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बच्चों के चेहरे पर मुस्कान ला रहा ऋषिकेश AIIMS, निशुल्क हो रहा कटे होंठ का ऑपरेशन

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Published : Nov 4, 2019, 1:24 PM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS )ऋषिकेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला में कटे होंठ व तालू से ग्रस्त मरीजों का उपचार हो रहा है.

AIIMS ऋषिकेश में कटे होंठ व तालू से ग्रस्त मरीजों का हो रहा उपचार .

ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स )ऋषिकेश में कटे होंठ व तालु विषय पर आधारित अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला की विधिवत शुरूआत हुई . छह नवंबर तक आयोजित होने वाले सम्मेलन के दौरान देश और विदेश से आए प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ जन्मजात कटे होंठ व तालू से ग्रस्त मरीजों का उपचार करेंगे. इसके लिए 25 मरीजों ने संस्थान में पंजीकरण कराया. 25 में से 15 मरीजों को सर्जरी के लिए चयनित किया गया.

यह अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला एम्स ऋषिकेश के सहयोग से मिशन स्माइल व स्माइल एशिया संस्था के तत्वावधान में आयोजित की गई थी. मुख्य अतिथि व संस्थान के निदेशक, पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने विधिवत कार्यशाला का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने कटे होंठ व तालू से ग्रसित मरीजों के लिए मिशन स्माइल की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर विस्तृत चर्चा की और इसके लिए संस्था की सराहना भी की.

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प्रो. रविकांत ने बताया माताओं में फोलिक एसिड की कमी से ऐसे बच्चों का जन्म होता है, लिहाजा संस्था के सहयोग से एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यशाला के दौरान ऐसे बच्चों की निशुल्क सर्जरी व उपचार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि संस्थान में 2016 से प्लास्टिक चिकित्सा विभाग इस तरह के ऑपरेशन कर रहा है. उन्होंने कहा की ऑपरेशन से अब तक 92 मरीज लाभांवित हो चुके हैं.

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वहीं, मिशन स्माइल के निदेशक डॉ. रामकुमार ने बताया कि उनकी संस्था वर्ष 2002 से इस मिशन से जुड़ी है. उन्होंने इस आयोजन के लिए एम्स संस्थान के सहयोग के​ लिए आभार जताया. कार्यशाला में प्लास्टिक सर्जरी चिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ. विशाल मागो, डॉ.संजय अग्रवाल व डॉ. राजकुमार ने मरीजों की स्क्रिनिंग की व सर्जरी के लिए उनका चयन किया.

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डॉक्टरों ने बताया कि कटे होंठ व तालू में छेद से ग्रसित बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए यह एक अनोखी पहल है, जिससे ऐसे बच्चे दोबारा बोलने लगते हैं और वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ जाते हैं. उपचार के बाद ऐसे बच्चों को सुनने व खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं होती है.

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डॉ. मागो ने बताया कार्यशाला के तहत सोमवार से मरीजों की सर्जरी शुरू की जाएगी, जो छह नवंबर तक चलेगी. इससे मरीजों को लाभ मिलेगा. अन्य मरीज भी एम्स ऋ​षिकेश में आयोजित इस कार्यशाला का लाभ ले सकते हैं. कार्यशाला में मास्को के डॉ. टिकोन, कोलकाता की प्लास्टिक सर्जन डॉ. अपर्णा, एम्स एनेस्थिसिया विभाग के डॉ. संजय अग्रवाल व मिशन की ओर से डॉ. रामकुमार, डॉ. तरुण मित्तल, डॉ. जूही सहयोग करेंगे.

Intro:ऋषिकेश--अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कटे होंठ व तालु विषय पर आधारित अंतरराष्ट्रीय  कार्यशाला में  विधिवत शुरू हो गया। छह नवंबर तक आयोजित होने वाले सम्मेलन के दौरान देश व विदेश से आए प्लास्टिक सर्जरी विशेषज्ञ जन्मजात कटे होंठ व तालू से ग्रस्त मरीजों का उपचार करेंगे। इसके लिए 25 मरीजों ने संस्थान में पंजीकरण कराया,जिनमें से 15 मरीजों को सर्जरी के लिए चयनित किया गया।                                                                                                                                           


Body:वी/ओ--एम्स ऋषिकेश के सहयोग से मिशन स्माइल व स्माइल एशिया संस्था के तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय  कार्यशाला का बतौर मुख्य अतिथि संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने विधिवत शुभारंभ किया। अवसर पर उन्होंने कटे होंठ व तालू से ग्रसित मरीजों के लिए मिशन स्माइल की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर विस्तृत चर्चा की और इसके लिए संस्था की सराहना की।                                                                                                                           
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया माताओं में फोलिक एसिड की कमी से ऐसे बच्चों का जन्म होता है, लिहाजा संस्था के सहयोग से एम्स ऋषिकेश में आयोजित कार्यशाला के दौरान ऐसे बच्चों की निशुल्क सर्जरी व उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संस्थान में 2016 से प्लास्टिक चिकित्सा विभाग इस तरह के ऑपरेशन कर रहा है,जिससे अब तक 92 मरीज लाभान्वित हो चुके हैं।                                                                   





Conclusion:वी/ओ--इस अवसर पर मिशन स्माइल के निदेशक डा. रामकुमार ने बताया कि उनकी संस्था वर्ष 2002 से इस मिशन से जुड़ी है। उन्होंने इस आयोजन के लिए एम्स संस्थान के सहयोग के​ लिए आभार जताया। कार्यशाला में प्लास्टिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष डा. विशाल मागो, डा.संजय अग्रवाल व डा. राजकुमार ने मरीजों की स्क्रिनिंग की व सर्जरी के लिए उनका चयन किया। उन्होंने बताया कि कटे होंठ व तालू में छेद से ग्रसित बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए यह एक अनोखी पहल है,जिससे ऐसे बच्चे दोबारा बोलने लगते हैं और वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ जाते हैं। उपचार के बाद ऐसे बच्चों को सुनने व खाने-पीने की कोई दिक्कत नहीं होती है।


डा. मागाे ने बताया कार्यशाला के तहत आज से मरीजों की सर्जरी शुरू की जाएगी, जो छह नवंबर तक चलेगा,इससे मरीजों को लाभ मिलेगा। बताया कि अन्य मरीज भी एम्स ऋ​षिकेश में आयोजित इस कार्यशाला का लाभ ले सकते हैं। कार्यशाला में मास्को के डा. टिकोन, कोलकाता की प्लास्टिक सर्जन डा. अपर्णा,एम्स एनेस्थिसिया विभाग के डा. संजय अग्रवाल व मिशन की ओर से डा.  रामकुमार, डा. तरुण मित्तल, डा. जूही सहयोग करेंगे। 
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