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वैक्सीन की डोज लेने के बाद भी नहीं मिला सर्टिफिकेट तो पढ़ें ये खबर

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Published : Aug 31, 2021, 7:59 PM IST

उत्तराखंड में 5 से 10 हजार लोगों को वैक्सीन की पहली डोज के दौरान डॉक्यूमेंट की औपचारिकताएं ठीक से पूरी नहीं करने पर अब दूसरी डोज लेने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अब भारत सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों को 'कोविन' वेबसाइट का एक्सेस देकर ऐसे लोगों का डुप्लीकेशन खत्म करने का निर्णय लिया है.

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देहरादून

देहरादूनः देश में अब तक हुए 65 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन में एक करोड़ लोग ऐसे बताए जा रहे हैं, जिनकी पहली डोज में डॉक्यूमेंटेशन ठीक से नहीं हो पाया है. इनमें तकरीबन 10 हजार लोग उत्तराखंड के बताए जा रहे हैं. इन लोगों की डुप्लीकेशन खत्म करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग जल्द ही कार्रवाई करने जा रहा है.

कोविड-19 की दूसरी लहर में ऐसे कई लोग थे, जिन्होंने आनन-फानन में वैक्सीनेशन करवाया. लेकिन वैक्सीनेशन के दौरान पूरी की जाने वाली सभी डॉक्यूमेंटेशन की औपचारिकताएं ठीक तरह से नहीं की. इसका अंजाम यह हुआ कि वैक्सीन की दूसरी डोज के लिए अब उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ऐसा उन लोगों के साथ ज्यादा हुआ है जो कि अपनी पहली डोज के दौरान रजिस्ट्रेशन नंबर भूल चुके हैं या फिर उन्होंने साइबर कैफे से रजिस्ट्रेशन किया था या फिर किसी अन्य तरीके से उन्होंने वैक्सीन तो लगा ली, लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए. ऐसे लोगों के वैक्सीनेशन का डाटा सिस्टम में तो चल गया, लेकिन वह मैच नहीं हो पा रहा है. ऐसे पूरे देश भर में तकरीबन एक करोड़ लोग हैं.

उत्तराखंड में 5 से 10 हजार लोगः उत्तराखंड की बात करें तो इसी अनुमान को ध्यान में रखते हुए तकरीबन 5 हजार से 10 हजार लोग ऐसे हैं, जिन्हें पहली डोज लगी है. लेकिन उनका डॉक्यूमेंटेशन ठीक से नहीं हो पाया है.

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प्रशासनिक अधिकारियों को मिला कोविन का एक्सेसः उत्तराखंड में कोविड-19 के लिए नोडल अधिकारी डॉ. कुलदीप मार्तोलिया ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि भारत सरकार द्वारा वैक्सीनेशन के लिए तैयार की गई 'कोविन' वेबसाइट में पहले अधिकारियों को एक्सेस करने का राइट नहीं था. लेकिन, अब इस वेबसाइट को डेवलप करते हुए भारत सरकार ने इसका राइट प्रशासनिक अधिकारियों को दे दिया है, जिसके बाद डुप्लीकेट या फिर गलत तरीके से हुए रजिस्ट्रेशन को चिन्हित किया जा सकता है.

अलग-अलग नंबर से रजिस्ट्रेशन वाले डुप्लीकेसीः इसके बाद ऐसे रजिस्ट्रेशन जोकि कई बार एक ही आदमी के दो अलग-अलग नंबरों से किए गए हैं या फिर अन्य तरह के सभी डुप्लीकेसी को खत्म कर दिया जाएगा. ऐसे लोग जिन्हें दूसरी डोज लगाने में समस्या आ रही उन्हें इसका लाभ मिल पाएगा.

25.7% वैक्सीनेशनः वहीं, इसके अलावा डॉ. कुलदीप मार्तोलिया ने बताया कि उत्तराखंड में अब तक 83% फर्स्ट डोज का वैक्सीनेशन मिशन पूरा हो चुका है. बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जिले में पहली डोज का शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है, तो वहीं राज्य में दूसरी डोज का 25.7% वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है.

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