ETV Bharat / state

क्या आयुर्वेद में नहीं है हार्ट अटैक का इलाज, स्वामी मुक्तानंद की मौत ने फिर खड़े किये सवाल

एक वक्त था जब बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को एलोपैथी की शरण में आना पड़ा था. एलोपैथी दवाओं से ही उनकी जान बच पाई थी. बीते दिनों भी स्वामी मुक्तानंद की तबीयत खराब हुई थी तो आचार्य बालकृष्ण और आश्रम के लोग उन्हें तत्काल सिडकुल स्थित मेट्रो अस्पताल ले गए. जहां उनकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने ही उनकी मौत की पुष्टि की थी. ऐसे में कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि आयुर्वेद से शर्तिया इलाज का दावा करने वाले रामदेव समेत उनके सहयोगियों को आखिर एलोपैथी का सहारा क्यों लेना पड़ रहा है.

baba ramdev allopathic treatment
मदेव और आचार्य बालकृष्ण
author img

By

Published : May 15, 2022, 3:05 PM IST

Updated : May 15, 2022, 8:55 PM IST

हरिद्वारः भले ही बाबा रामदेव पूरी दुनियाभर में आयुर्वेद का डंका बजाते हों, लेकिन जब भी उनकी तबीयत खराब हुई है, उन्हें एलोपैथी का सहारा लेना पड़ा है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ बाबा रामदेव को ही एलोपैथिक की जरूरत पड़ी है. पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण भी एलोपैथी से इलाज करा चुके हैं. इसका जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं कि बीती दिन रामदेव के पुराने सहयोगी और पतंजलि योगपीठ के कोषाध्यक्ष रहे स्वामी मुक्तानंद की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी, लेकिन मौत की पुष्टि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने ही की थी.

दरअसल, योग गुरु स्वामी रामदेव के लगभग 35 साल पुराने सहयोगी और पतंजलि योगपीठ के कोषाध्यक्ष स्वामी मुक्तानंद (Swami Muktananda died) की शुक्रवार देर रात हृदय गति रुकने की वजह से मौत हो गई थी. इसकी जानकारी पतंजलि योगपीठ ने कल रात अधिकारिक तौर पर दी थी. मुक्तानंद उन लोगों में से एक थे, जो पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सदस्य हैं. वे दिव्य योग फार्मेसी के फाउंडर ट्रस्टी और जड़ी बूटियों के जानकार थे. स्वामी मुक्तानंद च्यवनप्राश और अमृत रसायन तैयार करने में स्पेशलिस्ट थे.

Swami Muktananda
स्वामी मुक्तानंद की की फाइल फोटो.

ये भी पढ़ेंः जब मुश्किल में थे प्राण, एलोपैथी आई काम, डॉक्टर बोले- तब हमने बचाई थी जान

दवाओं को तैयार करने और जड़ी-बूटियों की पहचान करने का उनका 35 साल से भी ज्यादा पुराना अनुभव था, लेकिन बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के बेहद करीबी और खास मुक्तानंद को हार्ट अटैक कैसे आया? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि उनकी हृदय गति रुक जाने के बाद उनको हरिद्वार के एक बड़े अस्पताल में जरूर ले जाया गया था. देशभर में आयुर्वेद से हर मर्ज का इलाज करने वाले बाबा रामदेव को कब-कब पड़ी है. एलोपैथी की जरूरत आज हम आपको बताते हैं...

जब रामदेव को एलोपैथी की शरण में जाना पड़ाः आपको याद होगा कोरोनाकाल में लोग कराह रहे थे, लेकिन योग गुरु बाबा रामदेव (Yog Guru Swami Ramdev) और देशभर के डॉक्टरों के बीच तकरार हुआ था. बाबा रामदेव लगातार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निशाने पर थे, बाबा ने तो यह तक कह दिया था कि एलोपैथी आयुर्वेद के सामने कुछ भी नहीं है. इसको लेकर देशभर में हंगामा हुआ. बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायतें दर्ज हुई और आखिरकार बाबा रामदेव को कुछ समय के बाद शांत होना पड़ा, लेकिन हमेशा से एलोपैथ के खिलाफ बोलने वाले रामदेव और उनके सहयोगियों के जीवन में भी कई बार ऐसे मौके आए हैं, जब उन्हें एलोपैथी की शरण में जाना पड़ा है.

baba ramdev in hospital
अस्पताल में भर्ती हुए थे बाबा रामदेव.

