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पुरोहित वाला गांव में कोरोना हाहाकार की हकीकत का रियलिटी चेक, जानें क्या हैं असल हालात

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Published : May 28, 2021, 10:37 PM IST

Updated : May 29, 2021, 7:04 PM IST

पुरोहित वाला गांव की हकीकत को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम आज इस गांव पहुंची, जहां हमने गांव वालों से बात करते हुए वास्तविक स्थिति को जानने का प्रयास किया. साथ ही हमने गांव वालों से फैलाई जा रही भ्रामक खबरों की सत्यता के बारे में भी खुलकर बात की.

पुरोहित वाला गांव में कोरोना हाहाकार की हकीकत का रियलिटी चेक
पुरोहित वाला गांव में कोरोना हाहाकार की हकीकत का रियलिटी चेक

देहरादून: कोरोना काल में उत्तराखंड के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से महामारी और हाहाकार जैसी स्थिति पैदा होने की भ्रामकता वाली खबरें भी सामने आ रही हैं. जिसके चलते इन दिनों देहरादून के पुरोहित वाला गांव के लोग बेहद चिंतित और परेशान हैं. गांव के लोग गलत खबरों से साथ ही झूठी जानकारी फैलाये जाने से भी नाराज हैं. ग्रामीणों का मानना है कि अगर कोविड को लेकर भ्रामकता व हाहाकार मचाने वाली खबरें उनके गांव को लेकर प्रसारित की जाएंगी तो उनका रास्ता भी बंद कर दिया जाएगा.

पुरोहित वाला गांव में कोरोना हाहाकार की हकीकत का रियलिटी चेक


उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सरकारी आवास से कुछ ही दूरी पर आर्मी इलाके से सटे पुरोहित वाला गांव को लेकर इन दिनों समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक जानकारियां फैलाई जा रही हैं. बताया जा रहा है कि इन दिनों इस गांव में 75 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग लापरवाही की खबरें भी इस मामले में प्रमुखता से प्रकाशित की जा रही है. मामले की सत्यता की जानकारी और गांव वालों की परेशानी को समझने के लिए ईटीवी भारत की टीम आज पुरोहित वाला गांव पहुंची, जहां हमने गांव वालों से बात करते हुए वास्तविक स्थिति को जानने का प्रयास किया. इस बातचीत में जो कुछ भी निकलकर सामने आया वो काफी चौंकाने वाला है.

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गांव में लाउडस्पीकर से दिये जा रहे संदेश

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देहरादून सैनिक क्षेत्र से सटे पुरोहित वाला गांव पहुंचकर सबसे पहले हमने ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, वार्ड मेंबर और वहां के सीनियर सिटीजन से बात की. हमने उनसे कोरोना हाहाकार की खबरों की सच्चाई जानने का प्रयास किया. जिसमें मामला कुछ और ही निकलकर सामने आया. ग्राम प्रधान मीनू छेत्री ने बताया कि उनके गांव में कोविड हाहाकार को लेकर एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत समाचार पत्र में भ्रामकता भरी खबरें फैलाई जा रही हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. गांव के लोग इसे लेकर बेहद चिंतित और दुखी है, जबकि गांव में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. हालांकि डेढ़ महीने पहले एक परिवार में शादी के दौरान 15 लोग संक्रमित हुए थे. उनमें कुछ एक को छोड़कर अधिकांश लोग अस्पताल में उपचार के बाद स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. ऐसे में यह कहना पूरी तरह से गलत है कि यह गांव कोरोना संक्रमित है. यहां किसी तरह का स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं.

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पुरोहित वाला गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम

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ग्राम प्रधान ने ईटीवी भारत का किया धन्यवाद
पुरोहित वाला गांव की कोरोना की लेकर वास्तविक स्थिति के रियलिटी चेक को लेकर ग्राम प्रधान ने ईटीवी भारत का धन्यवाद किया. ग्राम प्रधान मीनू छेत्री ने बताया कोरोना की दूसरी लहर के बाद से ही लगातार गांव में सैनिटाइजेशन, मेडिकल किट वितरण, वैक्सीनेशन और टेस्टिंग का काम स्वास्थ्य विभाग की मदद से समय-समय पर किया जा रहा है. ऐसे में गांव पूरी तरह से कोविड-कंट्रोल वाली स्थिति में है. राजनीतिक द्वेष की भावना से कुछ लोग उनके गांव को कोरोना का किला बताकर तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर रहे हैं.

