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Uttarakhand Nikay Chunav 2023: जानें कब और कितने निकायों में होगा चुनाव, पूरा गणित समझें

उत्तराखंड में निकाय चुनाव की उल्टी गिनती चल रही है. 2 दिसंबर 2023 से पहले स्थानीय निकाय चुनाव करवाए जाने हैं. ऐसे में संभावना है कि नवंबर 2023 तक निकाय चुनाव संपन्न हो जाएंगे. शहरी विकास विभाग जोर-शोर से निकाय चुनाव की तैयारी में लगा है. फरवरी आखिर में एडमिनिस्ट्रेटिव बाउंड्री को फ्रीज कर दिया जाएगा. इस बार क्या रहेगा निकाय सीटों का गणित, पढ़िए हमारी इस रिपोर्ट में.

Uttarakhand Nikay Chunav
उत्तराखंड निकाय चुनाव
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Published : Feb 15, 2023, 7:02 AM IST

देहरादून: इस साल के आखिर में प्रदेश में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव होने हैं. दिसंबर में टेक्निकली सभी बोर्ड अपना 5 साल का कार्यक्रम पूरा कर भंग हो जाएंगे तो वहीं निकाय चुनाव को लेकर के क्या कुछ तैयारियां है और पिछले निकाय चुनाव से इस बार के निकाय चुनाव का स्वरूप कितना बदला हुआ है आपको बताते हैं.

28 फरवरी को फ्रीज हो जाएगीं निकायों की प्रशासनिक सीमाएं: उत्तराखंड में आगामी नवंबर माह में होने वाले निकाय चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ठीक पहले हो रहे निकाय चुनाव प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों के लिए सेमीफाइनल मैच की तरह होंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव होने हैं.

तकनीकी रूप से देखें तो प्रदेश में मौजूद सभी लोकल बॉडी यानी नगर पंचायतों, नगर पालिका और नगर निगमों के बोर्ड का 5 साल का कार्यक्रम 1 दिसंबर 2023 को पूरा हो रहा है. लिहाजा 2 दिसंबर 2023 से पहले प्रदेश में लोकल बॉडी के चुनाव करवाना आवश्यक है. इसके लिए शहरी विकास विभाग ने अभी से अपनी कमर कस ली है. सचिव शहरी विकास डॉ नवनीत पांडे ने बताया कि प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर के पूरी तैयारियां चल रही हैं. जिसके तहत इसी माह फरवरी 28 से पहले प्रदेश में मौजूद सभी निकायों की एडमिनिस्ट्रेटिव बाउंड्री को फ्रीज किया जाना है. यानी कि 28 फरवरी से पहले सभी निकायों में परिसीमन की और वार्ड निर्धारण के कार्य पूरे कर दिए जाएंगे.

प्रदेश में 12 नए निकायों के साथ कुल 99 में होगा चुनाव: शहरी विकास सचिव डॉ नवनीत पांडे ने बताया कि पिछले निकाय चुनाव में प्रदेश के 90 नगर निकाय मौजूद थे. इनमें रुड़की और बाजपुर में परिणाम देरी से आये थे. वहीं प्रदेश में अब 12 नए निकायों का गठन किया गया है. जिसके बाद प्रदेश में कुल मिलाकर 102 नगर निकाय हो गए हैं. इनमें से 2 बाजपुर और रुड़की के अलावा किच्छा के पास मौजूद सिरोलीकला निकाय का मामला भी कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से चुनाव में अड़चन आ सकती है.

यानी कि उत्तराखंड के 99 नगर निकायों में सरकार को 2 दिसम्बर 2023 से पहले चुनाव की पूरी प्रक्रिया को सम्पन करवाना है. शहरी विकास सचिव नवनीत पांडे ने बताया कि निकाय चुनाव को लेकर के तैयारियां की जा रही हैं. इसमें सबसे पहले एडमिनिस्ट्रेटिव बाउंड्रीज को फ्रीज किया जाएगा. इसके बाद ओबीसी सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एकल सदस्य आयोग अपनी रिपोर्ट देगा. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट की तैयारी और सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करेगा.
ये भी पढ़ें: Bhagat Singh Koshiyari: उत्तराखंड की सत्ता में होंगे दो केंद्र बिंदु‍‍! अभी थकने वाले नहीं भगत दा

शहरी विकास मंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा: शहरी विकास मंत्री ने विधानसभा में आगामी निकाय चुनाव के सम्बन्ध में विभागीय बैठक लेते हुए कहा कि राज्य के निकायों की सीमाओं के विस्तार और वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया फरवरी माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिलों में चल रहे ओबीसी के सर्वे को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने नगर निकायों के उच्चीकरण के सम्बंध में अंतिम रूपरेखा तैयार करने को कहा. डॉ अग्रवाल ने शहरी विकास विभाग में बजट के सभी मदों की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि उपलब्ध बजट के सापेक्ष शत-प्रतिशत धनराशि 15 दिन में अवमुक्त की जाए.

