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सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से था गहरा लगाव, मजबूत इरादों के साथ रखी थी ऋषिकेश एम्स की नींव

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Published : Aug 7, 2019, 6:01 PM IST

Updated : Aug 7, 2019, 8:08 PM IST

केंद्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए उन्होंने कई राज्यों में एम्स की स्थापना की थी. इनमें से एक एम्स उत्तराखंड के ऋषिकेश में खोला गया था.

ऋषिकेश एम्स

ऋषिकेश: करोड़ों देशवासियों के दिल में बसीं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज हमारे बीच में नहीं है. सुषमा स्वराज के निधन पर उत्तराखंड में भी शोक की लहर है. उत्तराखंड से उनका अटूट रिश्ता था. उत्तराखंड में उन्हें ऋषिकेश एम्स की सौगात देने के लिए याद किया जाएगा.

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2004 में तत्कालीन एनडीए की सरकार में सुषमा स्वराज केंद्रीय स्वास्थ मंत्री थी. तब उन्होंने ऋषिकेश एम्स की नींव रखी थी, जो आज करीब 105 एकड़ में फैला है. आज पहाड़ के हजारों लोग एम्स अस्पताल की सेवाओं का फायदा उठा रहे हैं. यही कारण है यहां के लोग भी सुषमा को नम आंखों से याद कर रहे हैं.

सुषमा स्वराज ने रखी थी ऋषिकेश एम्स की नींव

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ऋषिकेश एम्स से पहले पहाड़ के लोगों को इलाज के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ रुख करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. ऋषिकेश में एम्स के खुलने से न सिर्फ पैसे की बचत हुई, बल्कि लोगों को अच्छा इलाज भी मिल रहा है. 1 फरवरी 2014 में तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज ने ऋषिकेश में एम्स की नींव रखी थी. हालांकि अभी भी ऋषिकेश एम्स पूरी तरह से अपने अस्तिव में नहीं आया है. लोगों का कहना है कि एम्स उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, जिसका श्रेय पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज को जाता है.

Intro:ऋषिकेश--अपने कार्यं का लोहा मनवा चुकी पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आज हमारे बीच नही हैं लेकिन ऋषिकेश सुषमा स्वराज की कर्मभूमि रही है,जी हां 2004 में केंद्र में रही एनडीए की सरकार में सुषमा स्वराज तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए ऋषिकेश एम्स की नींव रखी जिसके बाद आज एम्स 101 एकड़ भूमि में फैला एम्स लोगों के लिए जीवनदायनी साबित हो रहा है,यही कारण है यहां के लोग भी सुषमा को नम आंखों से याद कर रहे हैं।


Body:वी/ओ--ऋषिकेश के पशुलोक क्षेत्र में 105 एकड़ पर बना एम्स उत्तराखंड के लिए जीवनदायनी साबित हो रहा है दूर दूर से लोग अपना उपचार कराने के लिए ऋषिकेश एम्स पंहुच कर स्वास्थ्य लाभ ले रहे है एम्स में सस्ता उपचार मिलने से लोग काफी खुश है उनका कहना है की पहले उपचार के लिए दिल्ली या चंडीगढ़ जाना पड़ता था लेकिन अब लोगों को बेहतर इलाज यंही मिल रहा है,1 फरवरी 2014 में तत्कालीन एमडीए सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रही सुषमा स्वराज के द्वारा ऋषिकेश में एम्स की नीव रखे जाने के बाद से ही यंहा के लोगो को एम्स के बनने का इंतजार था  हालाकि अभी तक एम्स अपने पूरे अस्तित्त्व में नहीं आपाया है लेकिन यहाँ पर अभी से ही बड़े बड़े ऑपरेशन  होने लगे है साथ ही एम्स ऋषिकेश में हाईटेक मशीने भी लगाईं गई है गौरतलब है की जो टेस्ट लोगों को मंहगे दामों पर करवाना पड़ता था वही एम्स ऋषिकेश में मात्र दस रुपये में हो जाता है यही करण है की यंहा दूर दूर से लोग अपना इलाज करवाने के लिए पंहुचते है,लोगो का कहना है की एम्स उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योकि यंहा बेहतर और अनुभवी चिकित्सकों के साथ साथ इलाज भी काफी सस्ता है अभी तक एम्स में सभी रोगों का उपचार नहीं हो पा रहा था लेकिन अब लगभग सभी रोगों का उपचार एम्स में होने लगा है एम्स ऋषिकेश चिकित्सकीय परिक्षण उपकरणों से सुसज्जित होने लगा है अब लोगों को उपचार के लिए महानगरों में नहीं जाना पड़ रहा है बल्कि अब महानगरों से लोग यहां उपचार के लिए पंहुचने लगे हैं।


Conclusion:वी/ओ--उत्तराखंड में स्वास्थ सुविधा का हाल किसी से छुपा नहीं है इसी को देखते हुए 2004 में तत्कालीन सुषमा स्वराज ने एम्स की नींव रखी,आज ऋषिकेश एम्स उनके लिए जीवनदायनी साबित हो रहा है यहाँ के लोगों को इलाज के लिए महानगरों में जाना पड़ता था लेकिन अब एम्स ऋषिकेश में बढ़ रही सुविधाओं से लोगों को भटकना नहीं पड़ रहा है, एम्स के शुरू होने के बाद से लोगो को काफी राहत है एक ही छत के नीचे उन्हें सभी गंभीर से गंभीर रोगों का उपचार मिल रहा है,आज यही कारण है उत्तराखंड के लोग भी सुषमा को भुलाए नही भूल पा रहे हैं।

वाकथ्रू---विनय पाण्डेय ऋषिकेश

Last Updated : Aug 7, 2019, 8:08 PM IST
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