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वायरल ऑडियो से हरदा की बढ़ीं मुश्किलें, किन नेताओं ने किया नामांकन, एक क्लिक में पढ़ें चुनावी हलचल

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Published : Jan 24, 2022, 7:33 PM IST

कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ऑडियो के फेर में फंसे, ऑडियो में हरीश रावत पार्टी के किसी नेता-कार्यकर्ता से चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं,वहीं हरक सिंह रावत के चुनाव लड़ने को लेकर कश्मकश जारी, रामनगर सीट से जय और वीरू में खटास जारी, देहरादून कैंट विधानसभा सीट से सविता कपूर ने भरा नामांकन, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 से जुड़ी दिनभर की खबरों पर एक नजर...

Uttarakhand Assembly Election 2022
Uttarakhand Assembly Election 2022

देहरादून: उत्तराखंड में 24 जनवरी के दिन की शुरुआत फिर से बेहद ठंडी रही. लगातार बारिश से कारण मौसम में तो जबरदस्त ठंडक थी ही, राजनीति गलियारे भी सूने-सूने दिखाई पड़ रहे थे. जैसे-जैसे दिन चढ़ा वैसे ही खबर आई कि कांग्रेस आज शाम तक प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है. इस बात को लेकर चर्चा चलने ही लगी थी कि तभी किसी ने पूर्व सीएम हरीश रावत का एक ऑडियो लीक कर दिया.

ऑडियो के फेर में फंसे हरदा: ऑडियो लीक होने की खबर से तो जैसे सियासी हलके में आग लग गई हो, सभी ये जानने को बेताब थे कि कहीं ये 2016 जैसा ही तो कोई वीडियो बम नहीं...बम तो था लेकिन कुछ और. दरअसल, इस ऑडियो में हरीश रावत रामनगर के एक नेता-कार्यकर्ता से बात कर रहे हैं और अपने लिए रामनगर सीट पर फीडबैक मांग रहे थे, जिसका जवाब सीधे तौर पर उन्हें ना में मिला. कार्यकर्ता ने साफ कह दिया कि भई वो लोग रणजीत रावत के साथ हैं और उन्हीं को टिकट देने की मांग भी कर रहे हैं. बताया जा रहा है रणजीत रावत पिछले 5 साल से इस सीट पर तैयारी कर रहे हैं. लिहाजा वह इस बार भी सीट पर ही मैदान में उतरना चाहते हैं.

रामनगर सीट से ठनी: दरअसल, कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व सीएम हरीश रावत और उनके करीबी सहयोगी रणजीत सिंह रावत के बीच रामनगर सीट को लेकर ठनी हुई है. कांग्रेस हरीश रावत को सेफ सीट माने जाने वाली रामनगर सीट से टिकट देना चाहती है. जबकि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत सीट को छोड़ना नहीं चाहते हैं और रामनगर से ही दावेदारी कर रहे हैं. इन सबके बीच हरीश रावत का एक ऐसा ऑडियो वायरल हो गया है, जिसने हरदा और रणजीत रावत के बीच की लड़ाई को जगजाहिर कर दिया है.

रामनगर सीट का इतिहास: दरअसल, पूरे प्रदेश में रामनगर सीट का अपना इतिहास और महत्व है. रामनगर उत्तराखंड की सबसे हॉट सीटों में से एक मानी जाती है. 22 साल के इतिहास में ये माना जाता है कि जिस पार्टी का विधायक रामनगर सीट से जीता सरकार उसी पार्टी की बनती है. इतना ही नहीं, उत्तराखंड की पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री दिवंगत नारायण दत्त तिवारी ने उपचुनाव में रामनगर सीट से ही चुनाव जीता था, जो​ कि 5 साल तक एकमात्र मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा करने का रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रहे थे. इस वजह से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं.

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कांग्रेस के लिए सेफ सीट: कांग्रेस का चेहरा माने जाने वाले हरीश रावत को पार्टी सेफ सीट माने जाने वाली रामनगर सीट से टिकट देना चाहती है, जबकि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत सीट छोड़ना नहीं चाहते. हरीश रावत रणजीत सिंह को सल्ट सीट पर भेजना चाहते हैं, जहां पिछले साल हुए उपचुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. ये गेम प्लॉन रणजीत अच्छे से समझ रहे हैं और सीधे रामनगर सीट पर दांव ठोंककर बैठ गये हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इस सीट पर 15 सालों से काम किया है और जनता व कार्यकर्ता भी उन्हीं के साथ हैं.

जय और वीरू में रार: ये जानना सभी के लिए दिलचस्प होगा कि कभी हरीश-रणजीत की जोड़ी उत्तराखंड में जय-वीरू की जोड़ी कहलाती थी. इनकी दोस्ती के चर्चे होते थे, लेकिन 2017 चुनाव से पहले दोनों के बीच कुछ ऐसी खटास आई कि आज एक सीट पर दोनों के बीच इस तरह सिर फुटव्वल हो रही है.

विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का कैंपेन: चलिए, अब ये तो कांग्रेस आलाकमान को ही तय करना है कि बगावत को रोकते हुए हरीश रावत को कहां कैसे फिट करना है, लेकिन इस उधेड़बुन के बीच दिल्ली से लौटे हरीश रावत देहरादून में कांग्रेस के चुनावी कैंपेन लॉन्च में नजर आए. दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर कांग्रेस ने आज चुनावी कैंपन अभियान और गीत 'उत्तराखंड स्वाभिमान चार धाम, चार काम' की लॉन्चिंग भी की. लॉन्चिंग के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देहरादून पहुंचे. इस दौरान कांग्रेस ने 4 लाख युवाओं को रोजगार, स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचेगी हर गांव-हर द्वार, 5 लाख परिवारों को सालाना 40 हजार देने और गैस सिलेंडर के दाम 500 रुपये के पार नहीं करने की बात कही है.

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हरक के चुनाव लड़ने पर माथापच्ची: वहीं, कांग्रेस के इस चुनावी कैंपेन अभियान में मंच पर मौजूद कांग्रेसी दिग्गजों के बीच जहां पर नजर जाकर अटकी वो थे हरक सिंह रावत. हरक सिंह ताजा-ताजा फिर से कांग्रेसी हुए हैं, लेकिन इन दिग्गजों के बीच में और वो भी हरीश रावत के साथ हरक सिंह काफी असहज दिखाई दे रहे थे. हरक को देखकर उनके चुनाव लड़ने को लेकर फिर से सवाल पूछे गए लेकिन फिलहाल हरक ने इस बात को टालना ही बेहतर समझा. वैसे बता दें कि हरक सिंह रावत के चुनाव लड़ने पर अभी भी माथापच्ची जारी है. पहली सूची में उनके मुताबिक सीट में नाम नहीं आने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं यह चुनाव हरक सिंह रावत के लिए कहीं आखिरी चुनाव न बन जाए.

चुनाव लड़ने पर कश्मकश जारी: कयास तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि हरत सिंह रावत को पौड़ी की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट से कांग्रेस चुनाव लड़ा सकती है. ये वही सीट है जहां पर भाजपा के सतपाल महाराज का कब्जा है. साल 2002 और 2007 में सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत यहां से विधायक थीं और इस पूरे क्षेत्र में महाराज परिवार का दबदबा रहा है. अब एक बार फिर बीजेपी की ओर से सतपाल महाराज को टिकट दिया गया है. माना ये जा रहा है कि अगर हरक सिंह रावत को यहां से लड़वाया जाता है और वो सतपाल महाराज से चुनाव हारते हैं तो उनके राजनीतिक कैरियर पर हमेशा से लिए ब्रेक लग सकता है. यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि इस चुनावी चाल के पासे हरीश रावत खुद खेल रहे हैं.

इन नेताओं ने किया नामांकन: वहीं आज इन देहरादून कैंट विधानसभा सीट से दिवंगत हरबंस कपूर की पत्नी सविता कपूर ने नामांकन पत्र भरा. इस बार कैंट विधानसभा सीट से 3 दर्जन से ज्यादा दावेदारों को दरकिनार कर बीजेपी ने दिवंगत कपूर की पत्नी सविता कपूर को टिकट दिया है. रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा आज अपना नामांकन कराने हरिद्वार पहुंचे. इसके अलावा बहुजन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद शहजाद ने भी आज अपना नामांकन पत्र भरा. नामांकन कराने पहुंचे सभी उम्मीदवारों ने अपने क्षेत्र को लेकर अपनी प्राथमिकताएं बताईं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में केदारनाथ सीट से दूसरे स्थान पर रहे निर्दलीय प्रत्याशी कुलदीप रावत ने अपना नामांकन करा लिया है.

नामांकन के बाद उनके समर्थकों ने उनका फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया. वहीं, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व कुलदीप रावत को टिकट देना चाहता था, लेकिन कुलदीप नहीं माने. उन्होंने निर्दलीय तौर पर ही मैदान में उतरना मुनासिब समझा. डोईवाला विधानसभा सीट पर जहां बीजेपी और कांग्रेस अपने प्रत्याशी तक नहीं उतार पाई है तो वहीं, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी राजू मौर्य ने अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद राजू मौर्य ने कहा कि ऐसा लग रहा है बीजेपी और कांग्रेस उनके बढ़ते जनाधार से घबरा गई है और अपने प्रत्याशी उतारने में डर रही है. चंपावत जनपद की लोहाघाट सीट से बीजेपी के विधायक और वर्तमान प्रत्याशी पूरन सिंह फर्त्याल (Champawat BJP candidate Puran Singh Fartyal) ने भारी बरसात के बीच अपना नामांकन कराया. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन किया गया. नामांकन के बाद पूरन सिंह फर्त्याल ने अपनी जीत का दावा किया.

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