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राज्यपाल ने एरीज में टेलीस्कोप से देखा चंद्रमा, बोले- उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म की काफी संभावना

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Published : Jun 13, 2022, 8:30 PM IST

उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सोमवार को नैनीताल स्थित एरीज (आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान) में टेलीस्कोप के जरिए चंद्रमा को देखा. इस दौरान वैज्ञानिकों ने उन्हें एरीज में चल रहे शोध के बारे में जानकारी भी दी. राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म की संभावनाओं पर भी जोर दिया.

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नैनीताल: उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सोमवार को नैनीताल स्थित एरीज (आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान) पहुंचे. यहां उन्होंने टेलीस्कोप के जरिए चंद्रमा को देखा. साथ ही उन्होंने कहा कि युवाओं समेत पर्यटकों में एस्ट्रो टूरिज्म को लेकर रुझान बढ़ा है. लिहाजा जल्द से जल्द उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों में भी एस्ट्रो टूरिज्म शुरू किया जाएगा.

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने वैज्ञानिकों से एरीज में चल रहे शोध और विभिन्न गतिविधियों के बारे भी जानकारी ली. इसके बाद राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड का सौभाग्य है कि यहां विश्व प्रतिष्ठित शोध संस्थान है, जो खगोल विज्ञान, सौर भौतिकी, खगोल भौतिकी और वायुमंडलीय विज्ञान शोध के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान दे रहा है. इस अवसर पर राज्यपाल ने टेलीस्कोप से चंद्रमा भी देखा और कहा कि यह देखना एक अद्भुत अनुभव रहा.
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वैज्ञानिकों द्वारा राज्यपाल को रिसर्च सेंटर में स्थापित दूर विनोद के बारे में बारीकी से जानकारी देते हुए बताया कि 104 सेमी संपूर्णानंद टेलीस्कोप एशिया में सबसे पुरानी एवं प्रथम टेलीस्कोप है. इसी वर्ष टेलीस्कोप की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं.

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि वेधशाला को आगे बढ़ाने में यहां कार्यरत हर कर्मचारी का योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि 50 ऐसे संबंधित वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और कर्मचारियों को चिन्हित किया जाए, जिनका वेधशाला के संचालन में सर्वश्रेष्ठ योगदान रहा हो उन्हें सम्मानित किया जाएगा. हल्द्वानी में स्थापित किये जाने वाले एस्ट्रोपार्क, विज्ञान केन्द्र के स्थापना संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने निदेशक एरीज को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.

राज्यपाल ने कहा कि युवाओं का रुझान अंतरिक्ष व खगोल विज्ञान की ओर बढ़ता जा रहा है. इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों में बहुत अधिक संभावनाएं भी है. इसको ध्यान में रखते हुए उन्होंने एस्ट्रो टूरिज्म की संभावनाओं पर भी विचार करने को कहा.
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वैज्ञानिकों द्वारा अवगत कराया गया कि जिला प्रशासन के सहयोग से जिले के देवस्थल और ताकुला को एस्ट्रो टूरिज्म विलेज के लिए चुना गया है. यहां पर छोटी टेलीस्कोप की मदद से आने वाले पर्यटक घूमने के साथ साथ तारों को भी निहार सकेंगे. राज्यपाल ने अन्य जिलों में भी एस्ट्रो टूरिज्म क्रियान्वयन पर विचार करने को कहाय उन्होंने यह भी कहा की संस्थान को आगे बढ़ाए जाने के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा.

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