ये भी पढ़ेंः बाबा रामदेव का विवादित बयान, 'डबल डोज के बाद भी मर गए कई डॉक्टर, बनना है तो मेरी तरह बनो'

पहला मामला तब सामने आया जब बाबा रामदेव तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार रैली कर रहे थे. बाबा रामदेव 4 जून 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भारी जनसमूह के साथ जनता को संबोधित कर रहे थे. बाबा रामदेव को मनाने के लिए मनमोहन सरकार ने दो दो वरिष्ठ मंत्रियों को भेजा, लेकिन बाबा नहीं माने और यूपीए सरकार के साथ दो-दो हाथ करने की मांग पूरी तरह से ठान ली थी. लिहाजा, मौजूदा सरकार ने रामलीला मैदान में शक्ति प्रदर्शन किया और बाबा रामदेव को वहां से हरिद्वार आना पड़ा.

baba ramdev allopathic treatment
बाबा रामदेव की एलोपैथी से बची जान.

ऐसे में बाबा रामदेव (Swami Ramdev) ने हरिद्वार में भी अपना विरोध जारी रखा और अनशन पर बैठ गए. बाबा की तबीयत खराब हुई तो उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. तब बाबा रामदेव का लंबे समय तक इलाज चला. लगभग 7 दिनों के बाद जब बाबा रामदेव की मेडिकल रिपोर्ट आई तो उस वक्त डॉक्टरों ने बताया कि बाबा रामदेव के कई पैरामीटर्स में गिरावट आई है. उस वक्त डॉक्टरों का कहना था कि अगर बाबा रामदेव को सही समय पर डॉक्टरों का उपचार नहीं मिलता तो उनकी हालत और खराब हो सकती थी.

baba ramdev allopathic treatment
रामदेव का एलोपैथी से हुआ था इलाज.

एलोपैथी की मदद से ठीक हुए थे रामदेवः हिमालयन अस्पताल में बाबा रामदेव को स्पेशल वॉर्ड में रखा गया था. जिस वक्त बाबा रामदेव को अस्पताल में भर्ती किया गया था, उस समय रामदेव की हालत बेहद चिंताजनक थी. डॉक्टर भी उनकी हालत को देखते हुए परेशान थे. बाबा रामदेव की पल्स रेट 58, ब्लड प्रेशर 104/70 और वजन भी लगभग 5 किलो से अधिक घट गया था. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उस वक्त बाबा रामदेव का इलाज कर रहे और हेल्थ बुलेटिन जारी करने वाले डॉक्टर जेठानी कहते हैं कि बाबा रामदेव की तबीयत पर 5 डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी बनाए हुए थी.

ये भी पढ़ेंः बाबा रामदेव के योग ग्राम में होता है महंगा इलाज, मरीजों से लिए जाते हैं इतने रुपए

आचार्य बालकृष्ण भी अस्पताल में हुए हैं भर्तीः ऐसा नहीं है कि सिर्फ बाबा रामदेव को ही एलोपैथिक की जरूरत पड़ी है. साल 2019 में 23 अगस्त को भी बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की अचानक तबीयत खराब हो गई. आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) के बारे में यह कहा जा रहा था कि कनखल के कृपालु बाग आश्रम में अपने आवास पर थे कि तभी देर रात उनके सीने में दर्द की शिकायत हुई. लिहाजा, दर्द की शिकायत को देखते हुए आचार्य बालकृष्ण को पतंजलि योगपीठ के किसी अस्पताल या आयुर्वेदाचार्य के पास नहीं बल्कि हरिद्वार के ही एक अस्पताल में ले जाया गया.

balkrishna treatment in aiims rishikesh
एम्स ऋषिकेश में आचार्य बालकृष्ण का हुआ था इलाज.

जहां से डॉक्टर ने उनकी हालत देखकर उन्हें तुरंत एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) के लिए रेफर कर दिया. तब यह बात जोरों पर उठी के सीने में दर्द की शिकायत होते ही आचार्य बालकृष्ण को अंग्रेजी दवाइयों का सहारा लेना पड़ा है. आचार्य बालकृष्ण की उस वक्त की जो तस्वीरें सामने आई थी, वो बताने के लिए काफी थी कि आचार्य बालकृष्ण की हालत बेहद खराब है. कुछ दिन डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चला और उसके बाद वह अपने आश्रम वापस आ सके.