देहरादून: इस साल के आखिर में प्रदेश में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव होने हैं. दिसंबर में टेक्निकली सभी बोर्ड अपना 5 साल का कार्यक्रम पूरा कर भंग हो जाएंगे तो वहीं निकाय चुनाव को लेकर के क्या कुछ तैयारियां है और पिछले निकाय चुनाव से इस बार के निकाय चुनाव का स्वरूप कितना बदला हुआ है आपको बताते हैं.

28 फरवरी को फ्रीज हो जाएगीं निकायों की प्रशासनिक सीमाएं: उत्तराखंड में आगामी नवंबर माह में होने वाले निकाय चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले ठीक पहले हो रहे निकाय चुनाव प्रदेश में सभी राजनीतिक दलों के लिए सेमीफाइनल मैच की तरह होंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तराखंड में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव होने हैं.

तकनीकी रूप से देखें तो प्रदेश में मौजूद सभी लोकल बॉडी यानी नगर पंचायतों, नगर पालिका और नगर निगमों के बोर्ड का 5 साल का कार्यक्रम 1 दिसंबर 2023 को पूरा हो रहा है. लिहाजा 2 दिसंबर 2023 से पहले प्रदेश में लोकल बॉडी के चुनाव करवाना आवश्यक है. इसके लिए शहरी विकास विभाग ने अभी से अपनी कमर कस ली है. सचिव शहरी विकास डॉ नवनीत पांडे ने बताया कि प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर के पूरी तैयारियां चल रही हैं. जिसके तहत इसी माह फरवरी 28 से पहले प्रदेश में मौजूद सभी निकायों की एडमिनिस्ट्रेटिव बाउंड्री को फ्रीज किया जाना है. यानी कि 28 फरवरी से पहले सभी निकायों में परिसीमन की और वार्ड निर्धारण के कार्य पूरे कर दिए जाएंगे.

प्रदेश में 12 नए निकायों के साथ कुल 99 में होगा चुनाव: शहरी विकास सचिव डॉ नवनीत पांडे ने बताया कि पिछले निकाय चुनाव में प्रदेश के 90 नगर निकाय मौजूद थे. इनमें रुड़की और बाजपुर में परिणाम देरी से आये थे. वहीं प्रदेश में अब 12 नए निकायों का गठन किया गया है. जिसके बाद प्रदेश में कुल मिलाकर 102 नगर निकाय हो गए हैं. इनमें से 2 बाजपुर और रुड़की के अलावा किच्छा के पास मौजूद सिरोलीकला निकाय का मामला भी कोर्ट में विचाराधीन होने की वजह से चुनाव में अड़चन आ सकती है.

यानी कि उत्तराखंड के 99 नगर निकायों में सरकार को 2 दिसम्बर 2023 से पहले चुनाव की पूरी प्रक्रिया को सम्पन करवाना है. शहरी विकास सचिव नवनीत पांडे ने बताया कि निकाय चुनाव को लेकर के तैयारियां की जा रही हैं. इसमें सबसे पहले एडमिनिस्ट्रेटिव बाउंड्रीज को फ्रीज किया जाएगा. इसके बाद ओबीसी सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एकल सदस्य आयोग अपनी रिपोर्ट देगा. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग वोटर लिस्ट की तैयारी और सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करेगा.
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शहरी विकास मंत्री ने की तैयारियों की समीक्षा: शहरी विकास मंत्री ने विधानसभा में आगामी निकाय चुनाव के सम्बन्ध में विभागीय बैठक लेते हुए कहा कि राज्य के निकायों की सीमाओं के विस्तार और वार्डों के परिसीमन की प्रक्रिया फरवरी माह में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने जिलों में चल रहे ओबीसी के सर्वे को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए. बैठक के दौरान मंत्री डॉ अग्रवाल ने नगर निकायों के उच्चीकरण के सम्बंध में अंतिम रूपरेखा तैयार करने को कहा. डॉ अग्रवाल ने शहरी विकास विभाग में बजट के सभी मदों की भी समीक्षा की. उन्होंने कहा कि उपलब्ध बजट के सापेक्ष शत-प्रतिशत धनराशि 15 दिन में अवमुक्त की जाए.

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