पौड़ी: शहरों और जंगलों में लगने वाली आग पर काबू पाने में फायर सर्विस की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. अग्निशमन विभाग की ओर से स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों में आग पर काबू पाने के लिए मॉकड्रिल का आयोजन किया जाता है. ताकि आग लगने जैसी घटनाओं को लेकर सभी लोग सतर्क रह सकें. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने जिले के अग्निशमन विभाग की जांच पड़ताल की और जाना कि आग पर काबू पाने के लिए विभाग कितना मुस्तैद है.
ईटीवी भारत की जांच में सामने आया कि पौड़ी शहर में आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग के पास सभी यंत्र, मशीन और वाहन उपलब्ध हैं. शहर में कुल 10 वाहन हैं. जिसमें दो बाइक, दो बोलेरो, एक एंबुलेंस, दो मिनी वाटर टेंडर, दो वाटर टेंडर और एक फॉर्म टेंडर मौजूद है. वहीं पौड़ी में अग्निशमन विभाग के लिए 26 फायरमैन पद के सापेक्ष मात्र 15 पद भरे गए हैं. जबकि 11 पद खाली हैं. जिसमें अग्निशमन अधिकारी और अग्निशमन अधिकारी द्वितीय का पद भी रिक्त है.
पढ़ें: जूनियर ट्रैफिक फोर्स यातायात पर रखेगी नजर, लोगों को पढ़ाएगी नियमों का पाठ
प्रभारी अग्निशमन अधिकारी अशोक कुमार ने कहा कि इस साल विभाग की ओर से शहर के सभी स्कूलों और कार्यालयों में जाकर आग लगने के कारणों को बताया गया. आग लगने के बाद आग पर काबू पाने की भी जानकारी दी गई. उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि अपने शहर और जंगल की वन संपदा को सुरक्षित रखने के लिए हम हमेशा सतर्क रहें.
बता दें कि पिछले साल जनवरी 2018 से लेकर दिसंबर 2018 तक 101 आग लगने की घटनाएं पंजीकृत हुई थी. जिसमें 85 घटनाए जंगल में आग लगने की और 16 आवासीय घटना थी. इन घटनाओं में 3,93,70,521 रुपयों का नुकसान हुआ. वहीं, साल 2019 में अब तक 18 घटनाएं पंजीकृत हुई हैं. जिसमें 15 घटनाएं जंगल में आग लगने की है और 3 घटनाएं आवासीय है. जिसमें करीब 5 लाख रुपयों का नुकसान हो गया है.