ETV Bharat / state

NCRB के DG पहुंचे उत्तराखंड, क्राइम रिकॉर्ड पर नजर रखने वाली व्यवस्था पर मंथन

author img

By

Published : Oct 12, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 6:37 PM IST

एनसीआरबी के डीजी ने देहरादून के पुलिस मुख्यालय में उत्तराखंड सीसीटीएनएस व्यवस्था की समीक्षा बैठक की. उसके बाद वह डालनवाला थाने पहुंचे. यहां उन्होंने सीसीटीएनएस किस तरह से इंप्लीमेंट हो रहा है, इसके बारे में जानकारी ली.

NCRB के DG ने CCTNS व्यवस्था पर की समीक्षा बैठक
NCRB के DG ने CCTNS व्यवस्था पर की समीक्षा बैठक

देहरादून: देहरादून पुलिस मुख्यालय में एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) के डायरेक्टर जनरल रामफल पंवार ने उत्तराखंड सीसीटीएनएस (Crime and Criminal Tracking Network & Systems) व्यवस्था की समीक्षा की. उन्होंने पुलिस विभाग के आला अधिकारियों सहित सीसीटीएनएस सेक्शन और संबंधित कर्मचारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए CCTNS व्यवस्था संचालित करने के बारे में समीक्षा बैठक की.

एनसीआरबी डीजी रामफल पंवार ने देहरादून के थाना डालनवाला में पहुंच कर, वहां कंप्यूटर सेक्शन से संचालित होने वाले केंद्रीय सीसीटीएनएस व्यवस्था के जरिए कैसे क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम का संचालन हो रहा है, इसको जाना. वहीं, इस दौरान उन्होंने थाने में सीसीटीएनएस के तहत कई तरह की खामियों पाईं. जिसको देखते हुए उन्होंने इसके बारे में सीसीटीएनएस विशेषज्ञों से थाने के पुलिस कर्मचारियों को अपराध और अपराधियों के संबंधित सूचनाओं को एक रिपोर्ट के रूप में पोर्टल में कैसे व्यवस्थित ढंग से अपलोड करें, इसकी जानकारियां उपलब्ध कराईं.

क्राइम और क्रिमिनल से संबंधित जो भी मुकदमे रजिस्टर होते हैं, वह सीसीटीएनएस केंद्रीय पोर्टल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर साझा कर ट्रैक किया जाते हैं. इतना ही नहीं देश भर में कहीं भी गुमशुदगी और बरामद होने वाले अज्ञात शवों की पहचान भी सीसीटीएनएस सुविधा के माध्यम से देशभर में कहीं भी की जा सकती है.

जानकारी देते देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूरी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी राज्य में अपराध और अपराधियों को ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली में जोड़ने के लिए क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम यानी सेंटर CCTNS पोर्टल सुविधा को देशभर के सभी थानों में लागू किया है. इस व्यवस्था से पुलिस तंत्र किसी भी राज्य के साथ अपने यहां की आपराधिक और क्राइम की घटनाओं सहित अन्य तरह की जानकारियों को एकीकरण सूचना के माध्यम से सीसीटीएनएस पोर्टल में अपलोड कर सकता है. इस सुविधा से न सिर्फ एक क्लिक में किसी भी कानूनी कार्रवाई की जानकारी देशभर के किसी भी राज्य से संबंधित उपलब्ध हो सकती है बल्कि वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी एक जगह बैठे उपलब्ध कर तत्काल उचित कार्रवाई की जा सकती है.

ये भी पढ़ें: कैबिनेट: 29 प्रस्तावों पर मुहर, उपनलकर्मियों का मानदेय बढ़ा, आशाओं के लिए खुशखबरी

सीसीटीएनएस व्यवस्था के माध्यम से पुलिस को हाईटेक और स्मार्ट करने के साथ ही ई-गवर्नेंस सिस्टम को अपनाते हुए एक व्यापक और एकीकरण व्यवस्था के माध्यम से पुलिस की दक्षता को और अधिक प्रभावशाली बनाना मुख्य मकसद है. सीसीटीएनएस की पोर्टल व्यवस्था में पुलिस तंत्र की कार्रवाई अपलोड करने से देश में किसी भी अपराधी को किसी भी राज्य में खोज कर उसका आपराधिक इतिहास खंगाला जा सकता है.

