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Mission Drugs Free Devbhoomi: मिशन को बनाएं जन अभियान, मुख्यमंत्री बोले- युवा नशे को कहें ना, कैदियों के लिए बड़ी घोषणा

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Published : Feb 3, 2023, 1:30 AM IST

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जिला कारागार सुद्धोवाला में मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि का शुभारंभ किया. इस दौरान सीएम ने जिला कारागार में नवनिर्मित बेकरी यूनिट का भी शुभारंभ किया और देहरादून में स्किल डेवलपमेन्ट प्रोग्राम के लिए प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना भी की. इस दौरान सीएम ने बताया कि कारागार विभाग में पृथक सुधार सेवा के रूप में करेक्शनल सर्विस विंग का गठन किया जाएगा. बंदी कल्याण कोष का गठन किया जाएगा और इसके लिए कोष में एकमुश्त धनराशि 1 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. वहीं, कारागार विभाग के नाम को परिवर्तित करते हुए 'कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा' किया गया जबकि 'बंदी गृह' का नाम 'बंदी सुधार गृह' किया गया है.

Mission Drugs Free Devbhoomi.
मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि.

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जिला कारागार सुद्धोवाला देहरादून में मिशन ड्रग्स फ्री देवभूमि का शुभारंभ करते हुए प्रदेशवासियों विशेषकर राज्य के युवाओं से आह्वान किया कि उत्तराखंड को 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाने का संकल्प लें. सीएम ने कहा कि सरकार ने देवभूमि 2025 तक ड्रग्स फ्री बनाने के लिए संकल्परत है. इस संकल्प सिद्धि के लिए सरकार के साथ ही समाज, युवाओं, एनजीओ, सेलिब्रिटिज, सफल लोगों व विभिन्न सामाजिक-शैक्षणिक संस्थानों को आगे आना होगा और मिलकर काम करना होगा.

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार के इस अभियान को महाअभियान बनाना है. इस जन अभियान में प्रत्येक उत्तराखंडवासी का योगदान महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं से किसी भी प्रकार के नशे को दृढ़ता से ना कहने को कहा, साथ ही अन्य लोगों को भी नशे के दुष्प्रभाव के विषय में जागरूक करने का युवाओं से आह्वान किया.
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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिला कारागर में नवनिर्मित बेकरी यूनिट का लोकार्पण भी किया. उन्होंने जिला कारागार में वेदांत फाउंडेशन के सौजन्य से संचालित कम्प्यूटर प्रशिक्षण केंद्र, कारागार अंलकार प्रदर्शनी, महिला बंदियों द्वारा हस्तनिर्मित प्रदर्शनी, कारागार में व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र का निरीक्षण किया. मुख्यमंत्री ने कैदियों से उनकी कुशलक्षेम पूछी और उन्हें सकारात्मक सोच अपनाने को कहा. उन्होंने कहा कि आशा है कि जेलों में निर्मित उत्पाद भविष्य में स्थानीय बाजार में भी बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे.

मुख्यमंत्री धामी ने कारागार से संचालित दून जेल रेडियो के माध्यम से अपना संदेश भी दिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की कि-

  1. कारागार विभाग के नाम को बदलते हुए 'कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवा' किया जाएगा एवं 'बंदी गृह' के स्थान पर 'बंदी सुधार गृह' किया जाएगा.
  2. कारागार विभाग में अलग से सुधार सेवा के रूप में करेक्शनल सर्विस विंग का गठन किया जाएगा.
  3. बंदी कल्याण कोष का गठन करते हुए कोष में एकमुश्त धनराशि एक करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाएगा.
  4. बंदीरक्षक संवर्ग को मासिक पौष्टिक आहार भत्ता रुपये 01 हजार अनुमन्य किया जाएगा.
  5. बंदी रक्षक संवर्ग को वर्दी भत्ता अनुमन्य किया जाएगा.
  6. बंदी प्रशिक्षण एवं पुर्नवास के लिए जिला कारागार, देहरादून में स्किल डेवल्पमेन्ट प्रोग्राम हेतु प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जाएगी.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कारागार भी समाज का ही अंग है. कैदी कारागार को पाश्चताप् और सुधार की तपस्थली मानें और सकारात्मक सोच के साथ भविष्य में समाज की मुख्यधारा से जुड़कर राष्ट्रनिर्माण में योगदान का संकल्प लें. उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि 2025 में जब हम राज्य स्थापना की रजत जयंती मना रहे हों तो हमारा राज्य पूर्ण रूप से नशा मुक्त हो जाए. हम प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी राज्य होंगे.
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सीएम ने कहा कि कारागारों में ड्रग्स के आदी कैदी भी आते हैं, जिनका रखरखाव/देखभाल कारागार प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. राज्य के सभी कारागारों में भी ड्रग्स फ्री अभियान के बारे में जागरुकता लाई जानी चाहिए. ड्रग्स के विरुद्व इसी अभियान के तहत जिला कारागार, देहरादून में ड्रग्स डी एडिक्शन सेंटर की शुरुआत की जा रही है. सरकार ने नशे के कारोबारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने जेलों में बंद आजीवन कारावास के बंदियों की समयपूर्व मुक्ति की पारदर्शी स्थायी नीति बनायी है, जिससे 14 साल की सजा पूरी करने पर बंदी रिहाई का पात्र हो जाएगा. इस नीति के तहत इस समय 160 बंदियों की रिहाई पर विचार किया जा रहा है. कैदी अपने परिजन की मृत्यु होने पर उसके अंतिम संस्कार से वंचित रहते थे. सरकार द्वारा अन्य राज्यों की अपेक्षा आसान पैरोल व्यवस्था बनायी गई है. सरकार ने बंदी के परिजन की मृत्यु पर अंतिम संस्कार के लिए तत्काल 24 घंटे का पैरोल और मृत्यु के बाद संस्कारों के लिए 15 दिन के पैरोल की व्यवस्था की है.

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि सरकार द्वारा बंदियों के कौशल विकास के लिए कारपेन्ट्री, दरी बुनाई, सिलाई, गमला निर्माण, एलईडी झालर इत्यादि अनेक व्यवसायिक प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है. जेलों में बने निर्मित उत्पादों की आपूर्ति सरकारी कार्यालयों में सुनिश्चित करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं.

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