मसूरीः ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल का असर उत्तराखंड में भी देखने को मिला. मसूरी में उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के बैनर तले कई मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता पिक्चर पैलेस चौक पर एकत्रित हुए और केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने मसूरी एसडीएम के माध्यम से अपना 6 सूत्रिय मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजा.
इस मौके पर मजदूर नेता देवी गोदियाल, आरपी बडोनी और केदार सिंह चौहान ने कहा कि होटल, स्कूल और दुकानों में कर्मचारियों का बढ़ती महंगाई को देखते हुए न्यूनतम वेतन 24 हजार रुपये प्रति माह किया जाए. इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है तो उसे महंगाई भुगतान को एरियर सहित दिलवाया जाए. समस्त होटल, स्कूल और दुकानदारों के प्रतिष्ठान स्वामियों से श्रम कानूनों का पालन करवाया जाए. आशा वर्कर, भोजन माताओं, आंगनबाड़ी वर्करों को 24 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाए. इसके साथ ही उनकी स्थाई नियुक्ति की जाए.
उन्होंने मसूरी के रिक्शा श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी को देखते हुए मसूरी झूलाघर से गांधी चौक तक किराया 200 रुपये प्रति फेयर और कंपनी बाग तक प्रति सवारी 300 रुपये किया जाए. इसके अलावा कंपनी बाग में टैक्सियों के आने जाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए. पालिका प्रशासन द्वारा मालरोड में प्रतिबंधित समय में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाया जाए. मसूरी शिफन कोर्ट के बेघर हुए 84 बेघर परिवारों को तत्काल आवास दिए जाए.
उन्होंने कहा कि शिफन कोर्ट के बेघरों को आवास दिए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा की गई थी. ऐसे में शिफन कोर्ट से बेघर हुए लोगों को जल्द आवास बनाकर उपलब्ध किए जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मजदूर विरोधी नीति को अपनाती रही तो जल्द पूरे देश में मजदूर भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.