ETV Bharat / state

वर्ल्ड अस्थमा डे: भारत में विश्व के 13 फीसदी मरीज, जानें लक्षण और बचाव

author img

By

Published : May 3, 2022, 4:15 PM IST

Updated : May 3, 2022, 6:49 PM IST

आज विश्व अस्थमा दिवस मनाया जा रहा है. इसे मनाने का उदेश्य मरीजों तक अस्थमा से जुड़ी सही जानकारी पहुंचाने और बीमारी के प्रति उन्हें जागरूक करना है. इस साल वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम क्लोजिंग द गैप ऑफ अस्थमा केयर रखी गई है.

World Asthma Day is being celebrated
वर्ल्ड अस्थमा डे

देहरादून: हर साल मई के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाना है. इस साल वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम क्लोजिंग द गैप ऑफ अस्थमा केयर रखी गई है.

अस्थमा से होने वाली दिक्कतें: यह बीमारी वायु मार्ग में सूजन की बीमारी है. इसके कारण सांस की नली में सूजन आ जाता है. जिससे फेफड़ों से हवा को बाहर लाना कठिन हो जाता है. इसमें मरीजों को सांस फूलने, सीने में जकड़न और खांसी जैसी समस्याएं पैदा होने लग जाती है.

वर्ल्ड अस्थमा डे

भारत में अस्थमा रोगी: यदि भारत की बात करें तो इस बीमारी से हर साल देश में करीब 30 से 40 प्रतिशत मरीजों की मौतें हो जाती हैं. वही पूरी दुनिया के अस्थमा मरीजों में से 13 फीसदी मरीज सिर्फ भारत में हैं, जो चौंकाने वाला आंकड़ा है. जबकि पूरी दुनिया में करीब 340 मिलियन अस्थमा मरीजों की संख्या है.

अस्थमा के लक्षण और बचाव: सिनर्जी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ लवकुश चौधरी ने बताया कि अस्थमा का अटैक कैसे और क्यों आता है? उसके साथ ही अस्थमा अटैक के लक्षण और उपचार क्या हैं? उन्होंने कहा अस्थमा बच्चों में सबसे आम बीमारी है. अस्थमा का दौरा पड़ने पर सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है.

ये भी पढ़ें: 'हारे हुए सीएम को फिर से हराएंगे', चंपावत उपचुनाव पर करण माहरा ने भरी हुंकार

अस्थमा दिवस मनाने का उदेश्य: उन्होंने कहा लोगों तक इस बीमारी से जुड़ी सही जानकारी पहुंचाने और बीमारी के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए संपूर्ण विश्व में इस दिन का आयोजन होता है.डॉ. लव-कुश चौधरी के मुताबिक कोरोना जितना सामान्य मरीजों पर प्रभाव डालता है, उतना ही रिस्क फैक्टर अस्थमा मरीजों के साथ भी है, लेकिन अस्थमा यदि अनकंट्रोल हो जाए तो रोगी को दिक्कत हो सकती है.

अस्थमा मरीजों को कोरोना होतो क्या करें: विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक अस्थमा के मरीजों को कोरोना संक्रमण होने पर ज्यादा कुछ नहीं करना है. ऐसे मरीज अपना प्रॉपर ट्रीटमेंट जारी रखें, उस ट्रीटमेंट को बंद नहीं करना है. यदि अस्थमा कंट्रोल रहेगा तो कोरोना होने के बावजूद सीरियसनेस के उतने ही चांस बनेंगे, जितना एक नॉरमल पर्सन में होते हैं. इसका अलग से कोई रिस्क फैक्टर नहीं है. अगर अस्थमा नियंत्रित रहेगा तो कोरोना संक्रमित होने पर ऐसे रोगियों को घबराने की जरूरत नहीं है.

विश्व अस्थमा दिवस की शुरुआत: बता दें कि विश्व अस्थमा दिवस की शुरुआत 1993 में ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा द्वारा विश्व स्वास्थ संगठन के सहयोग से की गई थी. वहीं, 1998 में इस दिन का आयोजन 35 से अधिक देशों में किया गया था. इसके अलावा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा इस दिन को महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य दिवसों में से भी एक माना जाता है.

Last Updated : May 3, 2022, 6:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.