इस सीसीटीएनएस की व्यवस्था से गुमशुदा लोगों के मामलों को भी देश के किसी भी भाग से पुलिस आसानी से वर्कआउट कर सकेगी. आगामी दिनों में सीसीटीएनएस केंद्रीय पोर्टल व्यवस्था में राज्य की अदालतों के साथ ही आरटीओ बीमा एजेंसी जैसे अन्य संस्थान भी जुड़ने जा रहे हैं. ताकि किसी भी तरह की जानकारी को देश भर से डाटा के रूप में एकत्र कर आवश्यक कार्रवाई की जा सके.

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में क्राइम ट्रैकिंग और क्राइम विश्लेषण में CCTNS की भूमिका बहुत ही महत्वूर्ण है. इनामी अपराधियों की पहचान व गिरफ्तारी, अज्ञात शवों एवं गुमशुदाओं के मिलान, चोरी के वाहनों की पहचान में इसकी उपयोगिता काफी बढ़ गयी है. पुलिस विभाग में कम्प्यूटर के आने के बाद लगभग 20 वर्षों तक इनका उपयोग टाइपराइटर के रूप में हुआ. CCTNS प्रोजेक्ट ने इनकी उपयोगिता को बढ़ाया. CCTNS डेटा संकलन के साथ-साथ क्राइम ट्रैकिंग और क्राइम विश्लेषण में भी मदद करने लगा है. जिस प्रकार अपराधी tech savvy होता जा रहा है, ऐसे में law enforcement agencies को भी अपनी क्षमताओं को बढ़ाते हुए advance tech Savvy होना होगा.

ये भी पढ़ें: बंशीधर पर हरीश रावत का तंज, कहा- कहीं ये 'दशरथ' 2022 में षड्यंत्र का शिकार न हो जाए

उत्तराखंड CCTNS प्रोजेक्ट रैंकिंग में देश में 8वें एवं पर्वतीय राज्यों में द्वितीय स्थान पर है. प्रदेश के शत-प्रतिशत पुलिस स्टेशन CCTNS प्रोजेक्ट से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही CCTNS पोर्टल की 17 सेवाओं को प्रदेश की जनता तक पहुंचाने के लिए देवभूमि मोबाइल एप भी बनाया गया है. पुलिस मॉडर्नाइजेश के अन्तर्गत विवेचकों के कार्यों में गुणात्मक सुधार एवं पारदर्शिता लाने के लिए उन्हें 1195 साक्ष्य संकलन टूल्स (Tablet) वितरित किए गए हैं. इसके साथ ही e-Beat book, e-FSL, e-MLC, Online Counter Affidavit मॉडयूल्स तैयार किये गये हैं, जिन्हें शीघ्र ही लागू किया जाएगा.

देहरादून एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि क्राइम और क्रिमिनल से संबंधित जो भी मुकदमे रजिस्टर्ड होते हैं, उनको सीसीटीएनएस पोर्टल के माध्यम से अपलोड किया जा सकता है. ताकि देश भर की पुलिस डाटा और ट्रैक करने की कार्रवाई को आसानी से कर सके. एनसीआरबी के डीजी देहरादून के पुलिस मुख्यालय में बैठक करने के उपरांत डालनवाला थाने पहुंचे. यहां उन्होंने सीसीटीएनएस किस तरह से इंप्लीमेंट हो रहा है, इसके बारे में जानकारी ली. इस दौरान सीसीटीएनएस व्यवस्था से संबंधित कुछ खामियां भी सामने आईं, जिनके संबंध में डीजी एनसीआरबी द्वारा सीसीटीएनएस विशेषज्ञों की मदद से थाने स्तर में संबंधित पुलिस कर्मियों को अपडेट जानकारियां दी गईं.

Last Updated : Oct 12, 2021, 6:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.