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उत्कृष्ट स्कूल की छात्रा बनी एक दिन के लिए स्कूल की प्रिंसिपल

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Published : Nov 17, 2019, 7:54 AM IST

खंडवा के उत्कृष्ट विद्यालय की कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली एक छात्रा को तिमाही परीक्षा में टॉप करने पर स्कूल प्रबंधन ने उसे एक दिन की प्रिंसिपल बनने का अवसर दिया.छात्रों में पढ़ाई के प्रति उत्साह बढा़ने को लेकर हर्षिता विश्वकर्मा को एक दिन का प्रिंसिपल बनाया गया.

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खंडवा। आपने एक दिन का सीएम और एक दिन का पुलिस कमिश्नर तो सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक दिन की प्रिंसिपल से मिलावाते हैं. खंडवा की उत्कृष्ट विद्यालय की कक्षा 12 वीं में पढ़ने वाली हर्षिता विश्वकर्मा को एक दिन के लिए स्कूल का प्रिसिंपल बनाया गया है.

कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली छात्रा बनी प्रिंसिपल.
स्कूल प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को बेहतर पढ़ाई के लिए प्रेरित करने हेतु एक नवाचार किया गया इसके तहत तिमाही परीक्षा में टॉप करने वाली हर्षिता विश्वकर्मा को एक दिन के लिए स्कूल का प्रिसिंपल बनाया गया. इस नवाचार को लेकर स्कूल प्राचार्य का मानना हैं कि इससे विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है और उनमें अच्छे अंक लाने की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. वहीं हर्षिता के माता पिता भी उनके एक दिन के प्रिंसिपल बनने से खुश हैं. एक दिन की प्राचार्य हर्षिता भी बहुत खुश है. प्रिंसिपल बनने के बाद हर्षिता ने क्लास रूम का निरीक्षण कर बच्चों और शिक्षकों से बात कर उनकी समस्या को जानने का प्रयास किया.
Intro:खंडवा - अभी तक आपने एक दिन का सीएम और एक दिन का पुलिस कमिश्नर तो सुना होगा लेकिन आज हम आपको एक दिन की प्रिंसिपल छात्रा से मिलाने जा रहे हैं. जी हां खंडवा की उत्कृष्ट विद्यालय की कक्षा 12 वीं में पढ़ने वाली हर्षिता विश्वकर्मा से। जिसे आक एक दिन के दिन स्कूल का प्रिसिंपल बनाया गया था. स्कूल प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को बेहतर पढ़ाई के लिए प्रेरित करने हेतु एक नवाचार किया गया. इसके तहत तिमाही परीक्षा में टॉप करने वाली हर्षिता विश्वकर्मा को एक दिन के लिए स्कूल का प्रिसिंपल बनाया. इस नवाचार को लेकर स्कूल प्राचार्य का मानना हैं कि इससे विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता हैं. और उनमें अच्छे अंक लाने की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी


Body:खंडवा की उत्कृष्ट विद्यालय की कक्षा 12 में पढ़ने वाली हर्षिता को आज एक छात्रा को 1 दिन के लिए प्रिंसिपल बनाया गया. हर्षिता ने तिमाही की परीक्षा में क्लास में टॉप किया इसलिए स्कूल प्रबंधन ने उसे एक दिन का प्रिसिंपल बनने का अवसर दिया. इसके पीछे स्कूल प्राचार्य की मंशा यह हैं कि विद्यार्थी इस नवाचार से प्रेरित हो. और उनमें पढ़ाई के प्रति अच्छी स्पर्धा हो. वहीं हर्षिता के माता पिता भी उनके एक दिन के प्रिंसिपल बनने से खुश हैं. एक दिन की प्राचार्य हर्षिता बहुत खुश है आज उसने झंडा फराया प्रार्थना में बतौर प्राचार्य शामिल हुई और क्लास रूम का निरीक्षण कर बच्चों और शिक्षकों से बात कर उनको आने वाली समस्या को जानने का प्रयास किया हमारे प्राचार्य का नवाचार बहुत अच्छा है लग रहा है इससे बच्चों को मोटिवेशन मिलेगा और वह अच्छे से पड़ेंगे

byte - हर्षिता विश्वकर्मा, एक दिन की प्रिंसिपल

हर्षिता के पिता वासुदेव विश्वकर्मा सामान्य परिवार से हैं. वे ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं और बच्चों को शिक्षा दिलवा रहे हैं उनका एक बेटा बीकाम कर रहा हैं. हर्षिता 12वीं में ही इतनी उम्दा परफॉर्मेंस दे रही है 1 दिन के प्राचार्य बनने पर पिता ने इसका श्रेय स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों को दिया है वे अपनी बेटी के प्रिंसिपल बनने पर गर्व महसूस कर रहे हैं.

byte - वासुदेव विश्वकर्मा, हर्षिता के पिता


Conclusion:स्कूल की वर्तमान प्राचार्य आर के सेन का कहना है बच्चों के बीच पढ़ाई को लेकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होती रहे इसलिए हमने यह नवाचार करते हुए तिमाही परीक्षा में 91% लाने पर हर्षिता को 1 दिन के लिए प्राचार्य बनाया है. भैया घोषणा की कि जो बच्चा परीक्षा में प्रथम आएगा उसे 1 दिन के लिए प्राचार्य बनाया जाएगा. हर्षिता 12वीं कक्षा की तिमाही परीक्षा में पहले नंबर पर आई हैं इसलिए उसे प्राचार्य बनने का मौका मिला. इसी तरह आने वाले दिनों में इसी तरह 11वीं 10वीं और 9वीं कक्षा में प्रथम आने वाले छात्र-छात्राओं को 1 दिन के लिए प्राचार्य बनाया जायेगा.

byte - आर के सेन, प्रिंसिपल उत्कृष्ट विद्यालय
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