ETV Bharat / state

UKSSSC Paper Leak: HC से कांग्रेस MLA भुवन कापड़ी की याचिका निरस्त

author img

By

Published : Oct 19, 2022, 4:45 PM IST

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले (UKSSSC paper leak) में कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी (Congress MLA Bhuwan Kapri) ने उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) से जो सीबीआई जांच (cbi inquiry) की मांग की थी, उसे उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नहीं माना है. साथ ही उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी की याचिका को भी निरस्त कर दिया है.

Etv Bharat
Etv Bharat

नैनीताल: कांग्रेस विधायक और उपनेता सदन भुवन कापड़ी (Congress MLA Bhuwan Kapri) की उस याचिका को उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने निरस्त कर दिया, जिसमें भुवन कापड़ी ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक (UKSSSC paper leak) मामले की जांच सीबीआई (cbi inquiry) से कराने की मांग की थी. मामले को सुनने के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने निर्णय देते हुए याचिका को निरस्त कर दिया है.

इस मामले में बीती 12 अक्टूबर को भी सुनाई हुई थी, लेकिन तब उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अमित कापड़ी ने कोर्ट को अवगत कराया था कि उनके संशोधन प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश करने के बाद एसटीएफ ने यूकेएसएसएससी के पूर्व चेयरमैन को गिरफ्तार किया. अभी भी सरकार बड़े लोगों को बचा रही है. ऐसे ही नकल करने से संबंधित मामले में 2020 में हरिद्वार के मंगलौर एवं पौड़ी में दो एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन उन लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई.
पढ़ें- UKSSSC के नए चेयरमैन मर्तोलिया बोले- पारदर्शी भर्तियां करेंगे, युवाओं का विश्वास वापस लाएंगे

भुवन कापड़ी ने मुकदमा दर्ज होने से पहले विधानसभा में इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी, परन्तु सरकार ने इसकी जांच एसटीएफ को दे दी. वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और जीए गजेंद्र सिंह संधू ने कहा गया था कि इस मामले में 80 प्रतिशत जांच पूरी हो चुकी है. अभी 41 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 28 से 30 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है. एसटीएफ की जांच में संदेह नहीं है. इसलिए इस मामले को खारिज किया जाए.

मामले के अनुसार कांग्रेस विधायक भुवन कापड़ी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर यूकेएसएसएससी पेपर लीक केस की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी. उनका कहना था कि एसटीएफ सही तरीके से जांच नहीं कर है, अभी तक जो गिरफ्तारियां हुई है, छोटे-छोटे लोगों की हुई है. जबकि राजिश रचने वाले बड़े लोगों की अभी तक एक की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. इसमें यूपी और उत्तराखंड के कई बड़े अधिकारी व नेता शामिल हैं और सरकार उनको बचा रही है. इसलिए इस मामले की जांच एसटीएफ से हटाकर सीबीआई से कराई जाए.
पढ़ें- 'भ्रष्टाचार के अड्डों की कोई जरूरत नहीं', UKSSSC को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने दिया बयान

क्या है मामला: बता दें कि यूकेएसएसएससी ने साल 2021 में ग्रेजुएट लेवल की परीक्षा आयोजित कराई थी, जिसका रिजल्ट की घोषित कर दिया गया था. पास हुए अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच चल रही थी, तभी इस परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आया. विवाद बढ़ा तो सरकार ने जांच का आदेश दिए और 22 जुलाई 2022 को अनु सचिव राजन नैथानी ने देहरादून के रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.

एफआईआर में कहा गया है कि व्हाट्सअप मैसेज से अभ्यर्थियों को प्रश्न हल कराए गए. एसटीएफ ने शुरू में संदिग्ध 17 लोगों के फोन लोकेशन व सीडीआर के माध्यम से जांच की शुरुआत की, जो सही पाई गई और जिसमें अभीतक 44 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि इसमें से 5 को जमानत भी मिल गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.