ETV Bharat / state

हल्द्वानी बाल संरक्षण गृह मामले के बाद फिर सुर्खियों में उत्तराखंड, नारी निकेतन पर सवाल, इन मामलों ने भी बढ़ाई परेशानी

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 20, 2023, 1:06 PM IST

Updated : Dec 20, 2023, 2:16 PM IST

Uttarakhand child care home controversy उत्तराखंड में नारी निकेतन, बाल संप्रेक्षण सहित बाल सुधार गृह अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. दुष्कर्म, गर्भपात के साथ ही शारीरिक शोषण की खबरें अक्सर इन संस्थानों से आती रहती हैं. इसके अलावा कभी व्यवस्थाओं की कमी से साथ ही अव्यवस्थाओं को लेकर भी इनकी चर्चा होती है. यहां से फरार होने वाली महिलाओं और बच्चों के फरार होने के बाद हेडलाइन्स बनती हैं. हल्द्वानी बाल संप्रेक्षण गृह ऐसे ही कुछ मामले को लेकर चर्चाओं में हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से नारी निकेतन और बाल संप्रेक्षण गृह सहित बाल सुधार गृह चर्चाओं में रहते हैं. हाल ही में उत्तराखंड के हल्द्वानी से ऐसा ही एक मामला सामने आया, जहां एक किशोरी ने विभागीय लोगों पर दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध का आरोप लगाया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री ने मामले में दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ न केवल मुकदमा दर्ज करवाया है, बल्कि उन्हें निलंबित भी किया. हल्द्वानी के बाल संप्रेक्षण गृह के अंदर हुए इस जघन्य अपराध के बाद उत्तराखंड में हुई वे तमाम घटनाएं जेहन में कौंधने लगती हैं जो बीते सालों में प्रदेश में घटी.

हल्द्वानी मामले में शासन के पास पहुंची रिपोर्ट: हल्द्वानी बाल संप्रेक्षण गृह मामले के बाद देहरादून की एक टीम मौके पर पहुंची. टीम ने दुष्कर्म के मामले में पीड़िता और कर्मचारियों से बातचीत की. इस टीम में पर्यवेक्षक अधिकारी मोहित चौधरी और उप मुख्य पर्यवेक्षक अधिकारी अंजना गुप्ता शामिल थे. टीम ने तमाम सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेज जुटाये. जिसके बाद मामले में बयान भी लिये गये. मामले की जांच पड़ताल कर विशेष टीम देहरादून वापस पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि आज शासन को इस मामले की रिपोर्ट सौंपी जाएगी. महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस और विभाग दोनों को जांच के आदेश दिये हैं. रेखा आर्य की मानें तो फिलहाल तत्परता दिखाते हुए दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है. एक होमगार्ड को विभाग को वापस किया गया है.

Etv Bharat
हल्द्वानी बाल संरक्षण गृह मामला

पढे़ं- हल्द्वानी बाल संप्रेक्षण गृह की दो महिला कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, किशोरी को बाहर ले जाकर दुष्कर्म करवाने का आरोप

मंत्री रेखा आर्य ने मामले को बताया गंभीर: मंत्री रेखा आर्य ने इस मामले को बेहद गंभीर माना. उन्होंने कहा यह बेहद भयानक है कि बच्ची की हिफाजत की जिम्मेदारी जिन लोगों के पास है वही लोग उसे बाहर लेकर आये हैं. रेखा आर्य ने कहा फिलहाल यह सभी बातें अभी जांच का विषय हैं. हमें अभी इस मामले पर अधिक जोर नहीं देना चाहिए. ईटीवी भारत भी इस बात की पुष्टि नहीं करता कि हल्द्वानी के बाल संप्रेक्षण गृह में जो कुछ भी हुआ है उसमें कितनी सच्चाई है.

