही शेष धनराशि स्वीकृत करने की बात कही. इस मौके पर ग्रामीणों ने गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग उठाई. डीएफओ ने पिंजरा और ट्रैंप कैमरे की लोकेशन देखी. डीएफओ के गांव को जोड़ने वाले विभिन्न पैदल मार्गों में झाड़ियां अधिक होने से गुलदार के आने का खतरा होने की बात कही.
श्मशान में अधजले शव नहीं छोड़ने की अपील: इसके साथ ही प्रभागीय वनाधिकारी जीवन मोहन दगाडे ने कोटेश्वर स्थित श्मशान घाट में अधजले शवों को नहीं छोड़ने की अपील की. गांव में जंगली जानवरों के छुपने वाले स्थानों को चिन्हित करने के आदेश वन कर्मियों को दिये. नगौर गांव में तीन दिन पूर्व गुलदार ने एक महिला पर हमला कर दिया था. डीएफओ ने वहां का निरीक्षण किया. उन्होंने ग्रामीण से गुलदार के प्रति सजग रहने की अपील करते हुए घरों के आसपास झाड़ियों की सफाई करने और घरों के बाहर बिजली जलाने की अपील की.
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बच्चों के बाहर निकलने को लेकर ये निर्देश: डीएफओ ने बच्चों को शाम और सुबह के समय घरों के बाहर अकेले नहीं छोड़ने को कहा. इसके साथ ही खेतों और अन्य काम करने के लिए समूह में जाने की अपील की. इस मौके गांव में की जा रही गश्त की जानकारी भी ली. इस मौके पर डीएफओ के साथ वन क्षेत्राधिकारी चंदा महरा, डिप्टी रेंजर भूपाल राम, वन दरोगा शुभम पाठक, प्रयाग दत्त नौटियाल, पुष्कर लाल, राजेन्द्र कार्की, चारू भट्ट, राजेन्द्र धामी, मनोज पंत, मुकेश बुदियाल, देब धामी मौजूद थे.
गुलदार प्रभावित गांवों में लगाए पिंजरे: इधर एसडीओ कार्यालय में प्रेस वार्ता कर डीएफओ जीवन मोहन दगाडे ने बताया कि दोनों गांवों में पिंजरे लगाये गये हैं. गांव में 24 घंटे वन विभाग की टीम गश्त कर रही है. ग्रामीणों को भी जागरूक किया जा रहा है. गुलदार को आदमखोर घोषित करने के संदर्भ में कार्रवाई की गयी है. इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य, पूर्व मंडल भाजपा अध्यक्ष धीरज बिष्ट ने डीएफओ से मुलाकात की और गुलदार को आदमखोर धोषित करने की मांग की.
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लोमड़ी का कम होना चिंताजनक: बेरीनाग क्षेत्र में सियार यानी लोमड़ी का कम होना भी पर्यावरण की दृष्टि से चिंताजनक है. यह बात डीएफओ ने बताई. जंगल की दृष्टि से सियार का होना भी बहुत आवश्यक है. सियारों की संख्या बढ़े इस पर कार्य किया जाये. वहीं वन विभाग के द्वारा गांवों में उजाले के लिए सोलर पैनल लगाने की कार्रवाई की भी जानकारी दी.
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