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नैनीताल HC पहुंचा प्रस्तावित रोप-वे का मामला, सरकार से मांगा जवाब

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Published : Aug 28, 2019, 11:35 PM IST

जनहित याचिका में कहा गया है कि हल्द्वानी के काठगोदाम से नैनीताल तक बनने वाले रोप-वे में निहाल नाले, बनियान वाले समेत मनोरा पिक से होता जाएगा. लेकिन मनोरा पिक भू-गर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अति संवेदनशील है.

रोप-वे मामले में नैनीताल HC ने मांगा जवाब.

नैनीताल: सड़क पर गाड़ियों का दवाब कम करने के लिए काठगोदाम से नैनीताल तक रोप-वे बनाए जाने का मामला अब उच्च न्यायालय पहुंच गया है. जिसकी सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार और टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड को दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है.

रोप-वे मामले में नैनीताल HC ने मांगा जवाब.

बता दें कि नैनीताल निवासी अजय रावत ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि हल्द्वानी के काठगोदाम से नैनीताल तक बनने वाले रोप-वे में निहाल नाले, बनियान वाले समेत मनोरा पिक से होता जाएगा. लेकिन मनोरा पिक भू-गर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अति संवेदनशील है. जिस के चलते यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता.

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साथ ही पूर्व में भी मनोरा पिक समेत आसपास के क्षेत्र में निर्माण न करने को लेकर अजय रावत द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें कहा गया था कि यह क्षेत्र रेत के ढेर के ऊपर बना है. इस झेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण बड़े खतरे को न्योता देगा, लिहाजा इस स्थान पर कोई भी निर्माण ना हो.

इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि जिस स्थान पर रोप-वे बनाया जा रहा है उसके दोनों तरफ बलिया नाला और निहाल नाला हैं . इन दोनों नालों में लंबे समय से भूस्खलन हो रहा है, जिससे नैनीताल के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.

वहीं, बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार और उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

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हल्द्वानी से नैनीताल तक बनने वाले रोप - वे निर्माण का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में जा पहुंचा है।

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नैनीताल में गाड़ियों का दबाव कम करने समेंत नैनीताल को जाम से मुक्त करने के लिए काठगोदाम ( हल्द्वानी) से नैनीताल तक बनने वाले रोप - वे का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है, मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार और टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।


Body:आपको बता दें कि नैनीताल निवासी अजय रावत ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी से नैनीताल तक बनने वाला रूप में निहाल नाले और बनियान वाले समेत मनोरा पिक में बनने का प्रस्ताव है लेकिन मनोरा पिक भूगर्भीय रिपोर्ट के आधार पर अति संवेदनशील है लिहाजा यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता।
पूर्व में भी मनोरा पिक समेत आसपास के क्षेत्र में निर्माण न करने को लेकर अजय रावत द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमें कहा गया था कि यह क्षेत्र रेत के ढेर के ऊपर बना है और यहां पर किसी भी प्रकार का निर्माण बड़े खतरे को न्योता देगा लिहाजा इस स्थान पर कोई भी निर्माण ना हो।


Conclusion:साथ ही याचिका में कहा गया है कि जिस स्थान पर रोप वे बनाया जा रहा है उसके दोनों तरफ बलिया नाला और निहाल नाला हैं और इन दोनों नालों में लंबे समय से भूस्खलन हो रहा है, जिससे नैनीताल के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है।
मामले की सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार समेत उत्तराखंड टूरिज्म डिपार्टमेंट को 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाईट- राजीव बिष्ट, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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