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कुमाऊं को फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट दिलाएगा प्रदूषण से मुक्ति, बनेगी जैविक खाद

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Published : Sep 8, 2021, 8:44 AM IST

शहरी इलाकों में बढ़ते जल प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत शहरों के उन इलाकों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे, जहां सीवर लाइन नहीं बिछाई गई है.

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फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट

हल्द्वानी: शहर को स्वच्छ, सुंदर और प्रदूषण मुक्त बनाने की कवायद शुरू हो गई है.सीवर लाइन से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने उड़ीसा भुनेश्वर की तर्ज पर फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (faecal sludge treatment) की स्थापना करने जा रही है. फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये शौचालय टैंक के गाद से जैविक खाद बनाई जाएगी. अभी तक सेप्टिक टैंक के गाद को टैंकों में भरकर खुले में सड़क के किनारे गिरा दिया जाता है. जिस कारण बड़े पैमाने पर पर्यावरण प्रदूषित होता है. साथ ही भयंकर बीमारियां फैलती की आशंका बनी रहती है. ट्रीटमेंट प्लांट से आने वाली गंदगी को निस्तारित कर खाद बनाया जाएगा व पानी को साफ कर दूसरे प्रयोगों में लाया जाएगा.

गौर हो कि सरकार की नई नीति के तहत जिन शहरों में सीवर लाइन पड़ चुकी है अब उन शहरों में आगे सीवर लाइन नहीं डाली जाएगी. साथ ही सीवर लाइन बिछाए जाने के प्रोजेक्ट को भी आगे नहीं बढ़ाया जाएगा. सीवर लाइन से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार ने उड़ीसा भुनेश्वर के तर्ज पर फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना करने जा रही है. अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना ने बताया कि अभी तक सेप्टिक टैंक के गाद को सीवर लाइन के माध्यम से ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाता है या टैंकरों में भरकर खुले में सड़क के किनारे फेंका जाता है.

अधीक्षण अभियंता जल संस्थान विशाल कुमार सक्सेना.

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जिससे बड़े पैमाने पर पर्यावरण दूषित होता है.उन्होंने बताया कि योजना के तहत हल्द्वानी, नैनीताल ,भीमताल, सहित सभी शहरी क्षेत्रों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे.जहां हाईटेक टैंकरों के माध्यम से लोगों के घरों के शौचालय टैंक से गाद को उठाकर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाया जाएगा. जहां गाद को ट्रीटमेंट कर खाद बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस योजना की शुरूआत 1 अप्रैल 2022 से कर दी जाएगी. योजना के तहत नगर निकाय क्षेत्र कि लोगों को प्रॉपर्टी शुल्क देना होगा. जिसके तहत नगर निकाय हर 3 साल में लोगों के शौचालय टैंक की गाद की सफाई कर ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाएगा.

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उन्होंने बताया कि हल्द्वानी शहर में मात्र 40% परिवार जबकि नैनीताल शहर 90 प्रतिशत, भीमताल 50% सीवर सिस्टम से जुड़े हुए हैं. ऐसे में अब बाकी बचे परिवारों को फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए जाने के लिए योजना के तहत जो भी वाहनों को अधिकृत किया जाएगा, उस वाहनों का ऑडियो में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ-साथ उसमें जीपीएस सिस्टम भी होगा जिससे कि पता चल सकेगा शौचालय टैंक से निकाले गए गाद को कहीं अन्य जगहों पर तो नहीं फेंका जा रहा है, जिसकी निगरानी की जाएगी.

अधीक्षण अभियंता ने बताया कि इस योजना को बेहतर बनाया जाए, इसको लेकर जल संस्थान की एक टीम ने उड़ीसा भुवनेश्वर जाकर फीकल स्लज ट्रीटमेंट की जानकारी भी हासिल की है. ऐसे में उड़ीसा के तर्ज पर यहां भी ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा.

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