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IMPACT: चारधाम यात्रा 2023 की तैयारियां अभी से शुरू, श्रद्धालुओं की मौत पर विपक्ष हमलावर

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2023 को लेकर अभी से स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है. इसकी एक वजह इस साल रिकॉर्ड तोड़ यात्रियों ने चारों धाम में दर्शन करने पहुंचे थे. जिसकी वजह से कई जगहों पर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव देखने को मिला. यही कारण है कि इस साल 281 लोगों की तबीयत बिगड़ने से जान चली गई.

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Published : Dec 7, 2022, 5:27 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2022 संपन्न (Chardham Yatra 2022 ends) हो गई, लेकिन इस यात्रा सीजन में श्रद्धालुओं के लिए चारधाम रूट पर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की भारी कमी (health facilities shortage on the Chardham route) देखने को मिली. इस बात को स्वास्थ्य सचिव ने भी माना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं की मौत हुई है. वहीं, अब चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की हुई मौत को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है.

चारधाम यात्रा में 281 श्रद्धालुओं की मौत: बता दें कि चारधाम यात्रा 2022 में करीब 281 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक सहित कई अन्य कारणों से मौत हुई है. इस यात्रा सीजन में साढ़े 15 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे, जिसमें 150 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. वहीं बदरीनाथ के दर्शन करने आए 66 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. जबकि यमुनोत्री धाम आये 48 यात्री और गंगोत्री धाम पहुंचे 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. जबकि साल 2019 में चारधाम यात्रा के दौरान 91 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी.

चारधाम यात्रा 2023 की तैयारी: ऐसे में 2023 में होने वाली चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की सरकार योजना बना रही है. ताकि तबीयत खराब होने पर तत्काल प्राथमिक उपचार सहित गंभीर स्थिति में उच्च स्वास्थ्य संस्थानों के लिए रेफर किया जा सके.

स्वास्थ्य सचिव ने भी माना सुविधाओं की कमी: स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया था कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों के मौतों के कई वजह हैं. हालांकि, मेडिकल रेसलर यूनिट चारधाम यात्रा के अलग-अलग जगहों पर मौजूद है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी, मैनपावर तैनाती के साथ ही इक्विपमेंट उपलब्ध नहीं होने के चलते यात्रियों की मौतें हुई हैं.
ये भी पढ़ें: सुविधाओं के अभाव में चारधाम यात्रा में हुईं सबसे ज्यादा मौतें, स्वास्थ्य विभाग का कबूलनामा

स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं की मौत: स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में चारधाम श्रद्धालुओं की मौत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा इस सीजन की यात्रा सरकार के लिए बड़ी चुनौती पूर्ण रही. क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल बाद बेहतर ढंग से चारधाम यात्रा संचालित हुई. लिहाजा, आगामी चारधाम यात्रा के मद्देनजर तमाम व्यवस्थाएं और मुकम्मल करनी है. ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर सरकार अभी से तैयारियां शुरू करने तैयारी जा रही है. ताकि जो कमी रही है, उसको पूरा किया जा सके.

कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा: वहीं, चारधाम यात्रा में हुई श्रद्धालुओं की मौत को लेकर कांग्रेस धामी सरकार को घेरने में जुट गई है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पाल ने कहा भाजपा सरकार को राज्य के विकास से कुछ लेना-देना नहीं है. बल्कि भाजपा सरकार सिर्फ और सिर्फ चुनाव मोड में ही रहती है. चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज विदेशों का दौरा करते रहें. उन्हें चारधाम यात्रा से कोई मतलब नहीं रहा. वहीं, अब राज्य सरकार आगामी चारधाम यात्रा के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बात कह रही है. ऐसे में राज्य सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जो 291 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, उसका जिम्मेदार कौन है?

