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'सी विजिल' पर शिकायत और निस्तारण मामले में उत्तराखंड सबसे आगे, जानें जिलेवार आंकड़े

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Published : Feb 2, 2022, 9:18 PM IST

Updated : Apr 27, 2022, 3:06 PM IST

चुनावी नियम और आचार उल्लंघन शिकायत दर्ज करने और निस्तारण के मामलों में उत्तराखंड पांचों चुनावी राज्यों में सबसे आगे है. उत्तराखंड में अबतक 18,598 शिकायतें की गई हैं. इसमें से 17716 शिकायतों को स्वीकार किया गया है, जबकि इनमें दर्ज 16,684 शिकायतों का निस्तारण चुनाव आयोग के तय-समय 100 मिनट के अंदर किया गया.

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आचार संहिता उल्लंघन, शिकायत दर्ज करने वाले चुनावी राज्यों में उत्तराखंड सबसे आगे

देहरादून: देश के पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत आचार संहिता लागू होने के बाद चुनावी नियमों के उल्लंघन की शिकायत सबसे अधिक संख्या में दर्ज करने से लेकर उसके निस्तारण में उत्तराखंड राज्य सबसे आगे है. राज्य में 8 जनवरी 2022 को चुनाव आचार संहिता लगने के बाद 2 फरवरी 2022 दोपहर 2 बजे तक 70 विधानसभाओं में चुनाव उल्लंघन की अलग-अलग शिकायतें Citizen App और आधिकारिक C-VIGIl -APP के जरिए की गई. जनता ने अब तक इसकी 18,598 शिकायतें की है. इसमें से 17716 शिकायतों को स्वीकार किया गया है, जबकि इनमें दर्ज 16,684 शिकायतों का निस्तारण चुनाव आयोग के तय-समय 100 मिनट के अंदर किया गया.

ऐसे में कुल शिकायतों का निस्तारण तय-समय 100 मिनट के अंदर 94 फीसदी उत्तराखंड में किया गया. वहीं, पांचों चुनावी राज्य में अभी तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे कुल 25599 मामले प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 23275 मामले दर्ज हुए. 21371, मामलों को 100 मिनट के भीतर निस्तारित किया गया है.

पांच राज्यों के आंकड़े

  • गोवा विधानसभा चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन जैसे मामलों में 2 फरवरी तक C-VIGIl -APP के जरिये कुल 424 शिकायतें प्राप्त की गई. जिसमें से 263 मामलों को C-VIGIl -APP के माध्यम से निर्वाचन आयोग की टीमों द्वारा दर्ज किया गया. इसमें से 104 शिकायतों को चुनाव आयोग के तय-समय 100 मिनट के अंदर निस्तारित किया. 159 शिकायतों को 100 मिनट के बाद निस्तारण में लाया गया.
  • मणिपुर में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन मामले 2 फरवरी तक C-VIGIl -APP के जरिये कुल 227 शिकायतें प्राप्त हुई. जिसमें से 152 शिकायतों को दर्ज किया गया. इनमें से 95 शिकायतों को चुनाव आयोग के तय समय से निस्ताररण किया.
  • पंजाब में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले 2 फरवरी तक कुल 6124 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 4588 को दर्ज कियाे गये, जबकि 4159 शिकायतों को चुनाव आयोग के तय समयानुसार निस्तारित किया गया.
  • उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित 2 फरवरी तक C-VIGIl -APP के जरिये कुल 1170 शिकायतें प्राप्त हुई. जिनमें से 507 को दर्ज किया गया. वहीं 281 शिकायतों को निस्तारित किया गया.

