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पंचायत पावर: सबसे कम उम्र की प्रधान बनीं रागिनी, मनोविज्ञान में करेंगी पोस्ट ग्रेजुएशन

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Published : Oct 21, 2019, 4:21 PM IST

Updated : Oct 21, 2019, 7:38 PM IST

नैनीताल की पनियाली ग्राम सभा में 21 साल की रागिनी ग्राम प्रधान चुनी गई हैं. उन्होंने प्रतिद्वंदी को 383 मतों से पटखनी दी है. इतनी कम उम्र में चुनाव जीतने के बाद उनके परिवार में खुशी का माहौल है.

हल्द्वानी

हल्द्वानी: प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना जारी है. प्रदेश के 12 जिलों में सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो गई है. मतगणना के कुछ ही घंटों बाद चुनाव के परिणाम भी सामने आने लगे हैं. हल्द्वानी के पनियाली ग्राम सभा में सबसे कम उम्र की प्रत्याशी रागनी आर्य ग्राम प्रधान पद पर निर्वाचित हुई हैं. रागिनी ने अपनी प्रतिद्वंदी रेखा रानी को 383 मतों से पराजित किया है. रागिनी की उम्र अभी 21 साल 1 महीने है. रागिनी ने इसी साल साइकोलॉजी में ग्रेजुएशन पूरा किया है. जीत के बाद रागिनी बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने गांव वालों का आभार जताया है.

रागिनी बनीं सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान

बता दें, रागिनी का परिवार पहले से ही राजनीति से जुड़ा हुआ है. उनके पिता जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं. उन्होंने जिला पंचायत में भ्रष्टाचार के चलते साल 1997 में जिला पंचायत सदस्य से इस्तीफा दे दिया था. पद छोड़ने की कसक उनके दिल में थी. लिहाजा, 21 साल की उम्र में अपनी बेटी रागनी को ग्राम प्रधान पद के लिए मैदान में उतारा और बेटी पिता की उम्मीदों और कसौटी पर खरी उतरी. बेटी की कामयाबी से पिता हरीश आर्य के लिए यह मौका खुशियों भरा है.

रागिनी अब मनोविज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन करेंगी. वह इस समय हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह समय बहुत अच्छा है, क्योंकि पंचायत चुनाव में महिलाओं को भागीदारी करने का मौका मिला है.

Intro:sammry- रागिनी आर्य 21 साल 1 महीने की उम्र में बनी ग्राम प्रधान।
एंकर- हल्द्वानी विकासखंड के पनियाली ग्राम सभा में सबसे कम उम्र की प्रत्याशी रागनी आर्य ग्राम प्रधान पद पर निर्वाचित हुई है। रागिनी ने अपनी प्रतिद्वंदी रेखा रानी को 383 मतों से पराजित किया है रागिनी की उम्र अभी 21 साल 1 महीने हैं और वह अभी अपना ग्रेजुएशन पूरा कर चुकी हैं जीत के बाद रागनी बेहद उत्साहित दिख रही हैं और उन्होंने अपने गांव वालों का आभार जताया और कहा कि अभी कई काम ऐसे बाकी है जिन को पूरा करना उनकी चुनौती है।


Body:रागिनी का परिवार पहले से ही राजनीति से जुड़ा हुआ है और उनके पिता उससे पहले जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं और उन्होंने जिला पंचायत में भ्रष्टाचार के चलते सन 1997 में जिला पंचायत सदस्य से इस्तीफा दे दिया था पद छोड़ने की कसक उनके दिल में थी लिहाजा 21 साल की उम्र में अपनी बेटी रागनी को ग्राम प्रधान पद के लिए मैदान में उतारा और बेटियों पिता के उम्मीदों और कसौटी पर खरी उतरी। बेटी की कामयाबी से पिता हरीश आर्य के लिए यह मौका किसी को खुशी से कम नहीं था।

बाइट -हरीश आर्य रागिनी के पिता


Conclusion:रागिनी अब मनोवैज्ञानिक में पोस्ट ग्रेजुएशन करेंगी और वह इस समय हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज से अपनी पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छा मौका मिला है कि जब पंचायत चुनाव में महिलाओं को अपनी भागीदारी करने का मौका मिला है लिहाजा उनकी जीत हुई है और वह अपनी इस जीत को बस्ता सुधारने में जी जान से लगा देंगी।

बाइट -रागनी आर्या 21 साल की उन्होंने निर्वाचित प्रधान

गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में लड़ने की प्रत्याशी की उम्र सीमा 21 वर्ष होते हैं ।रागनी 21 साल 1 महीने की उम्र में पंचायत चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान बनी है।
Last Updated : Oct 21, 2019, 7:38 PM IST
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