नैनीताल: आखिरकार 5 महीने बाद रोडवेज कर्मचारियों को वेतन मिलने का रास्ता साफ हो गया है. आज प्रदेश के वित्त सचिव, मुख्य सचिव, परिवहन सचिव समेत एमडी परिवहन के द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital High Court) के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पेश होकर अपना जवाब पेश किया. जिसमें बताया गया कि सरकार द्वारा रोडवेज कर्मचारियों के वेतन के लिए करीब 23 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं. जल्द ही कर्मचारियों को वेतन दे दिया जाएगा.
वहीं, कोर्ट ने रोडवेज कर्मचारियों को वेतन देने में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने सरकार से पूछा कि फरवरी माह से अब तक कर्मचारियों का करीब 68 करोड़ रुपए की देनदारी सरकार पर है, जिसे उनके द्वारा क्यों नहीं दिया गया? सुनवाई के दौरान प्रदेश के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कोर्ट को बताया कि रोडवेज कर्मचारियों को वेतन न देने का मामला मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अवगत करा दिया गया है. जल्द ही मामला कैबिनेट में रखा जाएगा. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने मुख्य सचिव से मामले में गंभीरता से फैसला लेने को कहा.
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कर्मचारियों को वेतन न देने के मामले पर कोर्ट ने सरकार पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य सरकार को ऐसे मामले पर संवेदनशील होना चाहिए. राज्य सरकार का यह संवैधानिक कर्तव्य है कि नागरिकों को उनके मूल अधिकार के लिए आगे आना चाहिए ताकि लोगों के जीवन को बचाया जा सके.
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बता दें कि उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी संघ ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार उनके खिलाफ एस्मा लगाने जा रही है, जो नियम विरुद्ध है. सरकार कर्मचारियों को हड़ताल करने पर मजबूर करती आई है. सरकार व परिवहन निगम न तो संविदा कर्मचारियों को नियमित कर रही है, न उनको नियमित वेतन दिया जा रहा है. उनको पिछले चार साल से ओवर टाइम भी नहीं दिया जा रहा है. रिटायर कर्मचारियों के देय का भुगतान भी नहीं किया गया. यूनियन का सरकार व निगम के साथ कई बार मांगों को लेकर समझौता हो चुका है. उसके बाद भी सरकार एस्मा लगाने को तैयार है.
साथ ही याचिका में कहा है कि सरकार ने निगम को 45 करोड़ रुपया बकाया देना है. वहीं, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा भी निगम को 700 सौ करोड़ रुपया देना है. न तो राज्य सरकार निगम को उनका 45 करोड़ पर दे रही है न ही राज्य सरकार उत्तर प्रदेश से 700 करोड़ रुपए मांग रही है. जिस वजह से निगम न तो नई बसें खरीद पा रहा है और न ही बस में यात्रियों की सुविधाओं के लिए सीसीटीवी समेत अन्य सुविधाएं जुटाई जा रही है.