ETV Bharat / state

ऊपर झूल रही 'मौत' और नीचे बना रहे 'आशियाना'

author img

By

Published : Jun 19, 2019, 8:55 PM IST

दमुआढ़ूंगा से लेकर काठगोदाम तक हाइडल कॉलोनी के पास 11000 केवी वोल्टेज और 33000 वोल्टेज हाईटेंशन लाइन के नीचे घरों का निर्माण किया जा रहा है. इस बेहद संवेदनशील स्थानों पर बड़े पैमाने पर हजारों लोगों ने अपने घर बना लिए हैं. ऐसे में करंट लगने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. जबकि मामले में प्रशासन चुप्पी साधे हुए है.

हाईटेंशन लाइन के नीचे घरों और मॉल का हो रहा निर्माण.

हल्द्वानीः दमुआढ़ूंगा से लेकर काठगोदाम के हाइडल कॉलोनी में इनदिनों 11000 केवी के विद्युत लाइन के नीचे बड़े पैमाने पर आवासीय निर्माण चल रहा है. इन हाईटेंशन विद्युत लाइन के नीचे भवन बनाने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन यहां पर धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है. इन हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर कई लोगों की मौतें हो चुकी है. जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं. बावजूद प्रशासन मामले पर चुप्पी साधे हुए है.

हाईटेंशन लाइन के नीचे घरों और मॉल का हो रहा निर्माण.


दरअसल, शहर के दमुआढ़ूंगा से लेकर काठगोदाम तक हाइडल कॉलोनी के पास 11000 केवी वोल्टेज और 33000 वोल्टेज की अलग-अलग लाइने जा रही हैं. जिनके नीचे भवन बनाने की कोई अनुमति नहीं है, लेकिन बेहद संवेदनशील स्थानों पर बड़े पैमाने पर हजारों लोगों ने अपने घर बना लिए है.


वहीं करंट लगने से कई हादसे हो चुके हैं. बावजूद इसके लोग हाईटेंशन लाइन के नीचे निर्माण करने में जुटे हैं. पूरे मामले पर स्थानीय प्राधिकरण, नगर निगम, जिला प्रशासन और विद्युत विभाग बेखर बना हुआ है.

ये भी पढ़ेंः गुप्ता बंधुओं की Z+ सुरक्षा पर सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कही ये बात


मामले पर सिटी मजिस्ट्रेट और प्राधिकरण के संयुक्त सचिव प्रत्यूष कुमार का कहना है कि हाईटेंशन लाइन के नीचे प्राधिकरण और जिला प्रशासन से कोई अनुमति नहीं दी जाती है. साथ ही नक्शा भी पास नहीं किया जाता है, इसके बावजूद कोई अवैध निर्माण करता है तो उसे नोटिस दिया जाता है.


उधर, विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता चंद्र शेखर त्रिपाठी ने कहा कि लाइन के नीचे अगर कोई घर बनाता है तो उसे तुरंत नोटिस जारी किया जाता है और प्राधिकरण के संज्ञान में भी लाया जाता है. जिससे हाईटेंशन लाइन के नीचे हो रहे घरों के निर्माण को रोका जा सके.


बहरहाल, इतने बड़े पैमाने पर हाईटेंशन लाइन के नीचे बने घरों का निर्माण आखिर कैसे हुआ इसे लेकर किसी के पास कोई जवाब नहीं है. ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि कई मौत होने के बाद भी प्रशासन चुप्पी क्यों साध रही है?

Intro:samney- हाईटेंशन तार के नीचे मौत तार के नीचे बन रहे हैं घर कई लोगों की हो चुकी है मौत।

एंकर- हल्द्वानी में 11000 केवी की विद्युत लाइन के नीचे बड़े पैमाने पर आवासीय निर्माण हो रहे हैं इसके अलावा हजारों घर पहले से बन चुके हैं लेकिन नगर निगम के भीतर इन घरों के निर्माण का नक्शा किसने पास किया इन घरों को बनाने के लिए हाईटेंशन लाइन के नीचे आखिर किसने अनुमति दी यह एक सवाल खड़ा हो रहा है क्योंकि आए दिन हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर लोग अकाल मौत के मुंह में जा रहे हैं या गंभीर रूप से घायल हो जा रहे हैं।


Body:दरअसल शहर के दमुआढ़ूंगा से लेकर काठगोदाम तक हाइडल कॉलोनी के पास 11000 केवी वोल्टेज और 33000 वोल्टेज की अलग-अलग लाइने जा रही है जिनके नीचे भवन बनाने की कोई अनुमति नहीं मिलती लेकिन बड़े पैमाने पर हजारों लोगों ने अपने घर बना लिए हैं जो कि आप बेहद संवेदनशील स्थानों पर हैं ।जहां निर्माण के दौरान आए दिन करंट लगता रहता है यही नहीं करंट लगने के कई हादसों के बाद कई लोगों की जान गवाने के बाद भी लोग हाईटेंशन लाइन के नीचे निर्माण कराने में जुटे हैं ।न तो स्थानीय प्राधिकरण की नजर इस पर जाती है ना ही नगर निगम की और नाही जिला प्रशासन और विद्युत विभाग की।


Conclusion:उधर शहर के सिटी मजिस्ट्रेट और प्राधिकरण के संयुक्त सचिव प्रत्यूष कुमार का कहना है हाईटेंशन लाइन के नीचे प्राधिकरण या जिला प्रशासन से न तो कोई अनुमति दी जाती है और ना ही उनका नक्शा पास किया जाता है लेकिन अगर कोई अवैध निर्माण करता है तो उनको नोटिस दिया जाता है ।लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हाईटेंशन लाइन के नीचे बने घरों का निर्माण आखिर कैसे हुआ इस पर किसी के पास कोई जवाब नहीं है। वहीं विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता चंद्र शेखर त्रिपाठी का कहना है की लाइन के नीचे अगर कोई घर बनाता है तो उसे तुरंत नोटिस जारी किया जाता है और प्राधिकरण के संज्ञान में भी लाया जाता है ताकि हाईटेंशन लाइन के नीचे हो रहे घरों के निर्माण को रोका जा सके।
बाइट- प्रत्यूष सिंह प्राधिकरण संयुक्त सचिव
बाइट -चंद शेखर त्रिपाठीsc
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.