कोटद्वारः नगर निगम मेयर हेमलता नेगी पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है. उन पर चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप है. हेमलता नेगी पर नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप है जिसके चलते उन पर कार्रवाई की मांग हो रही है. शासन ने मेयर नेगी से एक सप्ताह में जवाब मांगा है.
इसी तरह चमोली जिले के पोखरी नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मीप्रसाद पंत पर भी सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का आरोप है. इस मामले में शहरी विकास विभाग ने पंत को बर्खास्त करने का नोटिस थमा दिया है, जबकि हेमलता पर भी कार्रवाई के लिए न्याय विभाग ने हरी झंडी दे दी है. इस घटनाक्रम के बाद सियासत गर्मा गई है. दूसरी ओर हेमलता नेगी ने इसे विपक्ष की साजिश बताई है. साथ ही कोर्ट में जाने की बात कही है.
हेमलता नेगी पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी की पत्नी हैं. मेयर नेगी पर नगर निगम की जमीन पर अतिक्रमण के आरोप लगे थे. शहरी विकास विभाग ने इसकी जांच जिला प्रशासन के माध्यम से कार्रवाई की तो आरोप सही साबित हुए, हालांकि अपने बचाव में मेयर ने बताया कि उन्होंने अतिक्रमण हटा दिया है.
शासन ने मेयर नेगी से एक सप्ताह में जवाब मांगा है. मेयर नेगी भी शासन के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कहा कि यह सब साजिश के तौर पर किया जा रहा है. शासन ने पूर्व में भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल द्वारा पूरा विवरण दिया था. बताया जा रहा है कि निर्वाचन के दौरान नगर निगम कोटद्वार में एक नजूल भूखंड संख्या 247 नजीबाबाद रोड पर हेमलता नेगी द्वारा अतिक्रमण किया गया.
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राज्य सरकार की नजूल भूमि पर अतिक्रमण के दृष्टिगत महापौर के खिलाफ कार्रवाई की बात कही. वहीं, मेयर हेमलता नेगी ने कहा कि उनके द्वारा नगर में किसी भी भूमि पर अतिक्रमण नहीं किया गया है. चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा हमें चुनाव लड़ने के लिए क्लीन चिट दे दी गई थी. यह जो भी हो रहा है साजिश के तौर पर हो रहा है. इस मामले में न्यायालय की सहायता लूंगी.