ETV Bharat / state

उत्तराखंड में कई दवाओं के सैंपल फेल! केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट में खुलासा

author img

By

Published : Nov 18, 2022, 6:03 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 6:11 PM IST

उत्तराखंड में दवाई बनाने वाली कई कंपनियां मानकों का पालन नहीं कर रही है. इसका खुलासा केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की रिपोर्ट में हुआ है. मानकों का उल्लंघन करने वाली इन कंपनियों की हकीकत क्या है और क्या है पूरा मामला? आइए आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं.

food safety and drug administration uttarakhand
उत्तराखंड में कई दवाओं के सैंपल फेल

देहरादूनः उत्तराखंड न सिर्फ शिक्षा, बल्कि मेडिकल एजुकेशन का भी हब बनता जा रहा है. इतना ही नहीं यहां फार्मा कंपनियों का भी एक बड़ा दबदबा है और प्रदेश में बड़ी संख्या में फार्मा कंपनियां मौजूद हैं. जहां कई प्रकार की दवाइयां भी बनाई जा रही है. बावजूद इसके उत्तराखंड में मौजूद इन तमाम फार्मा कंपनियों की बनाई दवाइयों के सैंपल फेल साबित हो रहे हैं.

दरअसल, केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने अक्टूबर महीने में देशभर की तमाम फार्मा कंपनियों की दवाइयों का सैंपल लिया था. जिसमें से उत्तराखंड राज्य की सबसे अधिक 11 फार्मा कंपनियों की 11 दवाइयां टेस्ट में फेल साबित हुई हैं. उत्तराखंड में कई बड़ी फार्मा कंपनियां ऐसी हैं, जिनके सैंपल फेल हुए हैं. जिनमें अधिकांश सैंपल बुखार, एंटीबायोटिक, दर्द, उल्टी और विटामिन की दवाइयों से संबंधित हैं.

उत्तराखंड में कई दवाओं के सैंपल फेल.

बता दें कि केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization) ने देशभर से तमाम कंपनियों की 1,280 दवाइयों के सैंपल टेस्ट करवाए थे. जिसमें से 1,230 दवाइयां मांगों के अनुरूप पाई गई हैं तो वहीं 50 दवाई ऐसी हैं, जो केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन के मानकों पर खरा नहीं उतर पाई हैं. जो 50 दवाइयां फेल साबित हुई हैं, उन दवाइयों में से 11 दवाइयां उत्तराखंड में स्थित 11 फार्मा कंपनियों में बनाई गई है.

जो कि अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड में बनी सबसे अधिक फार्मा कंपनियों की दवाइयां फेल (medicines Samples failed in Uttarakhand) हुई है. इसके अलावा गुजरात की 4, महाराष्ट्र की 1, पश्चिम बंगाल की 2, उत्तर प्रदेश की 7, मध्य प्रदेश की 6, राजस्थान की 1, बिहार की 2, सिक्किम की 2, हरियाणा की 1, दिल्ली की 1 और तमिलनाडु की 3 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, उधम सिंह नगर और पंतनगर में मेडिसिन फार्मा कंपनियों की भरमार है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 283 मेडिसिन बनाने वाली फार्मा कंपनियां और 120 कॉस्मेटिक बनाने वाली कंपनियां हैं. इन सभी कंपनियों में से 132 मेडिसिन बनाने वाली फार्मा कंपनी डब्ल्यूएचओ से सर्टिफाइड हैं, लेकिन फार्मा कंपनियों का हब कहे जाने वाले उत्तराखंड में मौजूद तमाम फार्मा कंपनियां की दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं. यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ओर से जारी रिपोर्ट इस बात की तस्दीक कर रही है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में एक्सपायर होने की कगार पर 70 हजार से ज्यादा बूस्टर डोज, क्या खत्म हो गया डर!

अगर ऐसे ही फार्मा कंपनियों की दवाइयां तय मानकों पर फेल साबित होती रही तो यह कहना गलत नहीं होगा कि फार्मा कंपनियां दवाइयां बनाने के नाम पर लोगों की जिंदगियों के साथ खिलवाड़ करने का काम कर रही है. हालांकि, डॉक्टर प्रिसक्रिप्शन के अनुसार ही मरीज दवा देता है, लेकिन अगर इन दवाओं की गुणवत्ता सही नहीं होगी, तो यह दवाइयां मरीज को फायदा पहुंचाने की जगह नुकसान पहुंचा सकती है.

वहीं, उत्तराखंड औषधि नियंत्रक ताजबेर सिंह (Drug Controller of Uttarakhand) अलग ही तर्क देते नजर आ रहे हैं. ताजबेर सिंह (Drugs Controller Uttarakhand Tajber Singh) ने कहा कि जो 11 सैंपल फेल हुए हैं. दवा की मात्र में कोई कमी नहीं है. सैंपल कुछ टेक्निकल वजहों से फेल हुए हैं. दवा में कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा फार्म कंपनियां उत्तराखंड में स्थित है. यही वजह है कि सबसे ज्यादा दवाइयां यहां की कंपनियों के फेल हो रहे हैं. केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन सभी स्टेट से सैंपल को उठाता है और उसकी जांच करता है, लेकिन यह दवाइयां किन वजहों से फेल हुई है, यह देखना बाकी है.

हालांकि, राज्य स्तर पर भी दवाओं की सैंपलिंग की जा रही है. प्रदेश में नई लैब बनकर तैयार हो गई है. जिसके चलते अब तीन हजार दवाओं की सैंपलिंग की जा रही है. साथ ही कहा कि रेगुलर बेसिस पर इन कंपनियों का इंस्पेक्शन भी किया जाता है और ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग की जा रही है. जिसके चलते ज्यादा सैंपल फेल हो रहे हैं.

वहीं, उत्तराखंड स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार (Uttarakhand Health Secretary R Rajesh Kumar) ने कहा कि सैंपल फेल होने की लिखित जानकारी अभी प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन जैसे ही सैंपल फेल होने की लिखित जानकारी प्राप्त होगी. उसके बाद संबंधित कंपनियों से जानकारी एकत्र की जाएगी. साथ ही एफडीए एक्ट के तहत इन कंपनियों पर सुसंगत धाराओं के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Nov 18, 2022, 6:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.