ये भी पढ़ेंः पतंजलि CEO आचार्य बालकृष्ण ऋषिकेश AIIMS में भर्ती, सीने में दर्द की शिकायत

अस्पताल ने स्वामी मुक्तानंद की मौत की पुष्टिः अब एक बार फिर से उनके बेहद करीबी और पतंजलि योगपीठ परिवार से जुड़े हुए स्वामी मुक्तानंद की हालत खराब होने के बाद उन्हें हरिद्वार के एक बड़े अस्पताल में ले जाया गया. जहां उनकी मौत का पता चला. लिहाजा, एक बार फिर से सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि क्या स्वामी रामदेव के योग आयुर्वेद और उनकी दवाइयों उनके वेद सीने में दर्द या अन्य बीमारियों के बारे में पता नहीं लगा पा रहे हैं. जबकि, यह घटनाएं किसी कर्मचारी के साथ नहीं खुद स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के साथ समेत उनके सहयोगियों के साथ घट रही हैं.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

हरिद्वारः भले ही बाबा रामदेव पूरी दुनियाभर में आयुर्वेद का डंका बजाते हों, लेकिन जब भी उनकी तबीयत खराब हुई है, उन्हें एलोपैथी का सहारा लेना पड़ा है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ बाबा रामदेव को ही एलोपैथिक की जरूरत पड़ी है. पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण भी एलोपैथी से इलाज करा चुके हैं. इसका जिक्र हम इसलिए कर रहे हैं कि बीती दिन रामदेव के पुराने सहयोगी और पतंजलि योगपीठ के कोषाध्यक्ष रहे स्वामी मुक्तानंद की हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी, लेकिन मौत की पुष्टि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने ही की थी.

दरअसल, योग गुरु स्वामी रामदेव के लगभग 35 साल पुराने सहयोगी और पतंजलि योगपीठ के कोषाध्यक्ष स्वामी मुक्तानंद (Swami Muktananda died) की शुक्रवार देर रात हृदय गति रुकने की वजह से मौत हो गई थी. इसकी जानकारी पतंजलि योगपीठ ने कल रात अधिकारिक तौर पर दी थी. मुक्तानंद उन लोगों में से एक थे, जो पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सदस्य हैं. वे दिव्य योग फार्मेसी के फाउंडर ट्रस्टी और जड़ी बूटियों के जानकार थे. स्वामी मुक्तानंद च्यवनप्राश और अमृत रसायन तैयार करने में स्पेशलिस्ट थे.

Swami Muktananda
स्वामी मुक्तानंद की की फाइल फोटो.

ये भी पढ़ेंः जब मुश्किल में थे प्राण, एलोपैथी आई काम, डॉक्टर बोले- तब हमने बचाई थी जान

दवाओं को तैयार करने और जड़ी-बूटियों की पहचान करने का उनका 35 साल से भी ज्यादा पुराना अनुभव था, लेकिन बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के बेहद करीबी और खास मुक्तानंद को हार्ट अटैक कैसे आया? इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि उनकी हृदय गति रुक जाने के बाद उनको हरिद्वार के एक बड़े अस्पताल में जरूर ले जाया गया था. देशभर में आयुर्वेद से हर मर्ज का इलाज करने वाले बाबा रामदेव को कब-कब पड़ी है. एलोपैथी की जरूरत आज हम आपको बताते हैं...

जब रामदेव को एलोपैथी की शरण में जाना पड़ाः आपको याद होगा कोरोनाकाल में लोग कराह रहे थे, लेकिन योग गुरु बाबा रामदेव (Yog Guru Swami Ramdev) और देशभर के डॉक्टरों के बीच तकरार हुआ था. बाबा रामदेव लगातार इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निशाने पर थे, बाबा ने तो यह तक कह दिया था कि एलोपैथी आयुर्वेद के सामने कुछ भी नहीं है. इसको लेकर देशभर में हंगामा हुआ. बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायतें दर्ज हुई और आखिरकार बाबा रामदेव को कुछ समय के बाद शांत होना पड़ा, लेकिन हमेशा से एलोपैथ के खिलाफ बोलने वाले रामदेव और उनके सहयोगियों के जीवन में भी कई बार ऐसे मौके आए हैं, जब उन्हें एलोपैथी की शरण में जाना पड़ा है.

baba ramdev in hospital
अस्पताल में भर्ती हुए थे बाबा रामदेव.

ये भी पढ़ेंः बाबा रामदेव का विवादित बयान, 'डबल डोज के बाद भी मर गए कई डॉक्टर, बनना है तो मेरी तरह बनो'

पहला मामला तब सामने आया जब बाबा रामदेव तत्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार रैली कर रहे थे. बाबा रामदेव 4 जून 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान में भारी जनसमूह के साथ जनता को संबोधित कर रहे थे. बाबा रामदेव को मनाने के लिए मनमोहन सरकार ने दो दो वरिष्ठ मंत्रियों को भेजा, लेकिन बाबा नहीं माने और यूपीए सरकार के साथ दो-दो हाथ करने की मांग पूरी तरह से ठान ली थी. लिहाजा, मौजूदा सरकार ने रामलीला मैदान में शक्ति प्रदर्शन किया और बाबा रामदेव को वहां से हरिद्वार आना पड़ा.

baba ramdev allopathic treatment
बाबा रामदेव की एलोपैथी से बची जान.

