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गिरने से युवक की हड्डी हो गई थी चूर-चूर, इलिजारोव तकनीक से सर्जरी के बाद लगेगा 'दौड़ने'

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 24, 2023, 10:44 AM IST

Updated : Sep 24, 2023, 1:58 PM IST

Ilizarov Technique की मदद से डॉक्टरों ने एक युवक के पैर की हड्डी की सर्जरी को अंजाम दिया है. इस तकनीक से हड्डी विकसित होगी. इससे मरीज कुछ महीनों के भीतर चलने भी लगेगा. इस युवक की हड्डी चूर-चूर हो गई थी. ऐसे में इलिजारोव तकनीक के जरिए डॉक्टरों ने विशेष सर्जरी की और पैर की खराब हड्डी निकाली. अब इलिजारोव तकनीक से हड्डी को बढ़ाया जा रहा है.

Ilizarov Technique
इलिजारोव तकनीक से सर्जरी

पैर की हड्डी की इलिजारोव तकनीक से सर्जरी

श्रीनगरः रुद्रप्रयाग के एक युवक के पैर की सर्जरी बेस अस्पताल श्रीनगर के डॉक्टरों ने इलिजारोव तकनीक से की है. डॉक्टरों की मानें तो कुछ महीनों के भीतर युवक चलने लग जाएगा. युवक के पैर की दो हड्डी गिरने से चूर-चूर हो गई थी. ऐसे में पैर की सर्जरी कराई गई, लेकिन गैप आने से हड्डी खराब हो गई, लेकिन अब बेस अस्पताल के डॉक्टरों ने इलिजारोव तकनीक से सर्जरी की है. जो सफल रहा है.

Ilizarov technique
इलिजारोव तकनीक से सर्जरी

दरअसल, बीते साल अक्टूबर महीने में रुद्रप्रयाग जिले के खांखरा निसणी गांव निवासी धीरेंद्र बिष्ट ने जंगल में गिर गया था. जिससे उसके पैर की दो हड्डी (टिबिया और फिबुला) चोट लगने से चूर-चूर हो गई थी. पैर में घाव भी हो गया था. जिसके लिए एक्सटर्नल फिक्सेटर लगाया गया. बाद में प्लास्टिक सर्जरी भी की गई. इससे घाव तो ठीक हो गया, लेकिन हड्डी में गैप रह गई. हड्डी में गैप आने के साथ दो-तीन इंच हड्डी खराब हो गई.
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इसके बाद धीरेंद्र बेस अस्पताल पहुंचा. जहां हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर ललित पाठक और उनकी टीम ने इलाज का भरोसा दिया. इसके तहत डॉक्टरों ने पुरानी हड्डी निकाली और इलिजारोव तकनीक से सर्जरी की. इस तकनीक से नई हड्डी विकसित कराने की कोशिश की जा रही है. जो काफी हद तक सफल दिख रहा है. इतना ही नहीं एक्सरे में हड्डी बढ़ती भी दिख रही है. डॉक्टरों की मानें तो 2 से 3 महीने में हड्डी बढ़ने के बाद मरीज चलने लायक हो जाएगा.

बेस अस्पताल श्रीनगर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ललित पाठक ने बताया कि मरीज ने इससे पहले इलाज कराया था. प्लास्टर लगाने के बाद भी हड्डी जुड़ नहीं पाई और हड्डी में गैप आ गया. जबकि, मरीज की 2-3 इंच हड्डी खराब हो गई. जिसे निकाल लिया गया है और इलिजारोव तकनीक से हड्डी के गैप को खत्म कर उसकी लंबाई बढ़ाई जा रही है. इस तकनीक से दो से तीन महीने बाद नई हड्डी तैयार हो जाएगी और मरीज चलने लगेगा.

Last Updated : Sep 24, 2023, 1:58 PM IST
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