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Anant Chaturdashi 2023: अनंत चतुर्दशी पर बन रहा है विशेष संयोग, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 27, 2023, 9:50 AM IST

Updated : Sep 27, 2023, 10:48 AM IST

Anant Chaturdashi fast अनंत चतुर्दशी के व्रत को संकटों का नाश करने वाला माना जाता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस त्यौहार पर व्रत रखने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. कब है अनंत चतुर्दशी और इसका शुभ मुहूर्त, पढ़िए इस खबर में. Anant Chaturdashi puja method

Anant Chaturdashi puja method
अनंत चतुर्दशी

अनंत चतुर्दशी पर बन रहा है विशेष संयोग

हल्द्वानी: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर अनंत चतुर्दशी का त्यौहार मनाया जाता है. इस बार 28 सितंबर दिन गुरुवार को अनंत चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा. अनंत चतुर्थी के मौके पर भगवान विष्णु की कथा सुनने और पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा की जाए तो इंसान को यश-बल के साथ धन की भी प्राप्ति होती है.

ये है अनंत चतुर्दशी की तिथि और शुभ मुहूर्त: मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त, भगवान विष्णु की पूजा सच्चे मन से करता है, उसे अनंत फल की प्राप्ति होती है. ज्योतिष के अनुसार चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर को शाम 10:20 से प्रारंभ होकर 28 सितंबर को शाम 06:50 पर संपन्न होगी.

भगवान विष्णु को समर्पित है अनंत चतुर्दशी का व्रत: ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक अनंत चतुर्थी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा होती है. इस दिन भगवान विष्णु को अनंत रक्षा सूत्र अर्पित किया जाता है. भगवान विष्णु को अर्पित रक्षा सूत्र के साथ-साथ अपने हाथों में भी अनंत रक्षा सूत्र यंत्र बांधने की परंपरा है. मान्यता है कि रक्षा सूत्र धारण करने से व्यक्ति के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं. साथ ही सभी प्रकार की शारीरिक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है.

व्रत और पूजा की विधि: अनंत चतुर्थी के मौके पर प्रातःकाल दैनिक क्रियाएं करके व्रत का संकल्प लें. पूजा के दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के प्रतिमा और कलश की स्थापित करें. इसके सम्मुख कलश स्थापित करें. जगत के पालनहार भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की विधि विधान से पूजा करें. भगवान विष्णु को अनंत रक्षा के सूत्र पहनाएं. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से सुख-समृद्धि की कामना करें. पूजा समापन के बाद पुरुष दाहिने हाथ और महिलाएं अपने बाएं हाथ में 14 गांठ वाला अनंत रक्षा सूत्र बांधें. शाम को मीठा भोजन करें और अगली सुबह व्रत का पारायण करें.
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Last Updated : Sep 27, 2023, 10:48 AM IST
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