13 जनपदों में आचार संहिता उल्लंघन के मामले और अन्य जानकारी

  • जनपद हरिद्वार के अंतर्गत 11 विधानसभाओं में से 31 जनवरी तक C-VIGIl -APP के जरिये चुनाव आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित कुल 3320 शिकायतें प्राप्त हुई. 3090 दर्ज की गई. 270 शिकायतों को चुनाव आयोग तय समय 100 मिनट के अंदर निस्तारित किया. ऐसे में हरिद्वार जनपद में 87 फीसदी शिकायतें निस्तारित हुई.
  • नैनीताल जनपद के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं में अब तक 1404 आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई. जिनमें से 1235 दर्ज की गई, जबकि 1195 शिकायतों को तय-समय 100 मिनट के अंदर निस्तारित किया गया. ऐसे में नैनीताल जनपद में अब तक 97% चुनाव नियम उल्लंघन से संबंधित शिकायतों का निस्तारण हुआ.
  • अल्मोड़ा जनपद के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं में 31 जनवरी से फरवरी तक 605 चुनाव आचार संहिता उल्लंघन को लेकर जनता द्वारा शिकायतें प्राप्त हुई. जिनमें से 579 शिकायतें दर्ज की गई. इनमें से 515 शिकायतों को तय समय 100 मिनट के अंदर निस्तारण किया गया. अल्मोड़ा जनपद में 89 प्रतिशत चुनावी शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • उधम सिंह नगर जनपद के अंतर्गत आने वाले विधानसभाओं में से अब तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे मामलों में 1754 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 1663 शिकायतें दर्ज की गई, जबकि 1640 शिकायतों को तय समय 100 मिनट के अंदर निस्तारित किया गया. उधम सिंह नगर में 99 फीसदी चुनावी संबंधित शिकायतों का निस्तारण हुआ.
  • पिथौरागढ़ जनपद के अंतर्गत आने वाले विधानसभा में से अब तक 1085 आचार संहिता उल्लंघन संबंधित शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 1054 शिकायतें दर्ज की गई, जबकि 1033 शिकायतों का निस्तारण हुआ. पिथौरागढ़ में 98% शिकायतों का निस्तारण किया गया.
  • बागेश्वर जनपद के अंतर्गत आने वाले विधानसभा में से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे मामलों में जनता की ओर से अब तक 606 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 601 शिकायतें दर्ज की गई, जबकि 595 शिकायतें 100 मिनट तक समय के अंदर निस्तारण में लाई गई.ऐसे में बागेश्वर में 99 फीसदी शिकायत निस्तारण हुई.
  • चंपावत जनपद के अंतर्गत आने वाली विधानसभा में से चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे मामलों में अब तक 57 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 37 शिकायतें दर्ज हुई. जबकि 33 शिकायतों को 100 मिनट के अंदर निस्तारण किया गया. चंपावत में चुनावी शिकायतें 89% निस्तारित की गई.
  • चमोली जनपद के अंतर्गत आने वाले विधानसभा में से अब तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे मामलों को लेकर 431 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 396 शिकायतें दर्ज की गई, जबकि 391 मामलों का निस्तारण तय समय से किया गया. चमोली में चुनावी शिकायतें 99 % निस्तारित की गई.
  • उत्तरकाशी जनपद के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं में से अब तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे मामलों में कुल 705 शिकायतें अब तक प्राप्त हुई हैं. जिनमें से 688 दर्ज की गई. इनमें से 687 शिकायतों को तय समय के अंदर निस्तारित किया गया. उत्तरकाशी में चुनावी शिकायतों का निस्तारण लगभग 100% किया गया है.
  • रुद्रप्रयाग जनपद के अंतर्गत आने वाले विधानसभा में से अब तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे विषयों पर कुल 212 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 149 शिकायतें दर्ज हुई, जबकि 127 शिकायतों को तय समय से निस्तारित किया गया. इस जिले में 85 फ़ीसदी चुनावी शिकायतें निस्तारित हो गई हैं.
  • टिहरी गढ़वाल के अंतर्गत आने वाले विधानसभा में से अब तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे 1716 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. इनमें से 1709 दर्ज की गई, जबकि 1403 शिकायतों को तय समय से निस्तारित किया गया है. टिहरी में चुनावी शिकायतें 82 फीसदी निस्तारित हुई.
  • पौड़ी गढ़वाल आने वाली विधानसभाओं में से अब तक चुनाव आचार संहिता उल्लंघन जैसे कुल 2800 शिकायतें प्राप्त हुई. इनमें से 2719 शिकायतें दर्ज की गई, जबकि 2715 शिकायतों का निस्तारण तय समय 100 मिनट के अंदर किया गया. ऐसे में पौड़ी गढ़वाल में चुनावी शिकायतें 100 फ़ीसदी तक निस्तारण में लाई गई.
  • देहरादून जनपद के अंतर्गत आने वाले 10 विधानसभा में से चुनाव आचार संहिता नियमों जैसे उल्लंघन से संबंधित जनता की ओर से अब तक कुल 3192 प्राप्त हुई. इनमें से 3133 दर्ज की गई, जबकि 3031 शिकायतों को तय समय 100 मिनट के अंदर निस्तारण किया गया. ऐसे में देहरादून में चुनावी नियमों उल्लंघन से संबंधित शिकायतों का 97 फ़ीसदी निस्तारण में लाया गया.

