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उत्तराखंड के सरकारी विभाग बजट खर्चने में फिसड्डी, वित्त विभाग का सर्कुलर जारी, अब होगी कटौती

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 12, 2024, 2:01 PM IST

Updated : Jan 12, 2024, 6:41 PM IST

Budget expenditure of government departments of Uttarakhand अक्सर सरकारी विभाग विकास योजनाओं के लिए बजट का रोना रोते रहते हैं. लेकिन उत्तराखंड में स्थिति उल्टी है. यहां सरकारी विभागों के पास बजट भरा पड़ा है, लेकिन वो खर्च नहीं कर पा रहे हैं. हालत ये है कि वित्तीय वर्ष खत्म होने वाला है, लेकिन कई विभाग एक चौथाई बजट भी खर्च नहीं कर पाए हैं. ऐसे में इन कंजूस विभागों को बजट में नए वित्तीय वर्ष में कैंची चलाने की चेतावनी दी गयी है.

Uttarakhand budget expenditure
उत्तराखंड बजट

उत्तराखंड बजट

देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार जहां एक तरफ वित्तीय वर्ष 2024- 25 के आम बजट की तैयारी में जुट चुकी है, वहीं दूसरी तरफ वित्तीय वर्ष 2023- 24 में कई विभाग बजट खर्च करने में अभी भी काफी पीछे चल रहे हैं. यहां तक कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं को पूरा करने के लिए जो बजट का प्रावधान किया गया था, उसे खर्च करने के आंकड़े भी गवाही दे रहे हैं कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं के बजट खर्च में ही काफी पीछे हैं.

बजट खर्चने में फिसड्डी साबित हो रहे विभाग: वित्तीय वर्ष 2024- 25 को लेकर धामी सरकार के द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि आगामी बजट को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आम जनता से राय शुमारी लेंगे. वहीं वित्तीय वर्ष 2023- 24 में विभागवार जो पास बजट विभागों का था, दिसंबर 2023 के आखिरी महीने तक की प्रगति में कई विभाग काफी पीछे चल रहे हैं. आप भी आंकड़ों के जरिए समझ सकते हैं कि आखिरकार दिसंबर महीने तक किस विभाग के द्वारा कितना बजट खर्च किया गया था और कितना बजट किस विभाग का पास हुआ था.

बजट का लेखा जोखा
ग्रामीण विकास में 1965 करोड़ करोड़ बजट का पास हुआ था, जिसमें से विभाग के द्वारा खर्च किया 676 करोड़
पीडब्ल्यूडी का 1681 करोड़ का बजट पास हुआ था, जिसमें से खर्च किया 775 करोड़
ऊर्जा विभाग का 1194 करोड़ का बजट पास हुआ था, खर्च कर पाए 262 करोड़ रुपये
शहरी विकास का 1116 करोड़ का बजट पास हुआ था, खर्च किया केवल 242 करोड़ रुपये
आपदा प्रबंधन विभाग का बजट पास हुआ था 1082 करोड़, खर्च हुआ सिर्फ 70 करोड़ रुपये
सिंचाई विभाग में पास हुआ 736 करोड़ का बजट, खर्च हुआ 116 करोड़
उद्यान विभाग 236 करोड़ में से सिर्फ 6 करोड़ खर्च कर पाया
समाज कल्याण विभाग में 167 करोड़ में से 13 करोड़ रुपये खर्च हुआ है
पर्यटन विभाग 165 करोड़ में से केवल 72 करोड़ रुपये खर्च कर पाया है
गृह विभाग 104 करोड़ के बजट में 67 करोड़ खर्च कर सका है
उच्च शिक्षा के 95 करोड़ के बजट में से सिर्फ 41 करोड़ खर्च हुए
वन विभाग के 80 करोड़ के बजट में 21 करोड़ खर्च हुआ
मुख्यमंत्री की घोषणाओं के लिए 65 करोड़ के बजट में 28 करोड़ खर्च हुए
कृषि विभाग के 63 करोड़ में से 35 करोड़ खर्च हुए
खेल विभाग के 55 करोड़ के बजट में 24 करोड़ खर्च हुए
स्वास्थ्य विभाग में 44 करोड़ के बजट में 20 करोड़ खर्च हुआ
युवा कल्याण विभाग के 23 करोड़ के बजट में 8 करोड़ खर्च हुआ

बजट खर्चने में कंजूसी करने वाले विभागों को मिलेगा कम बजट: यह हाल तब है जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा वित्तीय वर्ष शुरू होने से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है और सभी विभागों को हिदायत दी जा रही है कि वह बजट खर्च करने में तेजी दिखाएं बल्कि पीछे ना रहें. ऐसे में वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि आगामी वित्तीय वर्ष में जो विभाग चालू वित्त वर्ष में सही तरीके से बजट खर्च नहीं कर पाए हैं, उनको आगे उसी हिसाब से बजट दिया जाएगा जो प्रगति उनकी वर्तमान वित्तीय वर्ष में नजर आ रही है.

Budget expenditure
हर विभाग का एक जैसा हाल

सीएम के सचिव क्या कहते हैं: यह वास्तव में प्रदेश के विकास को लेकर चिंता की बात है कि आखिरकार जो बजट विकास कार्यों को गति देने के लिए विधानसभा से पास किया जाता है, उसे खर्च करने में कई विभाग दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. सचिव मुख्यमंत्री मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि अमूमन यह देखा जाता है कि जो विभाग बजट खर्च नहीं कर पाते हैं, उनको इस हिसाब से आगामी वित्तीय वर्ष में बजट आवंटित किया जाता है.

Budget expenditure
गृह विभाग भी बजट खर्चने में फिसड्डी

वित्त मंत्री ने दी चेतावनी: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल आगामी वित्तीय वर्ष में ऐसे विभागों को एक तरफ से चेतावनी भी दे रहे हैं, जो वर्तमान में बजट सही तरीके से खर्च नहीं कर पा रहे हैं. उनको आगामी वित्तीय वर्ष में उसी हिसाब से बजट दिया जाएगा, जिस प्रगति से वह बजट खर्च कर रहे हैं.

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उत्तराखंड के सरकारी विभागों का हाल

वहीं सचिव मुख्यमंत्री मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि यह परंपरा पहले से चली आ रही है. लेकिन सवाल यह है कि अगर वास्तव में इसी परंपरा के तहत विभागों को बजट मिलता है और वह बजट खर्च नहीं कर पा रहे हैं तो फिर ऐसी कौन सी संजीवनी उत्तराखंड में विभागों को दी जाए, जो बजट विभाग शत प्रतिशत खर्च कर सकें.

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जमकर मिला बजट खर्च नहीं किया
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Last Updated : Jan 12, 2024, 6:41 PM IST
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