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जब कोई हो मुसीबत में बेहिचक करें मदद, घायल को नजरअंदाज करने से पहले जरूर पढ़ें यह खबर

सड़क हादसे में घायल व्यक्ति की मदद के लिए आम आदमी का जागरुक होना बहुत जरूरी है. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम ने सुशीला तिवारी अस्पताल के सर्जन डॉ. के एस शाही से बात की.

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बेहिचक करेंगे सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद.
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Published : Dec 9, 2019, 9:14 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 11:24 PM IST

हल्द्वानी: इन दिनों प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. ऐसे में सड़क हादसे में घायल व्यक्ति रास्ते में ही पड़ा तड़पता रहता है, लेकिन कानूनी पचड़ों और सुविधाओं के अभाव में कोई भी व्यक्ति घायल की मदद के लिए आगे नहीं आता है. सड़क हादसे के दौरान आम आदमी पुलिस प्रशासन और एंबुलेंस का इंतजार ही करता रहता है और इलाज के अभाव में घायल दम तोड़ देता है. ऐसे में घायल व्यक्ति की जान कैसे बचाई जा सकती है. इसके लिए ईटीवी भारत ने डॉक्टर्स से राय ली.

बेहिचक करेंगे सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद

सुशीला तिवारी अस्पताल के सर्जन डॉ. के एस शाही के अनुसार

  • सड़क हादसे के दौरान घायल को तुरंत सड़क से किनारे लेकर आना चाहिए, जिससे कोई दूसरा हादसा न हो.
  • घटना के दौरान तुरंत एंबुलेंस को फोन करने के बाद रक्त स्राव की स्थिति में किसी कपड़े से कटे हुए स्थान को बांध दें, जिससे खून का बहना कम हो जाएगा.
  • अगर हादसे में घायल का कोई अंग क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसको लकड़ी या बांस की खपच्चे के सहारे बांध दें.
  • कोई लोहे की वस्तु शरीर के अंदर में घुसी हुई है तो उसे किसी भी हालत में नहीं निकालें.
  • सबसे ज्यादा खतरा सिर पर लगी चोट से होता है तो सिर को कपड़े से अच्छी तरह बांध लें, जिससे घायल व्यक्ति के बहते खून को रोका जा सके.
  • हादसे के दौरान घायल व्यक्ति को उठाने के लिए स्ट्रेचर का प्रयोग करें, जिससे घायल को और ज्यादा नुकसान न हो.

जानकारी के अनुसार, सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना 10 से 15 लोग सड़क हादसे में इलाज के लिए आते हैं और इसमें अधिकतर मौतें सिर पर चोट लगने से या ज्यादा रक्तस्राव होने के कारण होती हैं.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार की हकीकत दिखाता ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए दिशा निर्देश

सड़क हादसा होने पर आप पीड़ित की निःसंकोच मदद कर सकते हैं. इसके लिए पुलिस आपको परेशान नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद-141 के तहत तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ये आदेश जारी किया है. इसके तहत घायल की मदद करने वाले राहगीर को कानूनी पचड़ों में नहीं डाला जाएगा.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि सड़क हादसे के दौरान पुलिस मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल ले जाने और इलाज की व्यवस्था करती है. पुलिसकर्मी को फर्स्ट एड प्राथमिकता के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही जरुरत पड़ने पर पुलिस प्राथमिक इलाज भी करती है.

हल्द्वानी: इन दिनों प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है. ऐसे में सड़क हादसे में घायल व्यक्ति रास्ते में ही पड़ा तड़पता रहता है, लेकिन कानूनी पचड़ों और सुविधाओं के अभाव में कोई भी व्यक्ति घायल की मदद के लिए आगे नहीं आता है. सड़क हादसे के दौरान आम आदमी पुलिस प्रशासन और एंबुलेंस का इंतजार ही करता रहता है और इलाज के अभाव में घायल दम तोड़ देता है. ऐसे में घायल व्यक्ति की जान कैसे बचाई जा सकती है. इसके लिए ईटीवी भारत ने डॉक्टर्स से राय ली.

बेहिचक करेंगे सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद

सुशीला तिवारी अस्पताल के सर्जन डॉ. के एस शाही के अनुसार

  • सड़क हादसे के दौरान घायल को तुरंत सड़क से किनारे लेकर आना चाहिए, जिससे कोई दूसरा हादसा न हो.
  • घटना के दौरान तुरंत एंबुलेंस को फोन करने के बाद रक्त स्राव की स्थिति में किसी कपड़े से कटे हुए स्थान को बांध दें, जिससे खून का बहना कम हो जाएगा.
  • अगर हादसे में घायल का कोई अंग क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसको लकड़ी या बांस की खपच्चे के सहारे बांध दें.
  • कोई लोहे की वस्तु शरीर के अंदर में घुसी हुई है तो उसे किसी भी हालत में नहीं निकालें.
  • सबसे ज्यादा खतरा सिर पर लगी चोट से होता है तो सिर को कपड़े से अच्छी तरह बांध लें, जिससे घायल व्यक्ति के बहते खून को रोका जा सके.
  • हादसे के दौरान घायल व्यक्ति को उठाने के लिए स्ट्रेचर का प्रयोग करें, जिससे घायल को और ज्यादा नुकसान न हो.