निर्वाचन आयोग के सह नोडल अधिकारी संजय यादव के मुताबिक 24 घंटे तीन शिफ्ट में कार्य करने वाली उनकी टीमें C-VIGIl -APP के जरिए शिकायते दर्ज कर उसका निस्तारण करने में लगी है. कुछे एक शिकायतें फर्जी और निराधार होने के कारण उसमें अधिक समय लग रहा है. शिकाययों के लिए लोग स्मार्टफोन के प्ले स्टोर से सिटीजन ऐप को डाउनलोड करें.

देहरादून शिकायतों को देखने वाले यह नोडल अधिकारी संजय यादव के मुताबिक जनपद के 10 विधानसभाओं में से सबसे अधिक शिकायतें चुनावी आचार संहिता उल्लंघन की अब तक धर्मपुर विधानसभा से 862 संख्या में आई हैं. दूसरे नंबर पर चुनावी उल्लंघन की शिकायतें कैंट विधानसभा से आई हैं. इनकी संख्या 529 है. ऐसे में देहरादून जनपद की 10 विधानसभाओं में से अब तक कुल 3229 शिकायतें आई हैं. जिनमें से 3190 निस्तारित की गई है, जबकि 39 शिकायतें निराधार होने की वजह से उन्हें रद्द किया गया है.

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जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग के निर्देशानुसार आचार संहिता उल्लंघन से संबंधित किसी भी तरह शिकायतों के लिए स्मार्टफोन सिटीजन ऐप डाउनलोड कर उसमें C-VIGIl -APP के जरिए किसी भी तरह चुनाव प्रभावित करने वाले विषयों पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. सूचना मिलने के बाद अलग-अलग टीमें शिकायत प्राप्त कर चुनाव आयोग तय समयानुसार 100 मिनट उसका निस्तारण करेंगे.

इसमें सबसे पहले जनपदवार C-VIGIl -APP में लगी टीमें 24 घंटे शिकायत प्राप्त कर उसे 5 मिनट के अंदर दर्ज करती है. उसके बाद सूचना संबंधित शिकायत इलाके के FST फ्लाइंग स्क्वाड टीम को दिया जाता है. वह अगले 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचती है. उसके बाद शिकायत का सत्यापन कर उसे तत्काल 30 मिनट के अंदर रिपोर्ट फाइल संबंधित रिटर्निंग अफसर अफसर को C-VIGIl -APP के जरिया भेजते हैं.

उसके बाद रिटर्निंग अफसर अगले 50 मिनट में जांच पड़ताल के आधार पर आवश्यक कार्रवाई करते हैं. ऐसे में वास्तविक शिकायत को चुनाव आयोग का इस तयसमय अनुसार 100 मिनट में निस्तारण का आदेश है. ऐसा ना होने पर संबंधित जिले निर्वाचन टीम की शिकायत चुनाव आयोग तक पहुंचती है. जिस पर कार्रवाई का संज्ञान भी लिया जा सकता है.

इस प्रकार की शिकायतें दर्ज करा सकते हैं

  • रुपए बांटने.
  • गिफ्ट कूपन देने.
  • शराब बांटने.
  • बिना अनुमति के पोस्टर बैनर लगाने.
  • एनिमेटेड डिस्प्ले लगाने वाहनों पर बिना अनुमति के पोस्टर लगाने.
  • पेड न्यूज.
  • प्रॉपर्टी में डिस्प्ले लगाने.
  • ट्रांसपोर्टेशन में वोटर को प्रभावित करने प्रचार-प्रसार पर.
  • पोलिंग बूथों के 200 मीटर के दायरे में प्रचार प्रसार करने.
  • चुनाव प्रचार प्रसार प्रतिबंध होने के बाद प्रचार करने.
  • सांप्रदायिक धर्म जाति जैसे विषयों पर संदेश और भाषण देने.
  • बिना अनुमति के स्पीकर से प्रचार-प्रसार करने .
  • बिना एनओसी के कहीं भी पोस्टर लगाने.
  • ट्रांसपोर्ट के जरिए रैली पब्लिक में निकालने जैसे अन्य विषयों पर.
Last Updated : Apr 27, 2022, 3:06 PM IST
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