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आर्थिक संकट में जुझ रहे व्यापारी, चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग

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Published : Aug 1, 2021, 3:15 PM IST

Updated : Aug 1, 2021, 3:40 PM IST

कोरोना काल और चारधाम यात्रा स्थगित होने से उत्तराखंड होटल एसोसिएशन व्यापार चौपट होने से परेशान हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार से चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग की है.

Uttarakhand Hotel Association
चारधाम यात्रा शुूरू करने की मांग

मसूरी: उत्तराखंड होटल एसोसिएशन ने राज्य सरकार पर व्यवसायियों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया. एसोसिएशन अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा सरकार को सकारात्मक निर्णय लेकर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए. सरकार से चारधाम यात्रा शुरू करने का प्रयास करना चाहिए.

मसूरी के कुलड़ी स्थित एक होटल सभागार में उत्तराखंड होटल एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा अगर सरकार चारधाम यात्रा नहीं खोलती है तो यहां की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जायेगी. कहीं ऐसा न हो कि व्यवसायियों को पलायन करने पर मजबूर होना पडे़. चारधाम यात्रा आस्था और धर्म का प्रतीक है. वहीं, उत्तराखंड के लोगों की रोजी रोटी का भी आधार है.

आर्थिक संकट में जुझ रहे व्यापारी.

कोरोना संक्रमण के चलते दो सालों से यहां का व्यवसाय और आर्थिकी पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है. लेकिन सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही. हालात यह हैं कि व्यवसायियों को सड़कों पर आंदोलन करना पड़ रहा है. जिसमें पूजा का सामान बेचने वाले से लेकर डंडी कंडी, घोड़ा, ढाबा, होटल, टैक्सी, बस, सहित अन्य व्यवसायी जो चारधाम यात्रा से जुड़े हैं वो सभी परेशान हैं.

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उन्होंने कहा जब हिमाचल और गोवा खुला है तो उत्तराखंड में चारधाम यात्रा क्यों बंद है. जब अमृतसर का स्वर्ण मंदिर खुला है तो हेमकुंड साहिब क्यों बंद है. जब तिरूपति खुला है तो बद्रीनाथ क्यों बंद है. सरकार को चारधाम यात्रा खोलने का प्रयास करना चाहिए. उत्तर प्रदेश में भी हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी, लेकिन वहां की सरकार को सर्वाेच्च न्यायालय से राहत मिल गई, लेकिन यहां अभी तक कुछ नहीं हो पाया है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने होटल उद्योग को कुछ राहत की घोषणा की है, लेकिन किसी भी व्यवसायी को कोई राहत नहीं दी, जो न्याय संगत नहीं है. जिन लोगों ने देश विदेश से वापस आकर यहां कुछ करना चाहा, उनको कोई सहायता नहीं मिली. जिससे वह परेशान हैं. उनके पास कोई रोजगार नहीं है.

उन्होंने कहा कि 2013 की केदारनाथ आपदा से उबरने में तीन चार साल लग गये और अब कोरोना आ गया, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है. जिसके संभलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे. उन्होंने सरकार से मांग की है कि व्यवसायियों की समस्याओं पर ध्यान दें. साथ ही कहा कि वह सरकार से नौकरी नहीं मांग रहे, बल्कि नौकरी देते हैं.

वहीं, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि यह गंभीर विषय है, लेकिन सरकार व्यवसायियों की बात को महत्व नहीं दे रही. जबकि यह पर्यटन की रीढ़ है. उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यवसायियों को कोई राहत नहीं दी. न बिजली, न पानी के बिलों में कोई राहत दी. न हाउस टैक्स और अन्य क्षेत्रों में भी कोई राहत नहीं दी.

Last Updated : Aug 1, 2021, 3:40 PM IST
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