जानकारी के अनुसार, सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना 10 से 15 लोग सड़क हादसे में इलाज के लिए आते हैं और इसमें अधिकतर मौतें सिर पर चोट लगने से या ज्यादा रक्तस्राव होने के कारण होती हैं.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार की हकीकत दिखाता ये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए दिशा निर्देश

सड़क हादसा होने पर आप पीड़ित की निःसंकोच मदद कर सकते हैं. इसके लिए पुलिस आपको परेशान नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद-141 के तहत तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ये आदेश जारी किया है. इसके तहत घायल की मदद करने वाले राहगीर को कानूनी पचड़ों में नहीं डाला जाएगा.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा ने बताया कि सड़क हादसे के दौरान पुलिस मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल ले जाने और इलाज की व्यवस्था करती है. पुलिसकर्मी को फर्स्ट एड प्राथमिकता के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. साथ ही जरुरत पड़ने पर पुलिस प्राथमिक इलाज भी करती है.

Intro:sammry- सड़क हादसे के दौरान घायलों को आम आदमी कैसे दे सकता है प्राथमिक उपचार । हास्य के दौरान प्राथमिक उपचार में पुलिस की क्या होती है भूमिका आइए जानते हैं।

एंकर- अक्सर आपने देखा होगा सड़क हादसे के दौरान घायल सड़कों पर तड़पता रहता है लेकिन आम आदमी उसको मदद नहीं करता है। सड़क हादसे के दौरान आम आदमी पुलिस प्रशासन और एंबुलेंस की इंतजार करता रहता है इस दौरान घायल दम तोड़ देता है। ऐसे में घायल की जान बच सके इसके लिए आम आदमी को भी जागरूक होने की जरूरत है ।घायल व्यक्ति को आम आदमी कैसे प्राथमिक उपचार दे सकता है आइए डॉक्टर की राय जाने-


Body:सड़क हादसे के दौरान अधिकतर लोग या एंबुलेंस के इंतजार में दम तोड़ देते हैं लेकिन आम आदमी उसको देखता रहता है और उसको बचा नहीं पाता है। ऐसे में आम आदमी को अब जागरूक होने की जरूरत है। सुशीला तिवारी अस्पताल के सर्जन डॉक्टर के इस शाही के मुताबिक सड़क हादसे के दौरान घायल को तुरंत सड़क से किनारे लानी चाहिए जिससे कि कोई दूसरा हादसा ना हो। घटना के दौरान तुरंत एंबुलेंस की फोन करने के बाद रक्त स्राव की स्थिति में किसी कपड़े से कटे हुए स्थान को बांध दें जिससे कि रक्तस्राव रुक सके। यही नहीं कोई अंग क्षतिग्रस्त हो गया है तो उसको लकड़ी या बांस के पत्ती के सहारे बांध सकते हैं। कोई लोहे की वस्तु शरीर के अंदर में घुसी हुई है तो उसके किसी भी हालत में नहीं निकाले। सबसे ज्यादा इंजरी की खतरा सर में होता है ऐसे में सर को कपड़े से अच्छी तरह बांध ले जिससे कि उस का खून को रोका जा सके। साथी हादसे के दौरान घायल व्यक्ति को उठाने के लिए स्ट्रेचर का प्रयोग करें जिससे कि घायल व्यक्ति को और ज्यादा नुकसान नहीं हो सके। और तुरंत अस्पताल को पहुंचाया जाए। डॉक्टर साईं के मुताबिक सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना 10 से 15 लोग सड़क हादसे के इलाज के लिए आते हैं और इसमें अधिकतर मौतें हेड इंजरी और ज्यादा रक्तस्राव के चलते होती है।

बाइट -के एस शाही सर्जन सुशीला तिवारी अस्पताल


Conclusion:वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा का कहना है कि सड़क हादसे के दौरान पुलिस मौके पर पहुंच घायलों की अस्पताल ले जाने और इलाज की व्यवस्था करती है। पुलिसकर्मी को फर्स्ट एड प्राथमिकता के लिए ट्रेनिंग दी जाती है और जरूरत पड़ने पर पुलिस फर्स्ट एड प्राथमिक इलाज भी करती है।

वाइट सुनील कुमार मीणा एसएसपी नैनीताल
Last Updated : Dec 9, 2019, 11:24 PM IST
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