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उत्तराखंड: जल संकट से उबरने के लिए इन चार विभागों को मिलाकर बनाया जाएगा जल शक्ति मंत्रालय

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Published : Jul 8, 2019, 5:49 PM IST

मुख्य सचिव ने साफ कर दिया है कि जल शक्ति मंत्रालय बनने से सिंचाई, लघु सिंचाई, पेयजल और जलागम विभाग में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवाओं में किसी भी तरह का प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए ही मंत्रलाय का गठन किया जा रहा है.

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देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही जल लघु सिंचाई, सिंचाई, पेयजल और जलागम विभाग को मिला कर जल शक्ति मंत्रालय का निर्माण किया जाएगा. मुख्य सचिव के अनुसार इस मंत्रालय के अस्तित्व में आने के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की बड़ी योजनाएं राज्य में इम्प्लीमेंट करवाई जा सकेगी. मुख्य सचिव के अनुसार इस मंत्रालय के गठन से किसी भी कर्मचारियों की सेवाओं पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा.

उत्तराखंड में जल सरक्षण को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र में बनाये गए जल शक्ति मंत्रलाय के माध्यम से जल्द ही देश में जल सरक्षण को लेकर बड़ी योजनाएं धरातल पर उतारने की तैयारी है. जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार राज्य में सिंचाई, लघु सिंचाई, पेयजल और जलागम विभाग मिलाकर जल शक्ति मंत्रालय बनाने जा रही है.

उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव, उत्तराखंड

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मुख्य सचिव ने साफ कर दिया है कि जल शक्ति मंत्रालय बनने से सिंचाई, लघु सिंचाई, पेयजल और जलागम विभाग में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों की सेवाओं में किसी भी तरह का प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा. इन सब बातों का ध्यान रखते हुए ही मंत्रलाय का गठन किया जा रहा है.

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वहीं, मौजूदा समय में उत्तराखंड के जल सरक्षण की स्थिति पर नजर डालें तो नीति आयोग की रिपोर्ट में ये पहले ही साफ हो चुका है कि उत्तराखंड भी पेय जल संकट वाले राज्यों में शामिल है. मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड का नैनीताल जिला इस वक्त जल संकट के लिहाज से सबसे चिंताजनक है. मुख्य सचिव ने कहा कि नैनीताल में जल संकट को लेकर सरकार लगतार गंभीर है और इस पर युद्धस्तर पर काम भी चल रहा है. साथ ही सभी जिलाधिकारियों को भी जल सरक्षण को लेकर सख्त दिशानिर्देश दिए गए हैं.

Intro:summary- उत्तराखंड में जल सरक्षण को लेकर मुख्य सचिव ने राज्य की योजनाओं की जानकारी दी।


एंकर- उत्तराखंड में जल्द ही जल लघु सिंचाई, सिंचाई, पेयजल, और जलागम विभाग को मिला कर जल शक्ति मंत्रालय का निर्माण किया जाएगा। मुख्य सचिव के अनुसार इस मंत्रालय के अस्तित्व में आने के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की बड़ी योजनाएं राज्य में इम्प्लीमेंट करवाई जा पाएगी। मुख्य सचिव के अनुसार इस मंत्रालय के गठन के बावजूद भी किसी भी कर्मचारियों की सेवाओं पर प्रतिकूल असर नही पड़ेगा साथ ही मौजूद समय मे जल सरक्षण को लेकर भी मुख्य सचिव ने राज्य में स्थिति स्पष्ट की।


Body:वीओ- उत्तराखंड में जल सरक्षण को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र में बनाये गए जल शक्ति मंत्रलाय के माध्यम से जल्द ही देश मे जल सरक्षण को लेकर बड़ी योजना को उतारने का प्लान है जिसको देखते हुए उत्तराखंड में राज्य सरकार सिंचाई, लघु सिंचाई, पेयजल और जलागम विभाग मिलकर जल शक्ति मंत्रालय को जल्द अस्तित्व में लाया जाएगा।

वहीं दूसरी तरफ जल शक्ति मंतालय को लेकर राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कवायत के बाद इन विभागों में तैनात अधिकारी कर्मचारियों की चिंता का भी मुख्य सचिव ने निदान कर दिया है। मुख सचिव Etv भारत से बात करते हुए बताया कि जल शक्ति मंत्रालय में समायोजित किये जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवाओं में किसी भी तरह का प्रतिकूल असर नही पड़ेगा इस बात का ध्यान रखते हुए ही मंत्रलाय का गठन किया जा रहा है।

वहीं अगर राज्य में मौजूदा समय में उत्तराखंड के जल सरक्षण की स्थिति पर नजर डालें तो नीति आयोग की रिपोर्ट में ये पहले ही साफ हो चुका है कि उत्तराखंड भी पेय जल संकट वाले राज्यों में शामिल है। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड का नैनीताल जिला इस वक्त जल संकट के लिहाज से सबसे चिंताजनक है। मुख्य सचिव ने कहा कि नैनीताल में जल संकट को लेकर सरकार लगतार गंभीर है और इस पर युद्धस्तर पर काम भी चल रहा है। साथ ही सभी जिलाधिकारियों को भी जल सरक्षण को लेकर सख्त दिशानिर्देश दिए गए हैं।

बाइट- उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव उत्तराखंड


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