ऐसे में बाबा रामदेव (Swami Ramdev) ने हरिद्वार में भी अपना विरोध जारी रखा और अनशन पर बैठ गए. बाबा की तबीयत खराब हुई तो उन्हें देहरादून के जौलीग्रांट अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. तब बाबा रामदेव का लंबे समय तक इलाज चला. लगभग 7 दिनों के बाद जब बाबा रामदेव की मेडिकल रिपोर्ट आई तो उस वक्त डॉक्टरों ने बताया कि बाबा रामदेव के कई पैरामीटर्स में गिरावट आई है. उस वक्त डॉक्टरों का कहना था कि अगर बाबा रामदेव को सही समय पर डॉक्टरों का उपचार नहीं मिलता तो उनकी हालत और खराब हो सकती थी.

baba ramdev allopathic treatment
रामदेव का एलोपैथी से हुआ था इलाज.

एलोपैथी की मदद से ठीक हुए थे रामदेवः हिमालयन अस्पताल में बाबा रामदेव को स्पेशल वॉर्ड में रखा गया था. जिस वक्त बाबा रामदेव को अस्पताल में भर्ती किया गया था, उस समय रामदेव की हालत बेहद चिंताजनक थी. डॉक्टर भी उनकी हालत को देखते हुए परेशान थे. बाबा रामदेव की पल्स रेट 58, ब्लड प्रेशर 104/70 और वजन भी लगभग 5 किलो से अधिक घट गया था. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उस वक्त बाबा रामदेव का इलाज कर रहे और हेल्थ बुलेटिन जारी करने वाले डॉक्टर जेठानी कहते हैं कि बाबा रामदेव की तबीयत पर 5 डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी बनाए हुए थी.

ये भी पढ़ेंः बाबा रामदेव के योग ग्राम में होता है महंगा इलाज, मरीजों से लिए जाते हैं इतने रुपए

आचार्य बालकृष्ण भी अस्पताल में हुए हैं भर्तीः ऐसा नहीं है कि सिर्फ बाबा रामदेव को ही एलोपैथिक की जरूरत पड़ी है. साल 2019 में 23 अगस्त को भी बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की अचानक तबीयत खराब हो गई. आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) के बारे में यह कहा जा रहा था कि कनखल के कृपालु बाग आश्रम में अपने आवास पर थे कि तभी देर रात उनके सीने में दर्द की शिकायत हुई. लिहाजा, दर्द की शिकायत को देखते हुए आचार्य बालकृष्ण को पतंजलि योगपीठ के किसी अस्पताल या आयुर्वेदाचार्य के पास नहीं बल्कि हरिद्वार के ही एक अस्पताल में ले जाया गया.

balkrishna treatment in aiims rishikesh
एम्स ऋषिकेश में आचार्य बालकृष्ण का हुआ था इलाज.

जहां से डॉक्टर ने उनकी हालत देखकर उन्हें तुरंत एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) के लिए रेफर कर दिया. तब यह बात जोरों पर उठी के सीने में दर्द की शिकायत होते ही आचार्य बालकृष्ण को अंग्रेजी दवाइयों का सहारा लेना पड़ा है. आचार्य बालकृष्ण की उस वक्त की जो तस्वीरें सामने आई थी, वो बताने के लिए काफी थी कि आचार्य बालकृष्ण की हालत बेहद खराब है. कुछ दिन डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चला और उसके बाद वह अपने आश्रम वापस आ सके.

ये भी पढ़ेंः पतंजलि CEO आचार्य बालकृष्ण ऋषिकेश AIIMS में भर्ती, सीने में दर्द की शिकायत

अस्पताल ने स्वामी मुक्तानंद की मौत की पुष्टिः अब एक बार फिर से उनके बेहद करीबी और पतंजलि योगपीठ परिवार से जुड़े हुए स्वामी मुक्तानंद की हालत खराब होने के बाद उन्हें हरिद्वार के एक बड़े अस्पताल में ले जाया गया. जहां उनकी मौत का पता चला. लिहाजा, एक बार फिर से सवाल यह खड़े हो रहे हैं कि क्या स्वामी रामदेव के योग आयुर्वेद और उनकी दवाइयों उनके वेद सीने में दर्द या अन्य बीमारियों के बारे में पता नहीं लगा पा रहे हैं. जबकि, यह घटनाएं किसी कर्मचारी के साथ नहीं खुद स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के साथ समेत उनके सहयोगियों के साथ घट रही हैं.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

Last Updated : May 15, 2022, 8:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.