ETV Bharat / state

कोटद्वार नगर निगम सामने आया बड़ा घोटाला, नियमों को ताक पर रखकर की गई टेंडर प्रक्रिया

author img

By

Published : Aug 14, 2020, 6:26 PM IST

कोटद्वार नगर निगम में टेंडर प्रक्रिया में घोटाले का मामला सामने आया है. यहां बिना एफडीआर/ सीडीआर के यूनिपोल/होर्डिंग्स का टेंडर एक विज्ञापन कंपनी सक्षम एडवरटाइजिंग को दे दिया गया.

kotwar-municipal-corporation
कोटद्वार नगर निगम सामने आया बड़ा घोटाला

कोटद्वार: नगर निगम ने जनवरी 2020 में यूनिपोल/होर्डिंग्स का टेंडर जारी किया था, जिसमें नगर निगम के कर्मचारियों व तत्कालीन नगर आयुक्त की मिलीभगत के कारण बिना एफडीआर बनाये टेंडर जारी कर दिया गया था. टेंडर फाइल पर एफडीआर की जगह सात लाख का बिना दिनांक के एक चेक लगा दिया गया है. टेंडर घोटाले का ये मामला सूचना के अधिकार की जानकारी के बाद सामने आया है.

कोटद्वार नगर निगम सामने आया बड़ा घोटाला
कोटद्वार नगर निगम में यूनिपोल/होर्डिंग्स के नाम पर हुए टेंडर घोटाले का मामला सामने आया है. मामला तब उजागर हुआ जब एक स्थानीय निवासी ने सूचना के अधिकार में संबंधित टेंडर की जानकारी मांगी. सूचना के अधिकार में उजागर हुआ कि सुधीर कुमार के नाम से एक विज्ञापन कंपनी सक्षम एडवरटाइजिंग को यूनिपोल/होर्डिंग्स का टेंडर दे दिया गया. जिसमें दो लाख की एफडीआर/ सीडीआर लगनी थी. टेंडर होने पर 50% रकम यानी सात लाख रुपये तीन दिन में जमा होने थे. नगर निगम के सूत्रों की मानें तो तत्कालीन नगर आयुक्त और नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना एफडीआर के चौदह लाख का टेंडर जारी कर दिया गया.
-kotwar-municipal-corporation
टेंडर की निविदा.

पढ़ें- 14 अगस्त : छलनी हुआ भारत मां का सीना, जानें 'आज' का इतिहास

टेंडर की एवज में सुधीर कुमार ने सात लाख का चेक नगर निगम को दिया, जो नगर निगम ने तीन दिन के बजाय लगभग एक महीने के बाद बैंक में लगाया. जिससे वह बाउंस हो गया. अब यह मामला नगर निगम में इन दिनों चर्चाओ का विषय बना हुआ है.

kotwar-municipal-corporation
सक्षम एडवरटाइजिंग कंपनी

पढ़ें- 14 अगस्त : छलनी हुआ भारत मां का सीना, जानें 'आज' का इतिहास

वहीं, एडवरटाइजिंग कंपनी के मालिक सुधीर कुमार का कहना है कि एक यूनिपोल/होर्डिंग्स का टेंडर निकला था. जिसमें किसी भी फर्म ने टेंडर नहीं भरा था. हमारी फर्म ने नियमों के तहत टेंडर प्रक्रिया पूरी की. टेंडर के बाद अप्रैल में कुछ पैसा भी नगर निगम में जमा करना था, लेकिन 22 मार्च से लॉकडाउन हो गया.

पढ़ें- मम्मी के घर लौटते ही प्रेमी को भगाया और खुद खिड़की से कूदी किशोरी

जिसके कारण वे पैसा जमा नहीं करा पाये. उन्होंने कहा सरकार ने सभी लोगों को पैसा जमा करने में छूट दी तो हमने भी विधिवत शासन को एक पत्र भेजा. जिसके बाद शासन ने हमें आगे पैसा जमा करने का टाइम दिया है. हमारे पास अभी दो साल का समय है. हम कभी भी पैसा जमा कर सकते हैं.

पढ़ें-खादी के तिरंगे पर पड़ा कोरोना का असर, बिक्री घटने से व्यवसायी परेशान

पूरे मामले पर नगर आयुक्त का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में आया है. मामले की जांच करवाई जा रही है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.