देहरादून में नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म: ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड के नारी निकेतन और बाल सुधार गृह में इस तरह का ये पहला मामला है. आज से लगभग 8 साल पहले भी देहरादून के नारी निकेतन में इसी तरह की घटना हुई थी. इस घटना ने न केवल राज्य बल्कि देश की राजनीति में भी भूचाल ला दिया था. उस वक्त नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म और उसके बाद गर्भपात करवाने के मामले ने सुर्खियां बटोरी थी. एक गुमनाम पत्र और एक वीडियो क्लिप बाहर आने के बाद इस मामले पर जमकर हल्ला हुआ. मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल उस वक्त एक एसआईटी का गठन किया गया. जिसकी कमान आईपीएस अजय सिंह को दी गई. जिला स्तर से भी इस मामले की जांच करवाई गई. देहरादून नारी निकेतन में खुलासा हुआ कि महिलाओं के साथ अंदर बैठे कर्मचारी न केवल दुष्कर्म कर रहे थे, बल्कि बाहर से आने वाले व्यक्तियों से भी दुष्कर्म करवाया जा रहा था.

Etv Bharat
देहरादून में नारी निकेतन में मूक बधिर संवासिनी से दुष्कर्म

पढे़ं- हल्द्वानी बाल संप्रेक्षण गृह दुष्कर्म मामले में जांच के आदेश, दो महिला कर्मचारी निलंबित

मामले में कई लोगों की हुई गिरफ्तारी, सजा भी सुनाई गई: जिसमें तत्कालीन अधीक्षिका के साथ 6 महिलाएं शामिल थीं. 24 नवंबर 2015 को इस मामले की जांच शुरू हुई. जिसमें एक के बाद एक परत खुलती गई. इस मामले में अधीक्षिका मीनाक्षी पोखरियाल, कर्मचारी अनीता मंदोला, टीचर चंद्रकला छेत्री, शमा निगार, होमगार्ड ललित बिष्ट, केयरटेकर हाशिम, सफाई कर्मचारी गुरदास और संविदा कर्मी कृष्णकांत उर्फ कांछा की गिरफ्तारी हुई. इस मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया. इन्हें 2 से लेकर 7 साल तक की सजा सुनाई गई. इस घटना के बाद सरकार ने नारी निकेतन और उससे जुड़ी शाखाओं की कड़ी निगरानी के आदेश दिये.

पढे़ं- नारी निकेतन यौन शोषण मामला: मुख्य आरोपी को 7 साल की सजा, अन्य 8 आरोपियों को मिला कारावास

2018 में चर्चाओं में रहा केदारपुरम नारी निकेतन: इतना ही नहीं राजधानी देहरादून के केदारपुरम स्थित नारी निकेतन में साल 2018 जून महीने में 130 महिलाएं नारी निकेतन में बीमार पाई गईं. यह मुद्दा भी जोर शोर से उठा. बताया गया वहां डॉक्टरों की कमी के चलते महिलाओं पर ध्यान नहीं दिया गया. इसके बाद शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार महिलाओं के लिए डॉक्टरों की व्यवस्था की गई. शासन ने तत्काल प्रभाव से इस पूरे मामले की रिपोर्ट मंगवाकर तमाम महिलाओं का हर हफ्ते मेडिकल परीक्षण अनिवार्य करने के आदेश दिये. तब इस मामले ने भी खूब सुर्खियां बटोरी.

Etv Bharat
2018 में चर्चाओं में रहा केदारपुरम नारी निकेतन

पढे़ं- संवासिनी मौत मामला: राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने किया नारी निकेतन का निरीक्षण

निकेतन से महिलाओं के फरार होने की खबरें: इतना ही नहीं समय-समय पर नारी निकेतन से महिलाओं के फरार होने की खबरें भी आती रही. साल 2018 में ही एक मूक बधिर संवासिनी दीवार फांदकर फरार हो गई. ऐसी ही घटना साल 2017 में राजधानी देहरादून में भी घटी. हालांकि, पुलिस ने इन मामलों में तत्परता दिखाई. जिसके बाद सभी को वापस पकड़ कर नारी निकेतन वापस भेजा गया. कई बार बाल सुधार गृह से कई बच्चे भी भागने में कामयाब रहे.

Last Updated : Dec 20, 2023, 2:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.