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पुरोहित वाला गांव में हो रहा सैनिटाइजेशन

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आंगनबाड़ी वर्कर ने रोते-रोते बताई सच्चाई

वहीं, पुरोहित वाला गांव की आंगनबाड़ी वर्कर दिव्या सेन ने बताया कि उनकी टीम लगातार पहले दिन से ही गांव के घर-घर जाकर स्वास्थ्य सर्वे रही है. जिसके तहत रिपोर्ट के आधार पर कोरोना लक्षण और जरूरतमंदों को मेडिकल किट 32 की संख्या तक बांट चुकी है. वहीं, जो लोग कोरना टेस्टिंग से छूटे हैं उनका भी बारी बारी से टेस्ट कराया गया है. शुक्रवार को भी गांव वालों का एंटीजन टेस्ट कराया गया. जिसमें राहत की बात यह रही कि कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया. इसके बावजूद कुछ लोग गांव के बारे में भ्रामक जानकारियां फैला रहे हैं.

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पुरोहित वाला गांव में बांटी गई मेडिकल किट.

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भ्रामक खबरों से सीनियर सिटीजन भी परेशान
उधर गांव के सीनियर सिटीजन भी इस तरह की खबरों को लेकर दुखी दिखाई दे रहे हैं. वे बताते हैं कि गांव में इस तरह की कोई स्थिति नहीं है. यहां समय-समय पर ग्राम प्रधान और अन्य लोगों की मदद से स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं. जिसके कारण गांव महामारी से बचा हुआ है. गांव के अधिकांश लोग सेना से रिटायर्ड और वर्तमान में सेना में कार्यरत हैं. इसी के चलते सभी लोग स्वास्थ्य के प्रति भी काफी जागरूक हैं.गांव के सीनियर सिटीजन बताते हैं कि इस तरह की खबरें और सूचनाएं परेशान करने वाली हैं.

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सैनिटाइजेशन काम लगे कर्मचारी.

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जिलाधिकारी ने भी माना जानकारी भ्रामक

पुरोहित वाला ग्राम प्रधान मीनू छेत्री की तरफ से जिलाधिकारी को इस मामले में प्रार्थना पत्र भी दिया गया है. जिसमें उन्होंने गांव के खिलाफ भ्रामक खबर फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है. उधर जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने भी माना कि जिस तरह से पुरोहित वाला गांव में कोरोना को लेकर खबरें सामने आई हैं वह प्रारंभिक जांच पड़ताल में वह पूरी तरह से गलत साबित हुई हैं.

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पुरोहित वाला गांव के ग्रामीण

गांव में पहले दिन से टेस्टिंग व मेडिकल किट सैनिटाइजिंग जैसी अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं बराबर दी जा रही हैं. इस गांव में एक की मौत होम आइसोलेशन में हुई है. इसके अलावा कुछ एक लोगों की मौत अस्पताल में उपचार के दौरान हुई है. गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं में किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती गई है. उन्होंने कहा इस मामले में निगरानी कर आगे की कार्यवाही भी जारी है.

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पुरोहित वाला गांव

भ्रामक खबर फैलाने वालों की होगी जांच:जिलाधिकारी

जिलाधिकारी श्रीवास्तव के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जांच पड़ताल कराने पर पता चला कि वर्तमान में गांव में कोविड कंट्रोल है. इसके बावजूद भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पूरी जांच-पड़ताल कर रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट के आधार पर गलत और भ्रामक खबरें फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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पुरोहित वाला गांव पहुंचकर ईटीवी भारत ने जो वास्तविक हकीकत देखी वो चलाई जा रही खबरों और बनाये जा रहे माहौल से बिल्कुल अलग था. यहां गांव में हमें सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद मिली. गांव में कोरोना काल में बरते जा रहे एहतियात के तौर पर भी गांव में पूरे इंतजाम थे. ऐसे में बिना सोचे-समझे इस नाजुक दौर में ऐसी भ्रामक खबरे फैलाने वाकई में निंदनीय है. बिना जमीनी हकीकत जाने, तथ्यों को जांचें किसी भी गांव को कोरोना स्प्रैडर के तौर पर प्रचारित करना बहुत गलत है. ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में पुरोहित वाला गांव को लेकर फैलाई जा रही भ्रामक खबरें वाकई में भ्रामक निकली, जिनका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है.

Last Updated : May 29, 2021, 7:04 PM IST
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