सरकार तैयारियों में जुटी: चारधाम यात्रा के दौरान हुई श्रद्धालुओं की मौत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को सीधे तौर पर दिखा रहा है. स्वास्थ्य सचिव ने भी इस माना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं को मौतें हुई हैं. वही, उत्तराखंड सरकार ने भी चारधाम यात्रा को चुनौती बताते हुए अगले यात्रा सीजन के लिए अभी से व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की बात कह रही है.

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2022 संपन्न (Chardham Yatra 2022 ends) हो गई, लेकिन इस यात्रा सीजन में श्रद्धालुओं के लिए चारधाम रूट पर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की भारी कमी (health facilities shortage on the Chardham route) देखने को मिली. इस बात को स्वास्थ्य सचिव ने भी माना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं की मौत हुई है. वहीं, अब चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की हुई मौत को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है.

चारधाम यात्रा में 281 श्रद्धालुओं की मौत: बता दें कि चारधाम यात्रा 2022 में करीब 281 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक सहित कई अन्य कारणों से मौत हुई है. इस यात्रा सीजन में साढ़े 15 लाख से अधिक यात्री बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे, जिसमें 150 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. वहीं बदरीनाथ के दर्शन करने आए 66 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. जबकि यमुनोत्री धाम आये 48 यात्री और गंगोत्री धाम पहुंचे 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. जबकि साल 2019 में चारधाम यात्रा के दौरान 91 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी.

चारधाम यात्रा 2023 की तैयारी: ऐसे में 2023 में होने वाली चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की सरकार योजना बना रही है. ताकि तबीयत खराब होने पर तत्काल प्राथमिक उपचार सहित गंभीर स्थिति में उच्च स्वास्थ्य संस्थानों के लिए रेफर किया जा सके.

स्वास्थ्य सचिव ने भी माना सुविधाओं की कमी: स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया था कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों के मौतों के कई वजह हैं. हालांकि, मेडिकल रेसलर यूनिट चारधाम यात्रा के अलग-अलग जगहों पर मौजूद है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी, मैनपावर तैनाती के साथ ही इक्विपमेंट उपलब्ध नहीं होने के चलते यात्रियों की मौतें हुई हैं.
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स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं की मौत: स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में चारधाम श्रद्धालुओं की मौत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा इस सीजन की यात्रा सरकार के लिए बड़ी चुनौती पूर्ण रही. क्योंकि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल बाद बेहतर ढंग से चारधाम यात्रा संचालित हुई. लिहाजा, आगामी चारधाम यात्रा के मद्देनजर तमाम व्यवस्थाएं और मुकम्मल करनी है. ऐसे में चारधाम यात्रा को लेकर सरकार अभी से तैयारियां शुरू करने तैयारी जा रही है. ताकि जो कमी रही है, उसको पूरा किया जा सके.

कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरा: वहीं, चारधाम यात्रा में हुई श्रद्धालुओं की मौत को लेकर कांग्रेस धामी सरकार को घेरने में जुट गई है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पाल ने कहा भाजपा सरकार को राज्य के विकास से कुछ लेना-देना नहीं है. बल्कि भाजपा सरकार सिर्फ और सिर्फ चुनाव मोड में ही रहती है. चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज विदेशों का दौरा करते रहें. उन्हें चारधाम यात्रा से कोई मतलब नहीं रहा. वहीं, अब राज्य सरकार आगामी चारधाम यात्रा के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की बात कह रही है. ऐसे में राज्य सरकार को इस बात का जवाब देना चाहिए कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जो 291 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, उसका जिम्मेदार कौन है?

सरकार तैयारियों में जुटी: चारधाम यात्रा के दौरान हुई श्रद्धालुओं की मौत स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को सीधे तौर पर दिखा रहा है. स्वास्थ्य सचिव ने भी इस माना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं को मौतें हुई हैं. वही, उत्तराखंड सरकार ने भी चारधाम यात्रा को चुनौती बताते हुए अगले यात्रा सीजन के लिए अभी से व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की बात कह रही है.

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